जनगणना 2021, मातृभाषा ‘कुड़मालि’ को भाषा कोड में शामिल करने हेतु बेटे-बेटियों की गुहार

मथुरा महतो, मंगल कालिंदी, समीर मोहंती, ममता देवी, सबीता महतो, दीपिका पाण्डेय आदि विधायकों ने जनगणना 2021 में मातृभाषा ‘कुड़मालि’ को भाषा कोड में शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री से लगायी गुहार – हेमन्त सोरेन लड़ाई में होंगे सेनापति

मातृभाषाओं का तारतम्य अलग झारखंड में कब कैसे टूटा। कैसे शहरी व बाहरी मिज़ाज के संवाद तले, सत्ता के सानिध्य में मातृभाषा दम तोड़ती गयी। बयान की कोई ठोस लकीर तो खींची नहीं जा सकती। लेकिन यह कहा जा सकता है कि 2000 के बाद जब पहली सत्ता ने ही कल्याणकारी राज्य की जगह उपभोक्ता वादी राज्य की सोच अपना ली। तो मातृभाषा के सिकुड़न के मद्देनज़र झारखंड के विभिन्न भाषी नागरिक, जो उपभोक्ता नहीं हो सकते थे, के सामने विकास की लकीर से हटने का संकट गहराता चला गया। 

यह बारीक रेखा हो सकती है कि कैसे उस राज्य सत्ता की बदली सोच के साथ सभ्यता व संस्कृत पर बरसों टिकी, हर वह धंधा बदल जाता है, जो मातृभाषा के आसरे पीढ़ियों की रोजी-रोटी से जुड़ा होता है। और त्रासदी का सच महसूस तब होता है जब वह मानसिकता 20 बरस बाद सत्ता तक पहुँचती है। जिसके अक्स में मातृभाषा में फिर से उसी मिट्टी में रचने-बसने की तड़प जागती है। भाषा ही ताकत हो सकती है जब मथुरा महतो, मंगल कालिंदी, समीर मोहंती, ममता देवी, सबीता महतो, दीपिका पाण्डेय आदि जैसे उसकी संताने जनगणना 2021 के भाषा सूची में मातृभाषा ‘कुड़मालि’ को भाषा कोड में शामिल कराने की गुहार लगाता है। और मुखिया हेमंत सोरेन लड़ाई में सेनापति बनने को हामी भरता है।  

2 करोड़ से भी अधिक जनसंख्या के साथ बसे कुड़मि जनजाति समुदाय की जनजातीय मातृभाषा  है ‘कुड़मालि’

ज्ञात हो कि छोटानागपुर पठार अंतर्गत झारखण्ड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा के अलावे असम राज्य के विभिन्न जिलों में, लगभग 2 करोड़ से भी अधिक जनसंख्या के साथ बसे कुड़मि जनजाति समुदाय की स्वायत्त कबिलावाची जनजातीय मातृभाषा ‘कुड़मालि’ है। जिसे सानिध्य में वसोवास अन्य समुदायों द्वारा भी बोली जाती है। एसे मे भारत की जनगणना के भाषा सूची में कुड़मालि (KUDMALI) भाषा कोड की मांग उचित हो सकती है। जिससे जनगणना में कुड़मालि भाषा की समुचित संख्या दर्ज हो पाने में सहूलियत हो सकती है। साथ ही एक आदिम विशिष्टता से परिपूर्ण भाषा और उससे संबंधित आदि विशिष्ट संस्कृति व परंपरा के विलोपित होने से बचाया जा सकता है।

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