झारखण्ड : राष्ट्र संपत्ति -बच्चों को चुनौतियों में संभालते सीएम

झारखण्ड : चुनौतियों के बीच भी सीएम का फोकस राष्ट्र संपत्ति ‘बच्चों’ के भविष्य सवारने पर है. एक तरफ बीमारी से पीड़ित व अनाथ बच्चों को नया जीवन मिल रहा तो दूसरी तरफ उन्हें शिक्षा से जोड़ा जा रहा है.

रांची :  सीएम हेमन्त सोरेन चुनौतियों के बीच भी राष्ट्र संपत्ति ‘बच्चों’ को संभालने पर फोकस कर रहे है. एक तरफ गंभीर बीमारी से पीड़ित और अनाथ बच्चों को नया जीवन मिल रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ 03-18 साल के बच्चों के विद्यालय में नामांकित होने या नामांकित नहीं होने तथा विद्यालय से ड्रॉप आउट से संबंधित शिशु पंजी कार्य राज्य में 6 जनवरी से निःशुल्क हो रहा है. जो निश्चित रूप सराहनीय प्रयास है.

झारखण्ड : राष्ट्र संपत्ति -बच्चों को चुनौतियों में संभालते सीएम

सीएम सोरेन स्वयं राज्य के गरीब बच्चों के मामले में पहल करते देखे जा रहे हैं. ज्ञात हो, सीएम के द्वारा पूर्व में ही दिए गए आदेश के तहत बच्चों के मामलों की जानकारी मिलते ही संबंधित जिला के उपायुक्त त्वरित संज्ञान लेते हुए उन्हें इलाज व योजनाओं से लाभान्वित करने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं. जिससे राज्य के बच्चों को संभालने व उसके भविष्य को संवारने की दिशा में सकारात्मक कार्य होते देखे जा रहे हैं.

वृद्ध दादी के तीन अनाथ पोता-पोती के भरण पोषण और शिक्षा के लिए मिला सहारा 

गढ़वा प्रखंड के परिहारा पंचायत के बलिगढ़ गांव के अनुसूचित जाति परिवार के तीन बच्चों के साथ उनकी बूढ़ी दादी जब गढ़वा उपायुक्त के पास जनता दरबार में पहुंची, तो उन्हें और उनके पोता-पोती को जीने का सहारा मिला. उपायुक्त रमेश घोलप बलिगढ़ गांव पहुंच कर उन बच्चों एवं उनकी देखरेख करने वाली वृद्ध दादी चाखी कुंवर से मुलाकात की.

बच्चों को स्कूल बैग, यूनिफार्म, स्वेटर, लंच बाक्स, पेंसिल, कापी एवं अन्य उपयोगी सामग्री दी गई. बच्चों का राशन कार्ड एवं गोल्डेन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. नौ वर्षीय निर्भय कुमार और सात वर्षीय नीलम कुमारी को मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण सेवाएं योजना के तहत प्रतिमाह 2000 की सहायता राशि का स्वीकृति पत्र मिला. यह राशि बच्चों के 18 वर्ष के होने तक दी जायेगी.

मालूम हो कि चाखो कुंवर अपने पुत्र और पुत्रवधू की मौत के बाद उनके तीन बच्चों अभय कुमार, निर्भय कुमार और नीलम कुमारी का बमुश्किल पालन पोषण कर रही थी. बच्चों का नाम राशन कार्ड में जोड़ने को लेकर वृद्ध चाखो कुंवर विगत दिनों समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त से गुहार लगाई थी. मामले की जानकारी के बाद उपायुक्त उनके घर पहुंच कर विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया.

अभिराम के ट्यूमर की बीमारी का शुरू हुआ इलाज 

सीएम के आदेश के बाद अभिराम सोय की आंख की ट्यूमर का इलाज शुरू हो गया है. मालूम हो कि पश्चिमी सिंहभूम के गोइलकेरा प्रखंड स्थित बारा गांव निवासी सादो सोय का चार वर्षीय पुत्र अभिराम सोय पिछले छह महीनों से आंखों के ट्यूमर से पीड़ित है. पैसे एवं जानकारी के अभाव में उसका इलाज करा पाने में उसके माता पिता असमर्थ थे. मामले में चाईबासा उपायुक्त ने उसके इलाज हेतु सिविल सर्जन को निर्देश दिया और अभिराम के टयूमर का उपचार शुरू हुआ.

हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने हेतु शिशु पंजी में नाम जोड़ने का प्रयास 

पूर्व के सरकारी नीतियों के अक्स में राज्य में बच्चों ने विद्यालय छोड़े. ऐसे बच्चों की पहचान कर फिर से उन्हें विद्यालय से जोड़ना का प्रयास वर्तमान सरकार में हो रहा है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अन्तर्गत 03-18 साल के बच्चों के विद्यालय में नामांकित होने या नामांकित नहीं होने तथा विद्यालय से ड्रॉप आउट होने से संबंधित जानकारी लेने हेतु शिशु पंजी से सम्बंधित कार्य पूरे राज्य भर में 6 जनवरी से निःशुल्क हो रहा है. 

इस प्रयास की कड़ी को सशक्त बनाने के लिए सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षा विभाग के विभिन्न पदाधिकारियों एवं चिह्नित स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा प्रत्येक परिवार में जाकर उक्त आयु वर्ग के स्कूल जाने वाले, नहीं जाने वाले एवं ड्रॉप आउट बच्चों की जानकारी ली जा रही है. जिसके आधार पर सरकार को राज्य में शिक्षा संबंधी आवश्यक नीति निर्माण एवं शिक्षा योजना में सहयोग मिलेगा. इस कार्य में सभी से सहयोग देने की अपील सरकार ने की है. 

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