पदाधिकारी समझ चुके हैं -बीजेपी शासन के इशारों पर भ्रष्टाचार करना एक आत्मघाती फैसला

देश के तमाम पदाधिकारी अब समझ चुके हैं कि बीजेपी शासन के इशारों पर भ्रष्टाचार करना केवल आत्मघाती फैसला होता है. और बीजेपी और उसकी विचारधारा किसी का सगा नहीं होता है. 

रांची : सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा झारखण्ड में बेहतर शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, मूलवासी अधिकार, रिक्त पदों पर नियुक्ति जैसी तमान उलझनों को सुलझा एक बेहतर व्यवस्थ सुनिश्चित किया जा रहा है. ज्ञात हो, केन्द्रीय नीतियों के अक्स में सीएम को पूर्व के बीजेपी शासनों में कार्यरत पदाधिकारियों के साथ आगे बढना पड़ रहा है. जिससे उन्हें कई मामलों में कष्ट हो रह है. जिसका फायदा बीजेपी भ्रम के आसरे स्पष्ट रूप से उठाती दिख रही है. और यह स्थिति कमोवेश सभी गैर बीजेपी शासित राज्यों की भी है. 

पदाधिकारी समझ चुके हैं -बीजेपी शासन के इशारों पर भ्रष्टाचार करना एक आत्मघाती फैसला

तमाम परिस्थितियों के के बीच देश भर में बीजेपी व उसके सहयोगियों को मुद्दा विहीन होने का सच डरने लगा है. मसलन, मुद्दे की कंगालीपन के अक्स में बीजेपी अपने पूर्व के प्रिय पदाधिकारियों को बलि देने से भी नहीं चूक रही है. और केन्द्रीय शक्तियों के प्रभाव में अपने ही भ्रष्टाचार को केन्द्रित संस्थानों के लिफ़ाफ़े में बंद कर गैर बीजेपी शासित राज्यों के सरकारों के मत्थे मढने का प्रयास गोदी मीडिया व आईटी सेल के माध्यम से कर रहे हैं. नतीजतन, बीजेपी के सभी प्रिय पदाधिकारी स्तब्ध हैं.

तमाम तथ्यों का एक उदाहरण झारखण्ड में देखा जा सकता है. पूजा सिंघल से लेकर छवि रंजन तक की पटकथा स्पष्ट कहानी बयाँ करती है. शायद बीजेपी का झारखण्ड में ऐसा करने का मुख्य कारण यहाँ एक आदिवासी सीएम का होना था. लेकिन, यह आदिवासी सीएम बीजेपी के लिए लोहे का चना साबित हुए और उसके प्रोपगेंडो पर्दाफास किया. नतीजतन, देश के तमाम पदाधिकारी अब समझ चुके हैं कि बीजेपी शासन के इशारों पर भ्रष्टाचार करना केवल एक आत्मघाती फैसला होता है. और बीजेपी किसी का सगा नहीं होता है.

Leave a Comment