निशिकांत दुबे बांग्लादेशी घुसपैठ के आसरे बाहरियों को दे रहे संरक्षण

झारखण्ड : अधिकाँश सत्ता बीजेपी की रही तो सभी घुसपैठ का जिम्मेदार बीजेपी. ऐसे में निशिकांत दुबे का बांग्लादेशी घुसपैठ को निशाना बनाना अन्य बाहरियों के बचाव का प्रयास और खतियानी जोहार यात्रा के राहों में रोड़े अटकाने का प्रयास.

रांची : झारखण्ड में 8 दिसम्बर से अमर वीर शहीद नीलाम्बर-पीताम्बर की संघर्षशील धरती गढ़वा से सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में जन जागरूकता व विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को समाप्त करने हेतु ‘खतियानी जोहार यात्रा’ की शुरुआत हुई है. ज्ञात हो खतियान आधारित स्थानीयता की मांग राज्य के मूलवासियों के द्वारा झारखण्ड गठन काल से हो रहा था. विडंबना है कि झारखण्ड में बीजेपी के लम्बे शासन काल में भी मूलवासियों को उनका हक तो नहीं मिला. उलटे बाहरियों को ठसक के साथ मूलवासियों के अधिकार लुटाए गए.

निशिकांत दुबे बांग्लादेशी घुसपैठ के आसरे बाहरियों को दे रहे संरक्षण

बीजेपी राजनीति के संरक्षण में राज्य में बाहरियों की संख्या बेतहाशा बढ़ी और दूसरी तरफ मूलवासी का पलायन बढ़ा. जिसके कारण राज्य में मूल जनसंख्या के गणीत में भरी फेर बदल हुआ. अब चूँकि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे झारखण्ड के राजनीतिक चौसर पर सीधे बाहरियों की पक्ष नहीं ले सकते तो उनके द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों के कंधे पर बंधूक चलाने का प्रयास किया जा रहा हैं. और फिर एक बार बीजेपी नीतियों के गुनाह को हेमन्त सत्ता के सर थोप बाहरियों की वकालत की जा रही है.

बीजेपी सांसद के द्वारा स्पस्ट तौर पर फिर एक बार सामंतवादी चाल चली गई है. उनके द्वारा सीधे-सीधे बांग्लादेशी घुसपैठियों के आसरे अन्य बाहरियों को संरक्षण देने का प्रयास हुआ है. ऐसी में निशिकांत दुबे को राज्य की जनता को बताना चाहिए कि जब झारखण्ड में अधिकाँश सत्ता बीजेपी की रही है तो झामुमो के द्वारा कैसे बाहरियो व बांग्लादेशियों का घुसपैठ हो सकता है. इसकी जिम्मेदारी तो बीजेपी की ही होती है.


पूर्व के बीजेपी शासन पर विशेष शाखा का समानांतर कार्यालय चलाने का आरोप

पूर्व के बीजेपी शासन में झारखण्ड में अपराध के कई शाखाएं खुली. ज्ञात हो, सीएम आवास के सामने हत्या हुई. बीजेपी नेता तक महिला उत्पीडन में संलग्न पाए गए. ऐसे में अपराध के मद्देनजर निशिकांत दुबे के आरोप का जवाब उनके पूर्व साथी सह वर्तमान विधायक सरयू राय द्वारा दिया गया है. सरयू राय द्वारा ट्विट साझा किया गया कर दस्तावेज पूर्व के बीजेपी सरकार में राज्य में अपराध के गहरी पैठ की पोल खोलती है.

सवाल – थाना डोरंडा, राँची में झारखंड सीआईडी द्वारा दायर कांड संख्या 189/20 का संज्ञान लें. यह तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता द्वारा फ़ोन टेपिंग के लिए विशेष शाखा का समानांतर कार्यालय खोलने और उसे एक निजी व्यक्ति के हवाले करने के बारे में है. जाँच हो तो धन-शोधन का बड़ा मामला निकलेगा.

क्या यह बात सही है कि वर्ष 2015 से 2019 के बीच झारखण्ड पुलिस के विशेष शाखा का एक अवैध कार्यालय मुख्यालय में चल रहा था. जहाँ से एक गैर सरकारी व्यक्ति विशेष शाखा की अनधिकृत गतिविधियाँ संचालित कर रहा था और उसे विभाग द्वारा तमाम सुविधायें दी जा रही थी.

जवाब तत्कालीन अपर पुलिस महानिदेशक, विशेष शाखा. झारखण्ड, रांची के द्वारा माह नवंबर 2017 एवं माह जनवरी 2018 में सचिव, भवन निर्माण विभाग, झारखण्ड सरकार से लिखित अनुरोध कर विशेष शाखा के कार्य हेतु दो सरकारी भवन माह फरवरी-2018 में आवंटित कराये गये थे, जिनमें से एक भवन में विशेष शाखा का कार्यालय चल रहा था और दूसरे भवन में एक गैर सरकारी व्यक्ति आवासित था. उक्त गैर सरकारी व्यक्ति के द्वारा कुछ सरकारी सुविधाओं का उपयोग किये जाने के संबंध में कुछ तथ्य सामने आये हैं. जिनकी समीक्षा पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है.

बीजेपी काल में सी.आई.डी. में भी फोन टेपिंग एवं अन्य अनधिकृत कार्य संचालित होने के आरोप

सवाल क्या यह बात सही है कि ऐसी ही गतिविधियाँ उस समय पुलिस मुख्यालय के अपराध अनुसंधान विभाग (सी.आई.डी.) में भी चल रही थी, जहाँ फोन टेपिंग एवं अन्य अनधिकृत कार्य संचालित हो रहा था.

जवाब : इस संबंध में डोरण्डा थाना काण्ड संख्या-189 / 20. दिनांक 18.07.2020 दर्ज किया गया है, जो अनुसंधान अंतर्गत है।

सवाल क्या यह बात सही है कि 2020 में विशेष शाखा और सी. आई.डी. में चल रही अवैध गतिविधियों पर सरकार ने रोक लगा दिया. जांच में इसे सही पाया, परंतु दोषियों पर अबतक कार्रवाई नहीं हुई.

जवाब आंशिक स्वीकारात्मक. विशेष शाखा में अवैध गतिविधि की कोई सूचना नहीं है. इस संबंध में अपराध अनुसंधान विभाग, झारखण्ड रांची के द्वारा डोरण्डा थाना काण्ड संख्या-189 / 20. दिनांक 18.07.2020 धारा-166 / 167 / 418/120बी० भा०द०वि० का अनुसंधान किया जा रहा है. यह काण्ड वर्तमान में अनुसंधान अंतर्गत है. उपरोक्त कंडिकाओं में वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दिया गया है.

नैतिकता के आधार पर सांसद महोदय को भ्रम फैलाने के बजाय सही तथ्य उजागा करना चाहिए

ऐसे में सांसद महोदय को कम से कम नैतिकता के आधार पर जनता को स्पष्ट करना चाहिए कि जब राज्य में अधिकतर सत्ता बीजेपी की रही तो राज्य में कैसे बाहरी घुसपैठ संभव हुए. और दूसरा विधायक सरयू राय के तथ्यों के आलोक में कुछ ट्विट किया जाना चाहिए.


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