पारा शिक्षकों : वादों को पूरा करने की तैयारी में हेमंत सरकार, वेतनमान और मानदेय में होगी बढ़ोतरी, 64,000 से अधिक को मिलेगा सीधा लाभ

जेएमएम का चुनावी वादा था कि सत्ता में आने पर पारा शिक्षकों को सम्मानजनक सेवा शर्तों के साथ वेतनमान निर्धारण की कार्यवाही की जाएगी

रांची। राजनीति के तहत राज्य की हेमंत सरकार पर अपने चुनावी वादों को तोड़ने का जो भी लोग आरोप लगाते रहे हैं, उनके लिए एक दुखद खबर हैं। कोरोना काल में कई तरह की चुनावी वादों को पूरा कर चुकी हेमंत सरकार ने अब एक और चुनावी वादा को पूरा करने का फैसला किया है। फैसला पारा शिक्षक के हितार्थ में है। सरकार के इस फैसले से राज्य के 64,000 से अधिक पारा शिक्षकों को फायदा मिल सकेगा।

दरअसल, अपने चुनावी वादा के तहत हेमंत सरकार ने झारखंड के पारा शिक्षक को बिहार के ‘शिक्षा मित्र’ की तर्ज पर स्थायी करने का फैसला लिया हैै। साथ ही बिहार की ही तर्ज पर राज्य के पारा शिक्षक के स्थायीकरण व वेतनमान के लिए अब सीमित आकलन परीक्षा ली जायेगी। बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा का वादा था कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार पारा शिक्षकों को सम्मानजनक सेवा शर्तों के साथ वेतनमान निर्धारण की कार्यवाही करेगी। इसके अलावा सरकार के स्तर पर पारा शिक्षक के मानदेय में भी बढ़ोतरी पर भी विचार हो रहा है। यह सभी फैसला शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ पारा शिक्षकों की हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया है। बैठक में विभागीय अधिकारियों और पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के बीच कई बातों को लेकर भी सहमति बनी है। 

सातवां वेतनमान, ग्रेड पे, महंगाई भत्ता, आवास भत्ता और मेडिकल भत्ता का भी मिल सकेगा लाभ

शिक्षक मंत्री के साथ हुई बैठक में यह फैसला हुआ है कि राज्य के 64,000 के करीब पारा शिक्षकों को आगामी 5 सितम्बर यानी की शिक्षक दिवस के पहले हेमंत सरकार बड़ा तोहफा देगी। सभी को बिहार की तर्ज पर 5200-20200 का वेतनमान दिया जाएगा। साथ ही उन्हें 2400 से 2800 तक का ग्रेड पे भी मिल सकेगा। वेतनमान लागू होने से उन्हें सातवां वेतनमान, ग्रेड पे, महंगाई भत्ता, आवास भत्ता और मेडिकल भत्ता भी देय होगा। इसमें TET पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा। बाकी के लिए तीन सीमित (आकलन) परीक्षा होगी। जैसे-जैसे पारा शिक्षक इसमें पास करेंगे, उन्हें वेतनमान मिलने लगेगा। जो परीक्षा में पास नहीं कर पाएंगे उन्हें नौकरी से हटाया तो नहीं जाएगा लेकिन वेतनमान नहीं मिलेगा। उन्हें मानदेय से ही संतोष करना पड़ेगा।

अपने वादों को निभाने में आगे रहते हैं हेमंत सोरेन

पारा शिक्षकों की मांगों को पूरा कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बता दिया है कि वे झारखंडवासियों को किये अपने हर वादों को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। मुख्‍यमंत्री बनने से पहले यानी विपक्ष के नेता रहने के दौरान ही उन्होंने इन पारा शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि सरकार बनते ही पारा शिक्षक की समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा। लेकिन सरकार बनने के डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी पारा शिक्षकों की मांगें जस की तस हैं। लगातार पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिक्षकों को आश्वासन भी दिया था कि चेन्नई से स्वस्थ होकर लौटते ही वह उनकी समस्याओं का उचित समाधान निकालेंगे।

रघुवर ने बरसायी थी लाठियां, हेमंत के एक निर्णय से पूरा होगा लंबित मांग

एकीकृत पारा शिक्षक संघ के बैनर तले राज्यभर के पारा शिक्षक एक लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन तो भाजपानीत रघुवर सरकार के समय भी हुई थी। लेकिन जिस तरह पूर्व सीएम के निर्देश पर इन पारा शिक्षकों के ऊपर लाठी बरसाये गये, वह काफी निंदनीय था। जेएमएम नेता हेमंत सोरेन भी इस दर्द को भली-भांति जानते थे। इन 65000 पारा शिक्षकों को उचित समय पर मानदेय न मिलना, उनके हक में नियमावली तैयार करना और स्थायीकरण जैसे मांग काफी समय से लंबित था, लेकिन वह अब हेमंत सोरेन के एक निर्णय से पूरा होने जा रहा है।

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