झारखंड सरकार का टारगेट सीधा और साफ के साथ नया प्रयोग भी

झारखंड सरकार का टारगेट न केवल सीधा और साफ है बल्कि नया प्रयोग भी है। हेमंत सोरेन का कहना है कि झारखंड के मिट्टी में अभी भी इतनी उर्जा है कि मंदी के भयानक दौर में भी वह न केवल लोगों का पेट भर सकती है, बल्कि राज्य को फिर से अपने पैरों पर खड़ा भी कर सकती है। ऐसे में झारखंड सरकार का नजरिया बिलकुल साफ़ है। काम के तरीको व अपनी जमीन पर अपने संसाधनों के जरिए उस अर्थव्यवस्था को विकसित करना, जो गांव और पिछड़े इलाकों से लोगों का पलायन रोकते हुए राज्य के युवाओं के आशाओं पर खरा उतरना।

झारखंड सरकार कोरोना काल से उबरते हुए जहाँ एक तरफ गंभीरता से युवाओं को नौकरी उपलब्ध, अनुबंध कर्मियों परमानेंट करने की दिशा में आने वाली अड़चनों को खंगाल रही है। तो वहीं दूसरी ओर पूर्व की सदाचारी रघुवर सरकार के गलतियां जो झारखंड को क्षति पहुंचा रही है,को भी खंगाल रही है  जिससे नित नए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश भी हो रहा है। किया भी जाना चाहिए क्योंकि बीमारी का पता किए बिना सटीक इलाज संभव भी कैसे हो सकता है। मसलन,  हेमंत सराकर शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार को टारगेट करते हुये युवाओं की नौकरी से दूरी को पाटने हेतु भविष्य में अड़चन पैदा करने वाली हर पहलुओं को बारीकी से खंगाल रही है। 

23 प्रतिशत वृद्धि के साथ झारखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटती

इसका असर झारखंड में दिखने भी लगा है। एक तरफ जहाँ दुमका में 65.27 प्रतिशत व बेरमो में 60.20 प्रतिशत वोटिंग के रूप में दिखती है तो वहीं दूसरी तरफ झारखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटती भी दिखने लगी है। आंकड़े बताते हैं कि जहाँ 2019 में, झारखंड के GST मद में 1437 करोड़ आये थे वहीं इस साल अक्टूबर माह में 23 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1771 करोड़ हो गयी है। जो कि राज्य के लिए शुभ संकेत माने जा सकते हैं। साथ ही यह भी ख़बरें आ रही है कि झारखंड स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सरकार 4000 युवाओं को नियुक्ति पत्र दे एक मजबूत आधारस्तंभ भी रख सकती है।  

भाजपा के प्रोपगेंडों से विचलित न होते हुए झारखंड सरकार की शोध व खोज की गति जारी   

राज्य की हेमंत सरकार भाजपा के प्रोपगेंडों से विचलित न होते हुए अपने शोध व खोज की गति जारी रखी हुई है। इसी कड़ी में झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम में बनहरदी कोल ब्लॉक ड्रिलिंग घोटाले की जांच एसीबी से कराने की अनुमति मुख्यमंत्री ने दे दी है। भाजपा काल में ही विभागीय जांच में इसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी। ऊर्जा उत्पादन निगम ने पहले भी इस सम्बन्ध में केस दर्ज करने का आग्रह एसीबी से किया था, लेकिन विभागीय मंत्री के मंतव्य के अभाव में एसीबी केस दर्ज न कर सकी। अब नई सरकार में दोबारा मुख्यमंत्री के समक्ष यह मामला आया है जिसमे मुख्यमंत्री सोरेन ने जांच की अनुमति दे दी है।

मसलन, तमाम कार्यवाही को देखते हुए प्रतीत होता है कि झारखंड सरकार का टारगेट साफ़ है कि झारखंड धीरे लेकिन मजबूती के के साथ एक नए भविष्य के ओर अग्रसर हो।

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