JSSC – रद्द विज्ञापन 2018-2019 के हैं – राज्य में पहला हक़ झारखण्डियों का : सुदिव्य कुमार 

झारखंड में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा JSSC रद्द विज्ञापन 2018-2019 के मामले में ट्विट कर मुख्यमंत्री हेमंत्र सोरेन पर तंज कसा गया था. ट्विट में उनके द्वारा लिखा गया था कि:-

JSSC रद्द विज्ञापन 2018-2019 मामला में बह्बाजापा नेता बाबूलाल मरांडी का ट्विट

सीएम @HemantSorenJMM जी ने बम्पर नियुक्तियों का सपना दिखाकर 31 अक्टूबर तक विज्ञापन निकालने का वादा किया था।

विज्ञापन तो निकले नहीं उल्टे पुराने भी रद हो रहे हैं।

इस झूठ की बुनियाद पर टिकी सरकार का असली चेहरा अब किसी से छिपा नहीं।

@BJP4Jharkhand अब सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।

बाबूलाल मरांडी

उक्त मामले में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू दारा ट्विट कर जवाब दिया गया है. जवाब में उनके द्वारा कहा है कि झारखण्ड में भ्रम की राजनीति, भाजपा की पहचान बन चुकी है. उन्होंने लिखा है कि –

JSSC द्वारा छह नियुक्ति विज्ञापन रद्द किये जाने के बाद से ही आदरणीय बाबूलाल जी ( @BJP4Jharkhand ) की बासी कढ़ी में उबाल आ गया! आदरणीय @yourBabulal जी धड़ाधड़ ट्वीट करने लगे और झारखण्डी युवाओं की चिन्ता में “काजी जी दुबले शहर के अंदेशे में” की तर्ज पर हलकान होने लगे. 

रद्द विज्ञापन 2018-2019 के दौरान निकाले गए थे

ज्ञात हो, यह सारे विज्ञापन मार्च 2018 से लेकर मार्च 2019 के दौरान निकाले गए थे. और आदरणीय रघुवर दास ( @dasraghubar ) जी की नियुक्ति नियमावली झारखण्डी युवाओं के साथ एक भद्दे मज़ाक के अलावा और कुछ नहीं थी. आ0 बाबूलाल जी जो कि झारखण्डी भूमिपुत्र हैं, क्या अपने ह्रदय पर हाथ रख कर यह कहेंगे कि पिछली सरकार की नियमावली पर आयोजित इन परीक्षाओं जिसमे लगभग 4900 पदों पर बहाली होनी थी, जिसमे बमुश्किल 900 पद झारखण्डी बच्चों को मिलते और बाकि बाहरियों के हाथ में चले जाते, क्या यह उचित होता? अपने राज्य के युवाओं के हितों के विरुद्ध भाजपा के एजेंडे को चलाना क्या झारखण्डी युवाओं को नहीं समझ आएगा? 

झारखण्ड के संसाधनों पर पहला हक़ झारखण्डियों का

बहरहाल, विपक्ष के द्वारा मुद्दे भटकाने की कोशिश माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरन @HemantSorenJMM जी को विचलित नहीं कर पायेगी. स्पष्ट लक्ष्य की ओर, पूर्वनिर्धारित मार्ग पर चलने के लिए हेमन्त सरकार कृतसंकल्पित है. झारखण्ड के संसाधनों पर पहला हक़ झारखण्डियों का है. झारखण्डी पहिला, झारखण्डी प्रथम और Jharkhandi first की सुस्पष्ट निति के माध्यम से ही युवाओं भविष्य सुधरेगा. न कि भाजपा-संघ के भ्रमवादी नीतियों से… “जय झारखण्ड”

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