झारखण्ड :मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना-न डूब क्षेत्र न विस्थापन 

झारखण्ड : सीएम सोरेन ने मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना की रखी आधारशिला. यह राज्य की पहली ऐसी परियोजना, जिसमें ना विस्थापन ना डूब क्षेत्र. 276 गांवों के कृषि भूमि में पहुंचेगा पानी जिससे लहलहाएंगे फसल. देश में विकास की नई दृष्टि.

रांची : मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना – 9 नवंबर 2022, हेमन्त सरकार में, झारखण्ड में सीएम सोरेन के द्वारा ऐसी सिंचाई परियोजना का आधार रखा गया जिसमें ना झारखंडी विस्थापित होंगे और ना ही गाँव डूबेंगे. और इस महत्वकांक्षी योजना से मसलिया-रानीश्वर प्रखंड के तकरीबन 276 गांव की 22383 हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी मिलेगा जिससे वहां फसल लहलहाएंगे.  

झारखण्ड :मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना-न डूब क्षेत्र न विस्थापन 

ज्ञात हो, सीएम सोरेन के द्वारा मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास और भूमि पूजन कर, मॉडल का अवलोकन कर देश में विकास की नई दृष्टि रखी गई. सीएम ने कहा कि मसलिया-रानीश्वर सिंचाई परियोजना के निर्माण के दौरान ही यह सिंचाई कमांड एरिया टूरिस्ट हब के रूप में भी विकसित होगा. जिससे ना केवल कृषि, पर्यटन के माध्यम से भी इस ग्रामीण क्षेत्र का आर्थिक विकास संभव होगा. 

मसानजोर डैम से झारखण्ड को अपेक्षित विकास नहीं हुआ

झारखण्ड में पूर्व में निर्मित मसानजोर डैम से दुमका को क्षति की तुलना में फायदा काम मिला. साथ ही डैम निर्माण में कई गांव डूब क्षेत्र में आए और जनता विस्थापित हुए. लेकिन इस इलाके को अपेक्षाकृत उतना फायदा नहीं मिला जितना पड़ोसी राज्य मिला है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए हेमन्त सरकार में मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना की परिकल्पना हुई है, ताकि इस क्षेत्र के खेतों को सालों पानी मिले और इसका समग्र विकास हो. 

सिंचाई परियोना से पर्यटन को भी बढ़ावा देने की योजना  

हेमन्त सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकारण को संकल्पित है. मसलन, मसलिया-रानीश्वर सिंचाई परियोजना के निर्माण के दौरान ही इस सिंचाई कमांड एरिया को टूरिस्ट हब के रूप में विकसित करने पर भी जो दिया गया है. इसके लिए कार्य योजना बनाई जा रही है ताकि स्थानीय जनता को कृषि के अलावा पर्यटन के क्षेत्र में भी रोजगार के मौके मिले. और क्षेत्र का चौमुखी विकास हो. 

1313.25 करोड़ रुपए बनने वाली यह परियोजना का निर्माण कार्य 3 वर्षों में होगा पूरा 

  • मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से कृषि भूमि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इस परियोजना के निर्माण में 1313.25 करोड़ रुपए खर्च होंगे और तीन वर्षों में धरातल पर उतरेगा. 
  •  दुमका जिले के मसलिया प्रखंड के 204 और रानीश्वर प्रखंड के 72, कुल 276 गांव इससे लाभान्वित होंगे. 
  • इस परियोजना के चालू होने से 22,383 हेक्टेयर कृषि भूमि में जल पहुंचेगा. इसमें मसलिया प्रखंड की 17066 हेक्टेयर और रानीश्वर प्रखंड की 5217 हेक्टेयर कृषि भूमि शामिल है. 
  • धान के अतिरिक्त दलहन और तिलहन के साथ रागी, ज्वार-मक्का जैसे फसलों की खेती के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. 
  • सिद्धेश्वरी नदी पर मुरगुनी गांव के पास एक बराज भी बनेगा. ताकि, पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई योग्य भूमि में पटवन के लिए हमेशा पानी उपलब्ध रहे. 
  • भारी वर्षा होने और खेतों में जरूरत से अधिक पानी पहुँचने की स्थिति में पानी को अगल-बगल के जलाशयों में डाइवर्ट किया जा सकेगा. जिससे न केवल फसल को बचाया जा सकेगा इस जल का अन्य कार्यों में भी इस्तेमाल हो सकेगा.

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