झारखण्ड : सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना से 88% परिवार लाभान्वित, गरीब हुए हैं खुशहाल

झारखण्ड – सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना से जरूरतमंद परिवार हो रहे खुशहाल. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन स्वयं करते हैं मॉनिटरिंग. नतीजतन, अन्य गरीब लाभुक परिवारों को भी योजना में शामिल करने की ओर बढ़ चली हेमन्त सरकार.

रांची : झारखण्ड भारत देश का वह राज्य जो गरीबी राज्य के रूप में जाना जाता है. लेकिन मौजूदा राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन गरीबों के पहरुआ के उभर कर सामने आये हैं. कोरोना महामारी में जहाँ मोदी सत्ता के पूँजीवाद प्रेम में आहुत लोकडाउन ने देश भर के मजदूरों को पैदल सड़क नापने पर मजबूर किया. कई मजदूर शहीद हुए. इसी दौरान झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन गरीब मजदूरों की प्रवाह करते दिखे. वह विशेष रेल, हवाई मार्ग, बस आदि माध्यमों से श्रमिकों को देश भर से वापस लाने में सफल हुए. वह यहीं रुके उनके द्वारा इस त्रासदी काल में गरीबों के हाथों में योजनाओं के माध्यम से काम दिया गया. जिससे झारखण्ड में मजदूरों बर्बाद होने से बचे.

ज्ञात हो, हेमन्त सरकार द्वारा राज्य के गरीबों को तन ढकने के लिए अनुदानित दर पर सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना के तहत वस्त्र उपलब्ध करा रही है. योजना से लाखों बीपीएल धारियों को लाभ मिला है. इस योजना के लिए सरकार ने बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इस योजना के तहत लाभुकों को साल में दो बार 10 रुपये में धोती, साड़ी या लूंगी दिया जाता है. इस योजना से अब तक 88% जरूरतमंद लाभान्वित हुए है. योजना के तहत राज्य के 57.11 लाख परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य सरकार द्वरा पूरा कर लिया गया है.

मुख्यमंत्री कल्याणकारी योजनाओं का खुद करते हैं मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत प्रमंडल स्तर पर लाभुकों को धोती-साड़ी प्रदान किया गया. साथ उन्होंने स्वयं गरीबों से संवाद स्थापित भी किया. उनके द्वारा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को साफ़ तौर पर निर्देश दिया गया कि वे ग्रामीणों को सम्बंधित योजनाओं की जानकारी देने के साथ उनका लाभ सुनिश्चित करें. राशन दुकानदारों को शिविर लगाकर वस्त्र वितरण करने का आदेश दिया, ताकि योजनाओं का लाभ सभी जरुरतमंदों को तत्काल मिले. 

ज्ञात हो, विगत दो वर्ष के कार्यकाल में हेमन्त सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू हुई है. और तमाम योजनायें तेजी के साथ धरातल उतरे जिससे राज्य में जरूरतमंदों को लाभ मिला. इस कड़ी में सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना की शुरुआत को भी रखा जा सकता है. गौरतलब है कि पूर्व की भाजपा सत्ता में जन कल्याण में चलित योजनाओं को बंद कर दिया था. नतीजतन, न जाने कितने संतोषी भात-भात कहते काल के मुंह में समां गए. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कार्यकाल में इसे झारखण्ड की जीत ही मानी जा सकती है जहाँ त्रासदी काल से गुजरने के बावजूद भी राज्य ने किसी संतोषी को भूख से नहीं मरने दिया.

अन्य गरीब लाभुक परिवारों को भी सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना में शामिल करेगी हेमन्त सरकार

राज्य के हेमन्त सरकार धीरे-धीरे गरीबी की मानक रेखा के दायरे को बढ़ाती दिख रही है. ज्ञात हों, अब हेमन्त सरकार द्वारा “सोना-सोबरन घोती-साड़ी वितरण योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित राज्य के सभी पात्र गृहस्थ एवं अन्त्योदय अन्न योजना के लामुक परिवारों को, झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुक परिवारों को भी योजना से लाभान्वित करने हेतु स्वीकृति मंत्रिपरिषद ने दी है. झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत (JSFSS) लाभुकों की अधिकतम निर्धारित सीमा 15 लाख है. वर्तमान में झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत 13,04,093 लामुक एवं 4,38,989 परिवार (परिवर्तनशील) है.

मसलन, योजनान्तर्गत 15 लाख लामुक होने की स्थिति में परिवारों की संख्या 5,05,050 होना संभावित है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित लाभुकों की अधिकतम संख्या 2,64,25,385 है, जिसके अन्तर्गत परिवारों की संभावित संख्या 58,97,561 है. इस प्रकार ISFSS योजना के लाभुक परिवारों को सोना-सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना में शामिल किए जाने के उपरान्त लाभुक परिवारों की संभावित कुल संख्या 64, 02, 611 (परिवर्तनशील) हो गई है.

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