झारखण्ड : पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन की खीरा चोरी! के आरोप में तानाशाही गिरफ़्तारी के बावजूद गठबंधन सरकार का सुचारू ढंग से चलना एक अडिग आदिवासी विचारधारा की कुशलता.
रांची : पूर्व की हेमन्त सोरेन की सरकार सिलसिलेवार ढंग से झारखण्ड की समस्याओं को सुलझाने की दिशा बढ़ चली थी. सभी वर्गों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो चली थी. बेटियों की भविष्य को ठोस दिशा दिया जा रहा था. आदिवासी-मूलवासियों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जा रहा था. तभी ईडी जांच के आसरे उस हेमन्त सरकार की मानवीय नीतियों को केन्द्रीय सामंती विचार के द्वारा अस्थिर करने का जो प्रयास शुरू हुआ वह 31 जनवरी की काली रात को पार कर आज भी जारी है.
हेमन्त की गिरफ़्तारी के बाद भी गठबंधन सरकार कैसे सुचारू ढंग से चल रही है
तमाम अनिश्चित व षड्यंत्रकारी परिस्थिति के बीच भी झारखण्ड प्रदेश में गठबंधन की सरकार सुचारू और स्थिर ढंग से चल रही है. वर्त्तमान सीएम चम्पई सोरेन के नेतृव में पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन के नीतियों और जन कल्याणकारी योजनाओं को उसी तेवर और संजीदगी के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास होता देखा जा रहा है. निश्चित रूप इसके पीछे का कारण जहाँ एक तरफ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की मजबूत विचारधारा है तो वहीँ दूसरी तरफ हेमन्त सोरेन की राजनीतिक कुशलता.
हेमन्त सोरेन की राजनीति का मजबूत पक्ष जो विपक्ष पर लगातार भारी
- हेमन्त सोरेन का नेतृत्व: हेमन्त सोरेन एक लोकप्रिय, करिश्माई, कुशल, विचारधारा पर अडिग रहने वाला व्यक्तित्व मौजूदा सरकार को मजबूती प्रदान कर रहा है.
- मजबूत मंत्रिमंडल: हेमन्त सोरेन के पास एक अनुभवी और मजबूत मंत्रिमंडल था, जो उनकी अनुपस्थिति में भी मौजूदा सरकार को कुशलतापूर्वक चलाने में मददगार है.
- कुशल प्रशासनिक व्यवस्था: हेमन्त शासन में झारखण्ड को एक कुशल प्रशासनिक व्यवस्था मिली, जो वर्तमान सरकार के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने में मददगार है.
- राजनीतिक स्थिरता: झामुमो की विचारधारा और हेमन्त का मानवीय विचारधरा पर कायम बंधन विधानसभा में बहुमत को बांधे रखने में सफल है और सरकार को राजनीतिक स्थिरता दे रहा है.
- जनता का समर्थन: हेमन्त सोरेन का अपने वादों से ना डिगने, सभी वर्गों को एक सामान प्राथमिकता देने की कवायद, मौजूदा चम्पई सोरेन के नेतृव वाली सरकार को झारखण्ड की जनता का भारी समर्थन प्राप्त है.
- कमजोर विपक्ष : हेमन्त सोरेन के नीतियों के अक्स में झारखण्ड में विपक्ष कमजोर हो चला है, जिसके कारण सरकार को विपक्ष षड्यंत्र के सिवा अन्य कोई चुनौती प्रस्तुत नहीं कर पा रहा है.
- चंपई सोरेन का नेतृत्व : चंपई सोरेन, झामुमो के वरिष्ठ नेता के साथ एक अनुभवी और कुशल नेता भी हैं, जो सरकार को सुचारू रूप से चलाने में सक्षम हैं.
- पार्टी में एकता : झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और हेमन्त सोरेन की कुशल नेतृत्व के अक्स में पार्टी की एकता मजबूत है, जिसे भेद पाने में विपक्ष का तमाम तंत्र विफल है.
- योजनाओं का क्रियान्वयन : हेमन्त सोरेन सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, समाजिक सुरक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की थी जिनका ठोस क्रियान्वयन मौजूदा सरकार को मदद पहुंचा रही है.
मसलन, पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन की कुशला और मानवीय हित में किये प्रयोग ने राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के खतरे को रोक रखा है. नीतिगत फैसलों और प्रशासनिक ढांचे को यथावत आगे बढ़ने में मजबूती दी है. साथ ही आपातकालीन स्थिति जैसे वक़्त में राजनीतिक गठबंधन को भी मजबूत प्रदान कर रही है. हालांकि, हेमन्त सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सरकार के कामकाज पर प्रभाव जरूर पड़ा है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन इसके बावजूद भी गठबंधन सरकार का जनपक्ष में खड़ा होना देश को राहत देने वाला है.