हेमन्त की भांति सीएम चंपाई का समीक्षा बैठक भी जनपक्ष आधारित

झारखण्ड : हेमन्त की खिंची लकीर हुई और गाढ़ी. पहाड़ी मंदिर, लुगुबुरु तथा मरांगबुरु का होगा विकास. रजरप्पा विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में होगा विकसित. खेलगांव का होगा मेंटेनेंस.

रांची : पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में जन पक्ष में होने वाली मैराथन और निरंतर समीक्षा बैठकों की याद अब भी जनता के मन-मस्तिस्क में अंकित है. यह कड़ी मौजूदा सीएम चंपाई सोरेन के दौर में भी टूटी नहीं है. ज्ञात हो, 18 जून 2024 को पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग के कार्य प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक सीएम चंपाई सोरेन के उपस्थिति में हुई. इस बैठक में भी जन आशाओं के कैनवास पर राज्य विकास का खांका बिलकुल पूर्व सीएम की भांति खिंची गई.

समीक्षा बैठक भी जनपक्ष आधारित

बैठक में सीएम कहने से नहीं चुके कि झारखण्ड की प्राकृतिक सौन्दर्यता बेमिशाल है जिसके गोद में विभिन्न धार्मिक स्थल और कला-संस्कृति का अनोखा मिश्रण प्राकृत रूप में फल-फूल रहा है. इसकी ऐतिहासिकता को जीवित रखने के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए. आदिवासी धर्मस्थल लुगुबुरु तथा मरांगबुरु को एक बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में जल्द विकसित किया जाने का निर्देश दिया गया. और रांची स्थित पहाड़ी मंदिर का धार्मिक स्थल के रूप में सम्पूर्ण विकास पर जोर दिया गया.

झारखण्ड के पर्यटन-धार्मिक स्थलों को विश्व के मानचित्र पर लाने पर जोर 

सीएम चंपाई सोरेन का कहना कि झारखण्ड के पर्यटन तथा धार्मिक स्थलों को विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए हमें कार्य करने की जरूरत है. इस बाबत बेहतर कार्य योजनायें बनाते हुए आगे बढ़ने की आवशयकता है. राज्य के धार्मिक, आध्यात्मिक एवं विभिन्न पर्यटन क्षेत्र को निखार जन पक्ष में संभावनाएं उत्पन्न करने की अव्शयाकता हैं. निश्चित रूप से यह सभी बातें और कवायद पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन की कार्यप्रणाली और मंशा से मेल खाती स्पष्ट दिख चली है. 

सीएम चंपाई सोरेन ने न केवल आदिवासी बल्कि पूर्व सीएम की भांति सभी धर्मों के धर्म स्थलों की विकास जोर देते दिखे. इस कड़ी में रामगढ़ जिला स्थित रजरप्पा एक बेहतरीन विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने पर जोर देना तथ्य को स्पष्ट करती दिखती है. ज्ञात हो इस निमित्त सीएम द्वारा जल्द डीपीआर तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत सरना धर्म स्थलों के विकास पर भी बल दिया गया. 

झारखण्ड के ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के विकास को तेज करने पर जोर 

हुंडरू फॉल का रिनोवेशन तथा वहां के गेस्ट हाउस निर्माण कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया गया. विभाग द्वारा चिन्हित सभी पर्यटन स्थल जिसका विकसित किया जाना है, उन स्थलों की कार्य प्रगति में तेजी लाते हुए ससमय सम्पन्न करने पर जोर दिया गया. सेरेंगदाघाटी (कोल्हान) को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना. आदिवासी धर्मावलंबियों को सरना स्थल का परिभ्रमण कराना सुनिश्चित करने की कवायद भविष्य के विकसित झारखण्ड की तस्वीर उकेरती प्रतीत होती है. 

भोगनाडीह स्थित सिदो कान्हू प्रतिमा स्थल और उलिहातू शहीद स्थल को विकसित करने का निर्देश दर्शाता है कि गठबंधन सरकार राज्य के इतिहास के संरक्षण के प्रति गंभीर है. यह सभी स्थल राज्य के ऐतिहासिक विरासत है. सीएम का स्पष्ट कहना कि राज्य के सभी चिन्हित पर्यटन स्थल के विकसित होने से न केवल राज्य सांस्कृतिक रूप से गौरवान्वित होगा, अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. यह प्रयास जनता समेत पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन के प्रयासों को हर्षित करने वाला हो सकता है.

झारखण्ड के खेल-खिलाड़ी और प्रतिभा को नीतियों के आसरे संरक्षित करने का प्रयास 

सिदो कान्हू युवा खेल क्लब के गठन तथा रजिस्ट्रेशन कार्य में तेजी लाने का निर्देश. ज्ञात हो राज्य में अबतक 27248 सिदो कान्हू युवा खेल क्लब का गठन किया जा चुका है, जिसमें लगभग 11000 से अधिक क्लबों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. रांची स्थित खेलगांव का मेंटेनेंस हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश सीएम के द्वारा दिया जाना सारकार की खेल के प्रति गंभीरता दर्शाता है. मसलन, वर्तमान सरकार की नीतियां खेलगांव के निर्माण का उद्देश्य पूरा करती दिखती है, कहल-खिलाड़ियों को मजबूती देती दिखती है.

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