दुमका में धूम-धाम से मना झामुमो का 44वां स्थापना दिवस 

दुमका : दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने कहा कि सरकार झारखण्ड की अकूत खनिज का इस्तेमाल जनहित में करे. सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा कि सरकार जनता से किए वादों को पूरा कर रही है लेकिन केंद्र लगातार लगा रहा है अडंगा. 

दुमका : झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में पार्टी के दिग्गज नेता, कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी व सदस्य कोने-कोने से पहुंचते हैं. यह क्षण उनके लिए भावुक व गर्व का होता है. इस दिन सभी आपस में मिलते हैं. अपने अनुभव व स्मृतियों एक दूसरे से साझा कर खुश होते हैं. एक दूसरे को बधाई देते है. वर्त्तमान राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों पर गहन चर्चा करते हैं. पार्टी के बुजुर्ग नेता भी देर रात तक इंतजार कर अपनी बातों को रखते हैं. 

दुमका में धूम-धाम से मना झामुमो का 44वां स्थापना दिवस

ज्ञात हो, इस परम्परा को आगे बढ़ाने के क्रम में दुमका में झामुमो का 44वां स्थापना दिवस समारोह गुरुवार, 2 फरवरी 2023 को मनाया गया. कार्यक्रम देर शाम शुरू हुआ और इसकी शुरूआत सीएम हेमन्त सोरेन एवं पार्टी के सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झंडोत्तोलन एवं शहीद बेदी पर फुल माला अर्पित कर हुआ. सीएम व शिबू सोरेन को मुकुट पहनाकर स्वागत किया गया. कार्यकर्ताओं के द्वारा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को तीर-धनुष भेंट किया गया.

सरकार झारखण्ड की अकूत खनिज का इस्तेमाल जनहित में करे – शिबू सोरेन 

कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. दिशोम गुरु शिबू सोरेन, सीएम हेमन्त सोरेन, लिट्टीपाड़ा विधायक दिनेश विलयम मरांडी, दुमका विधायक बसंत सोरेन, सांसद विजय हांसदा, राज्यसभा संसद महुआ मांझी, शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन, जामा विधायक सीता सोरेन ने सम्बोधित किया. 

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने अपने सम्बोधान में कहा कि हेमन्त सरकार झारखण्ड की अकूत खनिज का इस्तेमाल जनहित में करे, ताकि राज्य के लोग सुखी और संपन्न हो सके. अधिकारियों को भी जनभावना के अनुरूप नीति बनानी होगी. राज्य के गरीब-गुरबों को उनका हक मिले. इसी उद्देश्य से 44 साल से देर रात तक सभा कर रणनीति बनाते हैं.

सरकार जनता से किए वादों को पूरा कर रही लेकिन केंद्र लगा रहा है अडंगा 

सीएम सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार जनता से किए वादों को पूरा कर रही है. लेकिन केंद्र इस क्रम ने पग-पग अड़ंगा लगा आदिवासी-मूलवासी का हक छीनना चाहता है. हमारी सरकार ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति लाने का प्रयास कर रहा है. लेकिन राज्यपाल ने इसे विधेयक को लौटा दिया है. सरकार इसके कानूनी पहलुओं पर मंथन कर फिर इसे आगे बढ़ाएगी. 

उन्होंने ने कहा कि हम गरीबों के जनप्रतिनिधि हैं इसलिए हमारी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं और हर साजिश का करारा जवाब देंगे. केंद्र के पास 1 लाख 36 हजार करोड़ बकाया है. मांगने पर ईडी, सीबीआई व अन्य संस्थानों को पीछे लगाया गया. हम व्यापारियों नहीं गरीब जनता के जनप्रतिनिधि है. झारखण्ड को हमेशा चारागाह बनाया गया. राज्य को सोने की चिड़िया कहा जाता है, लेकिन इसे अब तक पिछड़ा रखा गया.

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