झारखण्ड : एक नारी शक्ति के रूप में कल्पना सोरेन कीअलौकिक धमक की स्पष्ट छाप और बौखलाहट झारखण्ड के विपक्ष से लेकर केन्द्रीय शक्तियां के कार्यप्रणाली में देखी जा रही है.
रांची : एक भारतीय नारी का शक्ति के रूप में प्रचंड रौद्र रूप तब दिखता जा उसका परिवार संकट में होता है. इसके कई ऐतिहासिक-साहित्यिक उदाहरण मौजूद हैं. इसका स्पष्ट उदाहरण वर्तमान में झारखण्ड प्रदेश में कल्पना सोरेन के रूप में देखा जा रहा है. ज्ञात हो, केन्द्रीय सत्ता के प्रभावशाली शक्तियों के अक्स में पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन को देश के महत्वपूर्ण चुनाव के दौर में बिना न्यायालय की मध्यस्ता के जेल भेज झामुमो विचार की राजनीति को संकट में डालने का सामंती प्रयास हुआ.
केन्द्रीय शक्तियों के प्रभाव में उत्पन्न किये गए कृत्रिम राजनीतिक संकट के अक्स में कल्पना सोरेन के समक्ष अपने पति और बतौर पूर्व सीएम पत्नी झारखंडी परिवारों की सामन्ती विचारधारा से संरक्षण देने का दायित्व आ गया. ज्ञात हो, अपने परिवार को संकट में देख भारतीय नारी शक्ति भागती नहीं बल्कि ठीक इसके उलट झाड़ू-बेलन जैसे रसौइया उपकरण के आसरे संकट से मुकाबला करने को आगे बढ़ जाती है और जीतती भी हैं. कल्पना सोरेन के अक्स में यह प्रवृति स्पष्ट देखी जा रही है.
वह अपने परिवार, बूढ़े सास-ससुर को संभालते हुए झारखंडी परिवारों को संभालने की दिशा में 4 मार्च को राजनीति में कदम बढ़ाई. झारखण्ड की वीर महिलायें मानो उनके इस कदम इन्तजार कर रही हो. उन्होंने इस वीरांगना के लिए न केवल ह्रदय खोली आगे बढ़ कल्पना सोरेन के राहों से सभी कांटे-बाधाये हटाती देखी जा रहीं हैं. महज चंद दिनों में कल्पना सोरेन के व्यक्तिव की धमक की गूंज दिल्ली तक पहुंचना आसाधारण नहीं, साक्षात ही यह कोई प्राकृत शक्ति का पर्याय ही हो सकता है.
कल्पना सोरेन का राजनितिक परिचय का पग चक्र
3 मार्च 2024 : जन्मदिन के अवसर पर पूर्व सीएम हेमन्त से जेल में मुलाकात. इस अवसर पर उनका परिवार के साथ न होने का दुःख सपष्ट उनके शब्दों में झलका.उन्होंने स्पष्ट कहा केंद्र की भाजपा सरकार के षड्यंत्र के चलते हेमन्त जी को अपनी जनता से दूर हुए 1 महीने से अधिक हो गए हैं, यह उनकी बहुत बड़ी और भारी भूल है. गिरिडीह में झामुमो के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले ससुर शिबू सोरेन और सास से आशीर्वाद ली.
4 मार्च 2024 : गिरीडीह में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के 51वे स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुई. जन संबोधन में कहा जन-जन के नेता हेमन्त जी को षड्यंत्र के तहत परेशान करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार के मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे. उन्होंने कहा भाजपा सरकार के लिए आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक के आंसुओं का कोई मोल नहीं. मैं भी आंसू नहीं बहाऊंगी.न झारखण्ड झुका है, न झारखण्डी झुकेगा. हेमंत है तो हिम्मत है.
6 मार्च 2024 : उनकी उपस्थिति में आजसू नेता श्री एमटी राजा झामुमो शामिल हुए. संताल में उन्होंने कहा हर हाथ तीर-कमान थामेगा, झामुमो का कारवां बढ़ता जायेगा. झारखण्ड के जन नेता हेमन्त सोरेन को षड्यंत्र के तहत परेशान करने वाले विपक्ष की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.
7 मार्च 2024 : उन्होंने झारखण्ड सरकार के द्वारा महिला कर्मियों के लिए 2 वर्ष का Child Care Leave स्वीकृत करने के लिए आभार जताया. कहा आदरणीय सीएम चम्पाई सोरेन चाचा जी ने राज्य की महिला कर्मियों को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के पूर्व एक बड़ा उपहार दिया है. हेमन्त सोरेन के प्रति आभार जताने पहुंची महिलाओं के बीच उन्होंने कहा कि यह महिला अधिकार से जुड़ा विषय है इसलिए ऐसे निर्णय होने चाहिए.
9 मार्च 2024 : मैं झारखण्ड की बेटी हूं और झारखण्ड की बहू. सिदो-कान्हू, धरती आबा बिरसा, फूलो-झानो, बाबा तिलका मांझी, जैसे वीर योद्धाओं और वीरांगनाओं जीवन को आत्मसात करते हुए मैं बड़ी हुई हूं. दिशोम गुरुजी के संघर्षों से हौसला मिली है. मेरे पति जन नायक हेमन्त सोरेन राज्य हित और अधिकारों संरक्षण की प्रेरणा मिली है. फिरकापरस्त शक्तियां झारखण्डियों की हिम्मत तोड़ सकते. मैं अन्याय को पीठ दिखाने के बजाय लड़ने को तैयार हूँ.
10 मार्च 2024 : बरहेट की क्रांतिकारी भूमि को नमन किया. कहा इस वीर भूमि से एक ही परिवार के 6 भाई-बहनों, सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो ने हूल विद्रोह किया था. शोषण और अत्याचार के खिलाफ हमारे वीर पुरुखों के संघर्षों को ही हेमन्त जी ने अपनाया है. हेमन्त जी कहते हैं – हमारे DNA में ही नहीं है झुक जाना. हमारे पूर्वजों ने हमें झुकना नहीं सिखाया है. आने वाले समय में विपक्ष के षड्यंत्र को करारा जवाब दिया जायेगा.
11 मार्च 2024 : उनकी राजनितिक उपस्थिति में झारखण्ड से गठबंधन के राज्यसभा प्रत्याशी डॉ सरफाराज अहमद जी के निर्विरोध निर्वाचन हुआ.
16 मार्च 2024 : उन्होंने ट्विट किया – हेमन्त जी को अन्यायपूर्ण कारावास में रहते हुए 45 दिन से अधिक हो गए हैं. सप्ताह में एक दिन मात्र कुछ समय के लिए मिलना हो पाता है। बाबा-माँ के स्वास्थ्य को लेकर वो चिंतित रहते हैं. राज्य और बच्चों के बारे में पूछते हैं। राज्य के प्रति हेमन्त जी का प्रेम-समर्पण मुझे शक्ति देता रहता है. केन्द्र सरकार पूंजीपतियों से इलेक्टोरल बॉन्ड और अन्य चंदों की मदद से लोकतंत्र की हत्या की साजिश रचने में व्यस्त हैं. गरीबों से कोई मतलब नहीं.
16 मार्च 2024 : महाराष्ट्र के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क से कहा की देश की तानाशाही शक्ति से कह देना चाहती हूं- न INDIA झुकेगा, न INDIA रुकेगा …जय जोहार.
20-21 मार्च 2024 : स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार की उपस्थिति में कल्पना सोरेन गिरीडीह का गांडेय विधानसभा क्षेत्र पहुंची. स्वर्गीय सालखेन सोरेन, किसुन मरांडी और गिरीश किस्कू के समाधि को नमन किया. उनके परिवार से मिली. जगह-जगह जनता की भारी भीड़ दिखी. जनसभाओं में विशेष कर महिलाओं की भागीदारी अधिक दिख रही है. उन्होंने कहा कि झारखण्ड का संघर्ष अब गिरिडीह के गांडेय से शुरू हो दिल्ली पहुंचेगी.
वीरांगना की तपीश विपक्ष को हर हद तक झुलसाएगी
मसलन, एक नारी शक्ति के रूप में कल्पना सोरेन की अलौकिक व तीव्र धमक झारखण्ड में साफ़ तौर पर देखी जा रही है. जिसकी स्पष्ट छाप और बौखलाहट झारखण्ड के विपक्ष से लेकर केन्द्रीय शक्तियां के कार्यप्रणाली में देखी और महसूस की जा रही है. तमाम परिस्थितियों के मद्देनजर स्पष्ट कहा जा सकता है कि अभी यह शुरुआत भर है. जैसे-जैसे दिन गुजरेंगे इस वीरांगना की तपीश विपक्ष को हर हद तक झुलसाएगी.