Hemant Soren : मेरी दिल्लगी कुर्सी नहीं राज्य की सवा तीन करोड़ जनता है

हेमन्त सोरेन : जिस देश का केंद्र सरकार राज्य सरकारों से लड़ाई कर वहाँ की लोकतांत्रिक, चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश कर रहा हो. उस देश का भविष्य क्या हो सकता है अंदाज लगाया सकता है. 

रांची : पत्रकारों के सवाल पर झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा देश की एक गंभीर परिस्थिति पर चिंता जतायी गई. उनके द्वारा स्पष्ट कहा गया कि जिस देश का केंद्र सरकार राज्य सरकारों से लड़ाई कर रहा हो, वहाँ की लोकतांत्रिक, चुनी हुई सरकारों को गिराने की साजिश कर रहा हो. उस देश का भविष्य क्या हो सकता है इस तथ्य का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में मुझे चिंता नहीं क्योंकि मेरी दिल्लगी कुर्सी नहीं राज्य की जनता है.

जाहिर है ऐसी परिस्थिति में कोई राज्य विकास पथ पर आगे कैसे बढ़ सकता है. और जब राज्य ही आर्थिक-सामाजिक तौर पर आगे नहीं बढ़ेगा तो देश का विकास कैसे संभव हो सकता है. और वह भी उस नाजुक परिस्थिति में जब देश की अर्थव्यवस्था कोरोना समेत अन्य केन्द्रीय नीतियों के अक्स में ऐतिहासिक निचली स्तर हो और देश की बेरोजगार जनता ऐतिहासिक महँगाई की मार से त्रस्त हो.  

व्यापारी वर्ग का काम ही खरीद-विक्री करना होता है – Hemant Soren

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उन्हें दिल्लगी कुर्सी से नहीं बल्कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता से है. क्योंकि देश में व्यापारी वर्ग का शासन है. व्यापारी वर्ग का काम ही खरीद-विक्री करना होता है. जो स्पष्ट रूप से देश भर दिख रहा है और आगे भी दिखेगा. स्थिति यह है कि अब कुछ विधायक खुद ही बिकने को तैयार हैं. जो पकड़ा गए वह विलयन और जो नहीं पकड़ाए उनकी बल्ले-बल्ले. लेकिन हर किसी का किस्मत शिंदे जैसा नहीं होता. ऐसे में, मैं चिंतित नहीं हूँ क्योंकि मुझे कुर्सी से दिल्लगी नहीं राज्य की एससी-एसटी-ओबीसी समेत सभी सवा तीन सवा तीन करोड़ जनता से है.

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