Old Pension Scheme : हेमन्त सोरेन की पहल लाखों कर्मियों के बुढ़ापे को देगी सहारा   

झामुमो (JMM) ने राज्य के सभी वर्गों के कर्मचारियों से पुरानी पेंशन लागू करने का किया था वादा. 29 दिसम्बर 2021 को सीएम ने घोषणा की कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर पूरा करेंगे वादा से पहले राजस्थान और अब केंद्र व अन्य राज्यों पर बढ़ रहा दबाव…

रांची : झारखण्ड सहित कई राज्यों के सरकारी कर्मीं, पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू करने को लेकर आंदोलनरत रहे हैं. बतौर झामुमो कार्यकारी अध्यक्ष व जनप्रतिनिधि रहते हेमन्त सोरेन ने कर्मचारियों की इस पीड़ा को नजदीक से समझा. और चुनाव के दौरान सभी वर्गों के कर्मचारियों से पुरानी पेंशन लागू करने का वादा किया. मौजूद दौर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का राज्य के तमाम वर्गों के कर्मचारियों के हित में वादा पूरा करने की दिशा में बढ़ना, दर्शाता है कि मुख्यमंत्री अपने विचारधारा के प्रति इमानदार हैं. और उनकी पार्टी व सरकार की विचारधारा तमाम वर्गों के कर्मचारियों के बुढापे को संरक्षित व सम्मान देने में विश्वास रखती है.

हेमन्त सोरेन का Old Pension Scheme लागू करने की घोषणा राज्य कर्मियों के बुढ़ापे को आसान बनाने के साथ देश भर में मुद्दा बन कर्मचारियों की लड़ाई को मज़बूती देगा 

सरकार के इस कदम को एक ऐसा मानवीय पहल माना जा  सकती है जिसके अक्स में न केवल राज्य के सभी वर्गों के लाखों सरकारी कर्मियों का बुढापा आसान होगा, राष्ट्रीय स्तर पर सूत्रधार मुद्दा बन देश भर के कर्मचारियों की लड़ाई को मजबूती प्रदान करेगा. ज्ञात हो, 2004 में तत्कालीन एनडीए सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) बंद की गयी थी. झामुमो ने चुनाव में राज्य के कर्मचारियों से वादा किया था कि उनकी सरकार बनेगी तो इस स्कीम को दोबारा लागू करेगी. 

ज्ञात हो, 29 दिसम्बर 2021, हेमन्त सरकार के 2 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित राज्यव्यापी कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पुरानी पेंशन स्कीम जल्द लागू करने की घोषणा की थी. इस घोषणा से अन्य राज्यों पर भी दबाव बना. नतीजतन, राजस्थान की गहलोत सरकार ने भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात की. मसलन, हेमन्त सोरेन की यह जनहित पहल अब केंद्र व अन्य राज्यों पर भी दबाव बनाएगा. और दूसरे राज्यों के कर्मियों के पुराने पेंशन योजना के संघर्ष को मजबूत देगी.

प्रतिनिधिमंडल के बयान से साफ है कि झारखण्ड के हर वर्ग को हेमन्त सोरेन से हैं उम्मीद 

ज्ञात हो, गुरूवार को पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर झारखण्ड सरकारी कर्मचारी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम हेमन्त सोरेन से मिले. इस दौरान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए साफ़ कहा कि झारखण्ड के हर वर्ग को हेमन्त सोरेन से बड़ी उम्मीद हैं. यह राज्य की पहली सरकार है, जिसने हमारी मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाया है. चुनावी घोषणा पत्र में किये वादे को पूरा करने मद्देनजर, वर्तमान सरकार ने झारखण्ड में पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा की है. ज्ञात हो, मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद राजस्थान सरकार ने भी पुरानी पेंशन स्किम लागू करने की बात कही है.

सीएम हेमन्त ने दोहराया – पुरानी पेंशन योजना बहाल करेंगे, हमारी सरकार अपने वादे पर कायम

प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद सीएम हेमन्त सोरेन ने ट्वीट कर कहा, ”अपने निश्चय पत्र 2019 में हमने घोषणा की थी कि वर्ष 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त होने वाले पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करेंगे. हमारी सरकार अपने वादों पर कायम हैं.”

2004 में एनडीए सरकार ने किया था बंद, उसी समय से विरोध हुआ है शुरू

ज्ञात हो, पुरानी पेंशन स्कीम को 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में बंद किया गया था. तत्कालीन सरकार ने इसकी जगह नई पेंशन योजना लाने का ऐलान किया था. 1 अप्रैल 2004 से लागू नयी पेंशन स्कीम के तहत प्रावधान किया गया कि जो भी इस तिथि के बाद सरकारी नौकरी ज्वाइन करेगा, उन्हें अपने वेतन से न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए योगदान देना जरुरी हॉग. पहले तो कई राज्यों ने इस कदम का विरोध किया और अपने यहां इसे अनिवार्य नहीं किया. बाद में धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने इसे अपना लिया. नतीजतन, नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हुआ. 

लंबे समय से कर्मी कर रहे थे Old Pension Scheme लागू करने की मांग – सीएम हेमन्त ने समझी इनकी पीड़ा

कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए लगातार प्रयासरत रहे हैं. सड़कों पर भी आंदोलन करते रहे हैं. राज्यों के कर्मियों को ही नहीं केंद्रीय कर्मचारियों को भी इसका इंतजार है. बतौर एक जनप्रतिनिधि हेमन्त सोरेन देश के लाखों कर्मियों के पीड़ा को समझा. और मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके कदम कर्मचारियों को अधिकार देने के तरफ बढ़े हैं. और उनका यह कदम केवल झाऱखण्ड तक ही सीमित नहीं रहा. मानवता के मद्देनज़र देश भर के कर्मचारियों के संघर्ष को विराम देने वाला साबित हो रहा है. मसलन, हेमन्त सरकार में, झारखण्ड में Old Pension Scheme लागू होती है तो केंद्र और अन्य राज्यों को स्पष्ट एक मैसेज देगा.

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