झारखण्ड : विधि-व्यवस्था में राज्य पुलिस के 24 अफसरों की भी होगी भूमिका

झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन के दूरदर्शी चिंतन के अक्स में पहली बार बड़ी संख्या में राज्य पुलिस सेवा के आफरों को आईपीएस में प्रोन्नति दे, विधि-व्यवस्था में भूमिका निभाने को मिला मौक़ा.

रांची : झारखण्ड में माना जाता है कि पूर्व के सामंती सत्ताओं के नीतियों के अक्स में यहाँ नक्सलवाद का उदय हुआ है. झारखण्ड पुलिस सेवा के बड़े पदों पर मूल मानसिकता के अभाव में राज्य में  विधि-व्यवस्था लगातार लचर होतो चली गई. और राज्य में हिंसा व गरीबों के दोहन के रूप में अंतिम सच बन सामने है. लेकिन, इस पर माफ़ी मांगने के बजाय पूर्व के सामन्ती सत्ता के सूत्रधार का बतौर विपक्ष अपनी नीतियों के वीभत्स परिणाम को हेमन्त सत्ता पर मढ़ने का तानाशाही प्रयास जारी है.

झारखण्ड : विधि-व्यवस्था में राज्य पुलिस के 24 अफसरों की भी होगी भूमिका

लेकिन, सीएम हेमन्त के मौजूदा सत्ता में विधि-व्यवस्था के समस्याओं के निदान पर ठोस प्रयास जरुर हुए हैं. यदि ऐसा नहीं होता तो क्या भारत के गृह मंत्री व राज्यपाल नक्सल पर जीत को लेकर सीएम हेमन्त की पीठ थपथपाते? दरअसल झारखण्ड की विधि-व्यवस्था सामन्ती मकड़जाल में फंसा है, जिसे सीएम के द्वारा लगातार सुलझाने के प्रयास हो रहा है. जिसके आड़े पूर्व सरकारों की नीतियाँ खड़ी है. और उसे खाद-पानी केंद्र की नीतियों से मिलने का भी सच सामने है. 

सीएम का नक्सल, विधि-व्यवस्था एवं अपराध जैसे समस्याओं के नियंत्रण पर जोर 

सीएम हेमन्त राज्य के नक्सल, विधि-व्यवस्था एवं अपराध जैसे समस्याओं के मूल ने निहित मकड़जाल को सुलझाने पर जोर देते दिखे हैं. ज्ञात हो, राज्य के वर्तमान विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की स्थिति को लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ सीएम की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें वरीय पुलिस अधिकारियों को अपराध पर हर हाल में लगाम लगाने को लेकर कड़े निर्देश दिए गए. और पूर्व से चली आ रही पुलिस कार्यशैली में तत्काल सुधार करने को कहा गया है.

सीएम हेमन्त के द्वारा बैठक में वरीय पुलिस अधिकारियों से स्पष्ट कहा गया कि जब उनकी सरकार में राज्य पुलिस को काम करने की पूरी छूट दी गई है, उनकी तमाम जरुरी समस्याओं का हल निकाला गया है, फिर भी सफलता क्यों नहीं मिल रहा है? यदि तमाम प्रयासों के बाद भी पुलिस की कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ और जनपक्ष में सकारात्मक हल नहीं निकले तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. साथ ही उनके द्वारा राज्य के विधि-व्यवस्था में सुधार के सभी गुंजाइश के बारीकियों को समझा गया. 

हेमन्त शासन में झारखण्ड पुलिस सेवा के 24 अफसरों को आईपीएस में मिली प्रोन्नति

राज्य के विधि-व्यवस्था के मजबूतीकरण में चुनौतियों के बावजूद सीएम हेमन्त के द्वारा ठोस कदम बढ़ाया गया है. ज्ञात हो, सीएम के नेतृत्व में झारखण्ड पुलिस सेवा के 24 काबिल अफसरों को 24 जुलाई 2023 को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रोन्नति दी गई है. सीएम ने स्वयं उनके कंधे पर बैच लगाकर सम्मानित किया है. मसलन, राज्य के विधि-व्यवस्था के सुधार में अब झारखंडी मूल के 24 आईपीएस अफसर भी अपनी सामाजिक समझ के साथ भूमिका निभायेंगे.

सीएम के द्वारा कहा जाना कि, झारखण्ड में पहली बार बड़ी संख्या में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नत हुए हैं. इनमें दो महिला अधिकारी श्रीमती सरोजिनी लकड़ा एवं श्रीमती अमेल्डा एक्का हैं, जिनका कॉन्स्टेबल पद से आईपीएस तक का लम्बा सफर राज्य के बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगा. राज्य में लगभग 158 आईपीएस के पद निर्धारित हैं, जिसमें से 110 पद सीधे यूपीएससी से और 48 पदों पर राज्य पुलिस सेवा के पदाधिकारी प्रोन्नत हो शामिल होते हैं. राज्य के विधि-व्यवस्था के सुधार को लेकर उनकी समझ व गंभीरता को दर्शाता है.

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