झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस समारोह- 2016 में हुई अनियमितता की जांच करेगी एसीबी 

झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस समारोह- 2016 में हुई अनियमितता के जांच को स्वीकृति मिलने से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की परेशानियां बढ़ सकती हैं. क्योंकि 9000 स्कूली बच्चों  के बीच टी-शर्ट , मिठाई और टॉफी बंटे ही नहीं थे… 

झारखंड राज्य स्थापना दिवस, 2016 (13 -15 नवंबर) के अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह में गायिका सुनिधि चौहान को आमंत्रित किया गया था. आठ ही विभिन्न विद्यालयों में बच्चों के बीच टी -शर्ट, मिठाई तथा टॉफी वितरण की गयी थी. ज्ञात हो, बीजेपी के डबल इंजन सरकार काल में आयोजित उस कार्यक्रम में अनियमितता बरते जाने की बात सामने आयी है. साल 2016 में झारखंड स्थापना दिवस समारोह में हुए खर्च में गड़बड़ियों का यह मामला विधायक सरयू राय द्वारा भी विधानसभा में भी उठाया गया था. और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच कराने की बात स्वीकारी गयी थी.

जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगी. मसलन, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा उस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनियमितता में प्राप्त शिकायतों के मद्देनजर एसीबी जांच के प्रस्ताव  को स्वीकृति दी गयी है. ज्ञात हो, वर्ष 2016 के राज्य स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में हुई  अनियमितता को लेकर झारखण्ड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका सुनवाई हेतु विचाराधीन है. गौरतलब है कि सीबी जांच से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की परेशानियां बढ़ सकती हैं. 

क्या है झारखण्ड स्थापना दिवस 2016 समारोह का मामला 

झारखण्ड स्थापना दिवस समारोह को यादगार बनाने हेतु पाश्र्व गायिका सुनिधि चौहान को बुलाया गया गया था. आर्चर्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने कार्यक्रम के लिए 44 लाख 27 हजार 500 का कोटेशन दिया था. इस सम्बन्ध में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में 9 नवंबर 2016 के बैठक में दिए गए निर्देश पर राशि आवंटित हुई थी. इसके बावजूद कार्यक्रम में 10 लाख 94 हजार 781 रुपए अलग से खर्च किए गए थे. 

राज्य स्थापना दिवस पर 13 से 15 नवंबर तक आयोजित समारोह में कई कार्यक्रम संपन्न हुए थे. इस दौरान स्कूली बच्चों में टॉफी, टी-शर्ट बांटने के लिए बगैर टेंडर निकाले करोड़ों की खरीदारी हुई थी. आरोप है कि प्रदेश के 9000 स्कूलों में टॉफी व टी-शर्ट बंटे ही नहीं लेकिन दस्तावेज में आपूर्ति दिखा गया है. विधायक सरयू राय द्वारा इससे सम्बंधित उठाये गए आरोपों को सरकार द्वारा विधानसभा में सही माना था. 

ज्ञात हो, सरयू राय का मामले में आरोप है कि राज्य स्थापना दिवस 2016 के दिन स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच वितरण के लिए टॉफी की आपूर्ति लाला इंटरप्राइजेज जमशेदपुर ने की थी. जबकि पांच करोड़ रुपये के टी-शर्ट की आपूर्ति काम कुड़ू फैब्रिक्स लुधियाना को दिया गया था. लेकिन हकीकत यह है कि राज्य के 9000 स्कूलों तक ना टॉफी पहुंची और ना ही टी-शर्ट. और इसके एवज में पूरा भुगतान किया गया था.

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