झारखण्ड : पूर्व सीएम रघुवर दास जिस Jh …1101 गाड़ी पर घुमे रहे उस पर उठ रहे हैं सवाल

पूर्व सीएम रघुवर दास शासन : बिहार के सासाराम में झारखण्ड मनी-लाउंड्रिंग के ₹300 करोड़ लगे हैं. प्रेम, पुनीत, विकास, सुनील मुन्ना के गांव-शहर, तमाम एजेंसी में अवैध धन लगे है. वहाँ खुली चर्चा है, ईडी को वहाँ हाथ डालने से किसने रोका है -सवाल 

राँची : भाजपा शासन के पूर्व सीएम रघुवर दास जिस गाड़ी में घूम-घूम कर, भाजपा के विचित्र आइडियोलॉजी का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, अपनी पूर्व योग्य सरकार की योग्यता का बखान किया जा रहा है. उस गाडी को लेकर उन्ही के सरकार में पूर्व मंत्री रहे और झारखण्ड के वर्तमान निर्दलीय विधायक व बुद्धिजीवी द्वारा लगातार ट्वीट के माध्यम से, तस्वीरों के माध्यम से JH… 1101 गाड़ी पर सवाल उठाया गया हैं.

ज्ञात हो, उनके द्वारा ईडी से भी पूछा गया है कि गाड़ी के असली मालिक प्रेम प्रकाश-पुनीत भार्गव और इस्तेमाल के बाद यह गाड़ी जिनके गैराज में खड़ी है उसके मालिक के बीच का रिश्ता ईडी ( #ED) बताए. सबूत के तौर पर कार के सर्विसिंग डिटेल और पेमेंट रिसिप्ट की तस्वीर भी साझा कर कहा गया है कि उससे भी रिश्ते तक की पहुँच का रास्ता मिल जाएगा.

ताजा ट्वीट में कहा गया है कि एक ही दिन 32 चक्का वाले टाटा निर्मित ढाई दर्जन से अधिक भारी वाहन महिंद्रा फ़ाइनैन्स से प्रेम पूर्वक वित्त पोषित. माध्यम-चंदनपुरा इंटरप्राईजेज, सासाराम. लक्ष्य- साहेबगंज स्टोन माइंस पहुंचा. जिसका वित्त स्रोत- झारखण्ड सरकार का “रेडी टू इट फ़ूड” टेंडर (2019 से पहले). का होना आश्चर्यजनक! किंतु यह सत्य है? जो भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री का बाहरियों से स्पष्ट प्रेम भी दर्शाता है.

सासाराम ज़िला में झारखण्ड मनी-लाउंड्रिंग के क़रीब ₹300 करोड़ लगे हैं. ईडी को वहाँ हाथ डालने से कौन रोक रहा है

यह भी कहा जाना कि बिहार के सासाराम ज़िला में झारखण्ड मनी-लाउंड्रिंग के क़रीब ₹300 करोड़ लगे हैं. प्रेम, पुनीत, विकास, सुनील मुन्ना की चौकड़ी के गांव-शहर, खेती-व्यवसाय, खतियान -एजेंसी में लगे अवैध धन की वहाँ खुली चर्चा हो रही है, सबूत तैर रहे हैं. लेकिन ईडी द्वारा वहां कार्रवाई न किया जाना संदेहास्पद है. ईडी को वहाँ हाथ डालने से कौन रोक रहा है? भाजपा से सवाल भी पूछा गया है.

मसलन, तमाम तस्वीरों से एक बार फिर पुन स्पष्ट होता है कि झारखण्ड में ईडी कार्रवाई किसी खास मंशा के तहत हो रही है. तस्वीरों का सिरा मौजूदा झारखण्ड सरकार की नितियों से जोड़ने पर प्रतीत होता है कि तमाम षड्यंत्र झारखण्ड के विकास को प्रभावित करने सुनियोजित प्रयास हो सकता है. साथ ही बहुजन-आदिवासी जन नेता सह मुख्यमंत्री के उभरती छवि, बढ़ते कदम को उस आइडियोलॉजी द्वारा जबरन रोक पुनः झारखण्ड में मूलवासी-आदिवासी, बहुजन व गरीबों के अधिकार लूटने वाली संस्कृति को कायम करने का प्रयास है. 

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