झारखण्ड : रघुवर सरकार के 131 निवेशक कंपनियों के भागने का सच

झारखण्ड : पूर्व की रघुवर सरकार में मूलवासियों की ज़मीन लूट के अक्स में लैंड बैंक बना था. ‘मोमेंटम झारखंड’, उन ज़मीनों को चहेते पूंजीपतियों में लूटाने की एक व्यवस्था थी. 131 निवेशक कंपनियों का अता-पता नहीं.

रांची : पूर्व के बीजेपी की रघुवर सरकार के द्वारा झारखण्ड के मूलवासियों की ज़मीन लूट के अक्स में गुजरात के तर्ज पर लैंड बैंक बनाया गया था. और उन ज़मीनों को अपने चहेते पूंजीपतियों में लूटाने के लिए भी पूरी व्यवस्था भी की गई थी. इसी कड़ी में 16-17 फरवरी, 2017 को ढोल नगाड़े के साथ सोने थाली में ‘मोमेंटम झारखंड’ के तहत चेहेत निवेशकों को भोजन कराया गया था. जिसके लिए राज्य का 100 करोड़ रुपये बेदर्दी से फूंका गया था.

झारखण्ड : रघुवर सरकार के 131 निवेशक कंपनियों के भागने का सच

इस ढपोरशंखी कार्यक्रम के तहत 2.10 कंपनियों के साथ ज़मीन के एवज में 3.39 लाख करोड़ के निवेश के लिए एमओयू हुआ था. लेकिन मोमेंटम झारखंड के पांच साल बाद भी 210 कंपनियों में 131 का कुछ अता-पता नहीं. ज्ञात हो, सरकार बदलते ही इस एमओयू में कई अनियमित्तायें सामने आयी है. और इन कंपनियों सच का पोल खुलता दिखा. जाहिर है इससे पूर्व की बीजेपी सरकार के करीब एक लाख लोगों को रोजगार देने की कोरा झूठ एक बार फिर सामने है.

लेकिन, राज्य का विपक्ष के द्वारा इस सच को ना मानते हुए पिछले दरवाजे से मौजूदा सरकार पर ही 2.68 लाख करोड़ निवेश का लौटने का प्रोपगेंडा प्रसारित करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में सवाल है कि क्या झारखंडी मानसिकता की सरकार के द्वारा अपने मूलवासियों की ज़मीनों को संरक्षण देना गुनाह है. हेमन्त सरकार नई नीति के तहत निवेशकों को स्वागत करने के लिए तैयार है. सभी निवेशकों का स्वागत है. वे आयें और झारखण्ड के नई नीतियों के तहत निवेश करें. 

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