हेमन्त सरकार की सजगता से झारखण्ड में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रक्रिया ने पकड़ी रफ़्तार

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 16 सितंबर 2021 को जेएसआईए की बैठक आहूत हुई. बैठक में उद्योगों के सामने आनेवाले प्रमुख कानूनी अड़चनों पर कानून सम्मत चिंतन-मंथन हुआ और समाधान के रास्ते निकले. निष्कर्ष में विभाग की कर्मठता का नया रूप उदाहरण के रूप में सामने आया. औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रक्रिया ने पकड़ी रफ़्तार

  • मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जेएसपीसीबी ने लंबित आवेदनों के निस्तारण में लाई तेजी
  • 71 नई औद्योगिक इकाइयों को स्थापना व संचालन की अनुमति मिली 
  •  210 आवेदनों को संचालन की मिली सहमति

रांची : ज्ञात हो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 लांच के दौरान कहा था कि यह झारखण्ड के लिए सुखद अवसर है. झारखण्ड इस नीति के माध्यम से उद्योगों के पूरे नेटवर्क को नार्थईस्ट से लेकर दक्षिण, उत्तर और पश्चिमी भारत में गति देना चाहता है. झारखण्ड अपने कुशल तथा मेहनतकश युवाओं की बदौलत नई ऊँचाइयों को छूना चाहता है. मसलन, मुख्यमंत्री के वक्तव्य से झारखण्ड के कैनवास में पहली बार प्रतीत हुआ कि झारखंड को उसकी नयी औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 से अपार संभावनाएं हैं. और यह अनुभव तब और सुखद हो जाता है जब मुख्यमंत्री समेत पूरी सरकार इस लक्ष्य के मद्देनजर एक दिखते है. 

71 नई औद्योगिक इकाइयों को स्थापना व संचालन की अनुमति मिली 

इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद, नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना व संचालन के लिए स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया ने जोर पकड़ लिया है. मालूम हो कि झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए ‘स्थापना की सहमति’ की मंजूरी मिलती है. आंकड़े बताते हैं कि सितंबर 2021 के पहले सप्ताह में जेएसपीसीबी में 115 आवेदन लंबित थे, जो मौजूदा वक़्त में घटकर केवल 44 रह गए हैं. मसलन, एक महीने में 71 से अधिक आवेदनों को, स्थापना की सहमति के लिए मंजूरी मिली. 

संचालन की सहमति 210 आवेदनों को मिली 

संचालन की सहमति के मामले में सितंबर के पहले सप्ताह में जेएसपीसीबी में 360 से अधिक आवेदन लंबित थे. मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में यह संख्या घटकर 150 रह गई है. संचालन के लिए सहमति मांगने वाले 200 से अधिक आवेदनों को अनुमति दी गई है. हरा (कम प्रदूषण क्षमता), नारंगी (प्रदूषण क्षमता) और लाल (गंभीर रूप से प्रदूषण फ़ैलाने वाले) की श्रेणियों के अंतर्गत आनेवाले उद्योगों को बांट कर उद्योग की आवश्यकता के अनुसार पांच साल, 10 साल और 15 साल की एक निश्चित अवधि के लिए संचालन की अनुमति दी गयी है.

मुख्यमंत्री द्वारा दिया था सख्त निर्देश 

13 सितंबर 2021, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा ट्वीट के माध्यम से उद्योग सचिव को लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों की स्थिति पर ध्यान देने व उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को उद्योग स्थापना में आ रही अड़चनों को दूर करने हेतु समीक्षा कर सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार एमएसएमई और छोटी इकाइयों की स्थापना में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है. उद्योग विभाग तमाम अडचनों की समीक्षा कर सुधारात्मक कार्रवाई करे. 

मसलन, यह हेमन्त सरकार की राज्य में मौजूदा उद्योगों के सामने आनेवाली समस्याओं को दूर करने व बंद हो चुके उद्योगों को पुनर्जीवित करने को लेकर गंभीरता का पैमाना हो सकता है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उद्योग सचिव द्वारा 16 सितंबर 2021 को जेएसआईए के सदस्यों की बैठक आहूत हुई. बैठक में उद्योगों के सामने आनेवाले सभी प्रमुख कानूनी अड़चनों पर कानून सम्मत चिंतन-मंथन हुआ. और समाधान के रास्ते निकले गए.

“माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर सम्बंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी विभाग के कारण औद्योगिक इकाई के संचालन में समस्या उत्पन्न न हो. झारखण्ड खान और खनिज आधारित उद्योगों के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से है. जेआईआईपीपी 2021 के लॉन्च के साथ, हम अन्य फोकस क्षेत्रों जैसे कपड़ा, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, फार्मा, ईवी और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के अलावा अन्य सेक्टरों को प्राथमिकता दे रहे हैं. राज्य सरकार निवेशकों को झारखंड में निवेश के लिए आमंत्रित करती है.

श्रीमती पूजा सिंघल, सचिव, उद्योग विभाग

Leave a Comment