झारखण्ड डुमरी विधानसभा उपचुनाव : डुमरी की जनता का स्पष्ट मानना है कि आजसू-बीजेपी के द्वारा हार के डर से ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM से प्राणवायु यानी ऑक्सीजन माँगा गया है.
गिरिडीह, डुमरी : झारखण्ड के मूलवासी समेत सभी आरक्षित और गरीबों के पक्ष में सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा खिंची गयी मोटी मानवीय लकीर और खतियानी स्व. जगरनाथ महतो के विशाल जन नायक व्यक्तित्व के अक्स में, राज्य में बीजेपी-आजसू गठबंधन अपने झूठे सामन्ती वादे-इरादे के साथ ज़मीनदोज हो चली है. अब चुनावी जीत के लिए उसकी एक मात्र आस केवल सामाजिक तनाव और ओवैसी पर ही आ टिकी है. यह झारखण्ड खबर का नहीं डुमरी की जनता का स्पष्ट कहना है.
ज्ञात हो, डुमरी की जनता स्व. जगरनाथ महतो के पक्ष में स्वंय चुनाव लड़ रही है. जिसके अक्स में वह अपने पहरुआ स्व. जगरनाथ महतो के कार्यों को समाज के बीच में खुद ही प्रस्तुत कर रहे है. ऐसे में यकायक डुमरी में ओवैसी की एंट्री उन्हें रास नहीं आ रहा है. जनता मीडिया के समक्ष स्पष्ट तौर पर बोलने से नहीं चुक रही कि आजसू-बीजेपी आँख के सामने अपनी स्पष्ट हार देख चुके हैं. और इस हार के डर से ही उसके द्वारा ओवैसी और AIMIM से प्राणवायु यानी ऑक्सीजन माँगा की गई है.
डुमरी की जनता लोकतंत्र बचाने के महत्वपूर्ण संघर्ष के बीच में ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM को बाधक के रूप में देख रही है. उनका स्पष्ट कहना है ऐसे नाजुक दौर में ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM का रवैया कतई लोकतंत्र के पक्ष में नहीं है. जनता का यह भी स्पष्ट मानना है कि यदि ओवैसी खुद को लोकतंत्र का रक्षक मानते तो वह स्व. जगरनाथ महतो के लोकतांत्रिक व्यक्तिव को सम्मान देते. सामंतवाद और लाकतंत्र के बीच इस महत्वपूर्ण संघर्ष में वह इंडिया के पक्ष में दिखते.