झारखण्ड में कॉल सेंटर का शुभारंभ व फूलो झानो आशीर्वाद अभियान के ब्याज मुक्त लोन से आच्छादित हुईं 25 लाख सखी दीदियाँ
- मुख्यमंत्री ने 13 करोड़ 45 लाख 60 हजार रुपये का सांकेतिक चेक किया प्रदान
- मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लाभुक दीदियों को 10-10 हजार रुपये का सांकेतिक चेक सौंपा गया.
- मुख्यमंत्री ने हड़िया/दारू बिक्री/निर्माण का कार्य छोड़ आजीविका के अन्य विकल्प का चयन करने वाली महिलाओं को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और साड़ी देकर किया सम्मानित
रांची : मुख्यमंत्री जी धन्यवाद. जो मुझे कभी तिरस्कृत करते थे. आज मुझे अब सम्मान देने लगे है. वर्तमान में लोग मुझे बैंक दीदी के नाम से जानते हैं. यह फूलो झानो आशीर्वाद अभियान की बदौलत संभव हुआ. मुझे सरकार के सहयोग से लोन मिला और अब मैं बेहतर जीवन यापन कर रही हूं… यह शब्द खूंटी निवासी अनिमा हेरेंज के मुख से निकलते ही उनका गला रुंध जाता है, वह आगे कुछ और नहीं कह पाती. केवल हाथ जोड़ मुख्यमंत्री को पुनः धन्यवाद कर पाती है.
अवसर – फूलो झानो आशीर्वाद अभियान के अंतर्गत आजीविका उपलब्धता के तहत हड़िया/दारू निर्माण और बिक्री का कार्य छोड़ सम्मानजनक आजीविका के साधनों से जुड़ जीवन वाली महिलाओं का मुख्यमंत्री के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम.
जब से मैं राजनीति में आया तब से मेरे दिमाग में था कि झारखंडी महिलाओं का हड़िया-दारू बेचना सही नहीं
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा – जब से मैं राजनीति के क्षेत्र में आया तब से मेरे दिमाग में था कि हमारे झारखंड की महिलाएं हड़िया-दारू बेचती हैं, यह सही नहीं है. यह मेरी दृष्टि में समाज के लिए अभिशाप की तरह था. यह राज्य और समाज के लिए शर्म की बात थी. और आज फूलो झानो आशीर्वाद अभियान के माध्यम से इस त्रासदी से झारखंडी महिलाओं को बहार निकलना, स्थिति में सुधार होते देखना मेरे लिए सुखद अनुभव है…
मुझे मालूम है आप में से जो लोग भी इस काम में जुटे थे, वह आपकी मजबूरी थी, क्योंकि झारखण्ड में रोजगार के साधनों का अभाव था. इसलिए सरकार ने फूलो झानो आशीर्वाद योजना के माध्यम से आपके लिए संसाधन उपलब्ध कराने की ठानी. हमने संकल्प लिया है कि हमारी जितनी भी बहने हड़िया-दारू के काम में जुटी हैं, उन्हें हर हाल में उस नारकीय जीवन से बाहर निकालना है. क्योंकि समाज में दारु को अच्छा नहीं माना जाता है.
हड़िया दारु मुक्ति की तरह सरकार कुपोषण से भी लड़ रही है. बच्चों को मिलेगे 6 अंडे और ये अंडा आप देंगी सरकार को
मेरा सीधा मानना है, जो महिलाएं बाजार में हड़िया-दारू बेच सकती हैं, वह बाजार में साग-सब्जी और अन्य दुकान क्यों नहीं चला सकती है. आज आपके सहयोग से परीस्थिति में बदलाव आ रहा है. हड़िया-दारू की भांति कुपोषण भी हमारे राज्य के लिए अभिशाप है. इसके लिए भी सरकार ने बच्चों को मध्यान भोजन में हफ्ता में 6 दिन अंडा देने का फैसला लिया है. और ये 6 अंडे कहां से आएंगे? आप करें अंडे का उत्पादन, राज्य सरकार आपसे पूरा अंडा खरीद लेगी. आप आगे आइए और सरकार का हिस्सा बनिए. हमारे राज्य में अपार संभावनाएं हैं. आप काम करें, खेती-बाड़ी करें. जो काम करना हो करें- हम एक ऐसी व्यवस्था तैयार कर रहे हैं, जहां सरकार ही आपकी सबसे बड़ी खरीददार होगी.
फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान किन हालातों में हुई थी शुरू
झारखंड की त्रासदियों में गरीबी मुख्य है. नतीजतन, एक तरफ यहाँ की बेटियों का तस्करी होता था तो दूसरी तरफ जीवन-यापन के लिए महिलाएं हड़िया-दारू बेचने जैसे कोढ़ से अभिशप्त थी. लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सत्ता संभालते ही अपने पिता-दादा व झारखण्ड के महापुरुषों के पद चिन्हों पर चलते हुए महिलाओं को इस अभिशाप से मुक्त कर आत्मनिर्भर बनाने ठानी. अबुआ दिशुम अबुआ राज के अक्स तले, हेमंत सोरेन ने ज़िम्मेदारी के साथ झारखंड की समस्याओं को जड़ से खात्मे के लिए अपने सधे कदम बढाए. इसी कड़ी में फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान को धरातल पर उतारा गया.
यह राज्य में पहला मौका था जब किसी सरकार ने गंभीरता के साथ महिलाओं की सुधि ली. भाग्य बदलने की दिशा में योजना ने अपना असर दिखाना शुरू किया. तेजी से महिलाओं की आर्थिक स्थितियों में बदलाव देखे जाने लगे. जहाँ महिलाएं खुद अपनी तकदीर की राह तय करने लगी. और मौजूदा स्थिति में योजना की सफलता की कहानी 15000 महिलाओं के जिन्दगी में हुए बदलाव स्वयं बयान करती है.