झारखण्ड प्रदेश के नियोजन नीति की तकलीफ बाहरियों को अधिक – CM

झारखण्ड : नियोजन नीति के मद्देनजर 19 बाहरी पीटीशनर के माध्यम से एक आदिवासी को आगे किया गया. जो झारखण्ड के नियोजन नीति के प्रति हुए षड्यंत्र को दर्शाता है – सीएम हेमन्त सोरेन

रांची विधानसभा : सीएम हेमन्त सोरेन ने सदन में कहा कि झारखण्ड की नियोजन नीति रद्द होना कोई नया नहीं. इससे पहले भी तीन बार रद्द हो चूका है. विपक्ष बात नहीं सुन रहा है. कल विपक्ष के मौजूदगी में कोर्ट के द्वारा रद्द नियोजन नीतोई को रद्द किये जाने के विषय में मंत्रणा भी हुई थी. विपक्ष के द्वारा कहा जा रहा है कि रघुवर सरकार में बनी स्थानीय नीति को रद्द किया गया. लेकिन हमने तो केवल झारखंडियों के हित में नियोजन नीति बनाने का प्रयास है. 

झारखण्ड प्रदेश के नियोजन नीति की तकलीफ बाहरियों को अधिक - CM

राज्य के लिए बड़ा दुर्भाग्य की बात है कि नियोजन नीति के मद्देनजर उच्च न्यायालय में पेश की गयी याचिका में 20 पिटीशनर है. एक आदिवासी युवक को आगे कर 19 बाहरी लोगों के माध्यम से षड्यंत्र रचा गया है. मसलन, झारखण्ड के नियोजन नीति की तकलीफ बाहरियों को अधिक है. इसीलिए राज्य में नियोजन नीति को और अधिक प्रोटेक्शन देने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई 1932 वर्ष आधारित खतियान स्थानीयता को 9वी अनुसूची में डालाने का प्रयास किया गया है.  

झारखण्डवासियों को तीसरी-चौथी ग्रेड की नौकरी सुनिश्चित करने के मंशा की पूर्ति के लिए सीएम के द्वारा पूरे सदन से अपील की गयी है कि वह सरकार के साथ दोपहर में राज्यपाल के पास पहुँच उनसे आग्रह करे कि झारखण्ड के नियोजन नीति को 9वी अनुसूची में डाल यहाँ के युवाओं के भविष्य को सुनिश्चित करें. हालांकि विपक्ष ने कल इस कार्य के लिए हामी भी भरी थी लेकिन रात-भर में उनके विचार बदल गए और उन्होंने अपने कदम पीछे खीच लिए.  

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