हेमन्त शासन – बूढ़ा पहाड़ से बदलते झारखण्ड की तस्वीर

झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन की शिक्षा निति और विकास की लकीर नक्सल के अशांत विचार को बदलने का सच लिए है. बूढ़ापहाड़ की बदलती विकासशील तस्वीर तथ्य के स्पष्ट उदाहरण. 

रांची : झारखण्ड का बूढ़ा पहाड़ जितना प्रकृतिक सौन्दर्य से भरा पूरा क्षेत्र है उतना ही दुर्गम और पिछड़ा होने का भी सच लिए है. इस क्षेत्र को मुखधारा से जोड़ने हेतु पूर्व की बीजेपी सरकार में कोई सकारात्मक प्रयास नहीं हुआ. गरीबी और असंतोष के अक्स में यह क्षेत्र नक्सल का गढ़ बना रहा. लेकिन, मौजूदा सीएम हेमन्त का कार्यकाल इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुआ है. हेमन्त सरकार की शिक्षा नीति, योजनायें और लोकतांत्रिक विचार के अक्स में क्षेत्र के नक्सल विचार में बदलाव देखा गया है. 

हेमन्त शासन - बूढ़ा पहाड़ से बदलते झारखण्ड की तस्वीर

सीएम हेमन्त के शासन में इस बदलाव के लिए पूर्व की बीजेपी सरकार के बकोरिया काण्ड की भांति निर्दोष ग्रामीणों का एनकाउंटर नहीं हुआ. बल्कि दिसंबर 2022, सीएम वहां खुद पहुंचे, सरकारी तंत्र को पहुँचाया. उन्होंने क्षेत्र की जनता के साथ ज़मीन पर बैठ, एक पांत में पत्तल की पारम्परिक थल में भोजन कर प्रेम सम्बन्ध साधे. शिक्षा निति व कल्याणकारी योजनाओं के आसरे वहां की जनता में सरकार के प्रति विश्वास भरे. और नेक नियत से बूढ़ा पहाड़ के विकास पर ध्यान केंद्रित किए हैं. 

हेमन्त की नीतियों से नक्सल ने समझा -शांति के बिना विकास संभव नहीं

हेमन्त शासन में इस क्षेत्र में व्याप्त सड़क, बिजली, पानी, शौचालय, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी तमाम मूलभूत समस्याओं पर ध्यान दिया गया है. और रोजगार सृजन के अवसरों को बढ़ाने की दिशा कार्य योजना बना योजनाओं के पकेज को धरातल पर उतारने के दिशा में बढ़ी है. जिससे नक्सली विचार को यह समझने में मदद मिली है कि उनके विकास के लिए झारखण्ड का विकास ही सर्वोपरि है. सीएम हेमन्त की नीतियाँ उन्हें भविष्य दे सकती है. और राज्य में शांति के बिना यह संभव नहीं है.

इस व्यापक बदलाव का एक यह भी कारण है की उस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की बहुलता है. सीएम हेमन्त की नीतियां उनकी आर्थिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और अस्तितित्व को सुनिश्चित करने में कारगर है. उनकी विचारधारा के अक्स में आदिवासी वर्ग उनमें अपना भविष्य देखते हैं. नतीजतन आदिवासियों के साथ सीएम का लोकतांत्रिक संवाद स्थापित हुआ है. और बूढ़ा पहाड़ के आदिवासी इससे अछूता नहीं हैं. और नक्सल आत्मसमर्पण को प्रेरित हुए हैं.

बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ला रहा आर्थिक-सामाजिक स्थिति में परिवर्तन

बूढ़ा पहाड़ के विकास में सीएम हेमन्त का बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट जैसे-जैसे धरातल पर आगे बढ़ रहा है, क्षेत्र के लोगों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति में परिवर्तन देखा जा रहा है. बूढ़ा पहाड़ प्रक्षेत्र में कुल 27 ग्रामों का सर्वेक्षण कर क्षेत्र की सामाजिक एवं आधारभूत संरचनाओं का आकलन किया गया है. विभिन्न सामाज के कुल 3809 परिवारों के आर्थिक आवश्यकताओं का आकलन किया गया है. कुल 19836 व्यक्तियों का सर्वेक्षण कर उन्हें लाभान्वित करने का प्रयास कर रही है.

क्षेत्र में 100 बिरसा आवास का आवंटन और 08 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र शुरू किये जा रहे हैं. ग्रामों का बिजली पहुँचाने का कार्य शुरू हो चूका है. सुरक्षाबलों को जन सयोग और सीएम के मोनिटरिंग के अक्स में स्थानीय में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है. कुल्ही से बूढ़ा पहाड़ तक कुल पांच कैंप कूल्ही, हेसातु, बेहराटोली झालुडेरा तथा जेटीएफ पुंदाग स्थापित किया गया है. सीआरपीएफ, जैप, झारखण्ड जगुआर तथा जिला बल की 8 कंपनियां तैनात है. 

बाजार स्थापित हुए हैं और ग्रामीणों को मिल रहा भय मुक्त वातावरण 

आधारभूत संरचना के अक्स में बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में बदलाव स्पष्ट नजर आ रहा है. जर्जर सड़क की स्थिति ठीक हुए हैं. क्षेत्रीय बाज़ार से ग्रामीणों का जुड़ाव बढ़ा है. कृषि उत्पाद को अच्छी कीमत मिल रहा है. जो आर्थिक सशक्तकारण का सच लिए है. सिंचाई कूप, सोलर पंप आदि की उपलब्धता हुई है. सुरक्षाबल जनता के भय मुक्त वातावरण देने में सक्षम हुए हैं. कम्युनिटी पुलिसिंग ने झालुडेरा में कूप निर्माण किया है, जिसका प्रयोग स्थानीय ग्रामीण भी कर रहे हैं.

जवान ग्रामीण बच्चों को कर रहे हैं शिक्षित, स्वास्थ्य सुविधा में भी दिख रहा बदलाव

बूढ़ा पहाड़ में प्रतिनियुक्त सीआरपीएफ बल के जवानों का ड्यूटी से समय निकाल ग्रामीण बच्चों को शिक्षित करना, झारखण्ड पुलिस को अर्थ दे रहा है. शुरुआत में बच्चों की संख्या 8-10 थी जो बढ़कर 46 हो गई है. विद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया वृद्धि के साथ जारी है. क्षेत्र में नए स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण और पुराने का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित मेडिकल प्रैक्टिशनर भी अभियान के दौरान स्वास्थ्य उप[लब्ध करा रहे हैं. सहिया बहने डोर टू डोर चिकित्सा सर्वे कर रही है. 

कम्युनिटी पुलिसिंग का ग्रामीणों की समस्या सुनना एक महत्वपूर्ण कड़ी  

सुरक्षाबलों पहले भी जन सहयोग में कम्युनिटी पुलिसिंग करते रहे हैं. लेकिन, सीएम हेमंत के दौरा के बाद इसमें प्रगति आई है. इस क्रम में पुलिस अधीक्षक गढ़वा, अपर पुलिस अधीक्षक के विशेष अभियान केतहत संचालित कम्यूनिटी पुलिसिंग कार्यक्रम में गरमिनों ने भारी संख्या में भागिदारी निभाई. पहुंचे. पुलिस अधीक्षक सबकी समस्यायें सुनी और उनसे संवाद स्थापित किया. 

समस्याओं के आलोक में त्वरित समाधान हेतु पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया. पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों के साथ भोजन किए तथा स्कूली बच्चों  के बीच पुस्तक, कॉपी, पेंसिल, कलम, बैग वितरित किए. युवाओं को फुटबॉल तथा क्रिकेट किट, महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों के लिए साड़ी धोती, कम्बल, टोपी तथा कामगारों को कुदाल, फावड़ा, बेलचा आदि वितरित दिए.

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