झारखण्ड खेल नीति 2021 – युवाओं के भविष्य को लेकर एक और बड़ी लकीर

हेमन्त सरकार की झारखण्ड खेल नीति – 2021 झारखंडी खिलाड़ियों व युवाओं के जख्मी सपनों को मरहम लगाते हुए नयी उड़ान देने को तैयार 

जयपाल सिंह मुंडा। महेंद्र सिंह धोनी। सावित्री पूर्ति पहली अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी। जिनकी खींची लकीर झारखंड में कभी छोटी नहीं पड़ी। समराय टेटे। विमल लकड़ा। सलीमा टेटे। निक्की प्रधान। ब्यूटी डुंगडुंग। अंसुता लकड़ा। मारिता तिर्की। पुष्पा प्रधान। सुभद्रा प्रधान। संगीता कुमारी। सुषमा कुमारी। वरुण एरोन। विराट सिंह। इशान किशन। कौशल सिंह। विनायक विक्रम। संजीव कुमार सिंह। झानो हांसदा। दीपिका कुमारी। कोमालिका बारी। अंकिता भकत। दीप सेनगुप्ता। नामों की लम्बी फेहरिस्त…। व 34वें राष्ट्रीय खेल में कुल 96 पदक। झारखंड में खेल और खिलाड़ियों के मायने समझने के लिए काफी हो सकते हैं।

यह झारखंडी मिट्टी बिना ठोस खेल नीति के चमकते हीरों का उस को सच लिए है। जिसके अक्स में न जाने कितनी प्रतिभाओं ने संसाधन के अभाव में दम तोड़ दिए। तो जरा कल्पना कीजिये इतिहास के पन्नों को कोई पलटेगा तो तमाम सरकारों को कैसे याद करेगा। खासकर भाजपा की पिछली रघुवर सत्ता को। जहाँ खिलाड़ी विकास को ब्रांड एम्बेसडर के विशेषण से जोड़ा गया। खेल अकादमी, खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए पेंशन। 15 नवंबर 2017 तक झारखंड खेल नीति लागू करने के वादे। लेकिन, धरातल पर तमाम वादों का आखिरी सच त्रासदी ही रहे!

तमाम परिस्थितियों के बीच, यदि हेमंत सरकार की खेल नीति बालक-बालिका। किशोर-किशोरी। युवा व तमाम आयु वर्ग। के नागरिकों के जीवन में अभिन्न हिस्सा बन उसके जीवन-दिनचर्या से सरोकार बनाते हुए “स्वस्थ झारखण्ड-खुशहाल झारखण्ड के सपने से जा जुड़े। संसाधन व गुणवत्ता के अभिवृद्धि के अक्स में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को शिखर तक पहुंचाने में प्रशिक्षकों को सहूलियत हो। राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के शीर्ष पर खिलाड़ियों को पहुँचाने का माद्दा रखे। साथ ही राजस्व व रोजगार सृजन के सच जा जुड़े। तो निश्चित रूप से झारखण्ड खेल नीति – 2021 किसी भी मायने में सरकार की खींची बड़ी लकीर मानी जा सकती है।   

Table of Contents

झारखण्ड खेल नीति – 2021 –  11 मुख्य उद्देश्य

  1. तमाम उम्र के नागरिकों के लिए पंचायत स्तर से राज्य स्तर तक खेलकूद एवं शारीरिक गतिविधियों के लिए वातावरण निर्माण, आवश्यक संसाधन-सुविधाएँ एवं समान अवसर उपलब्ध करवाना।
  2. खेल प्रतिभाओं की पहचान कर बालक-बालिकाओं के अन्दर छिपी प्रतिभाओं को निखारने हेतु हर सुविधा-संसाधन उपलब्ध करवाना।
  3. खेल के हर विधा में अंतरराष्ट्रीय क्षमता-मानक प्राप्ति की दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील रहना। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु खिलाड़ियों को श्रेष्ठतम प्रशिक्षण के साथ-साथ आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करवाना।
  4. दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने हेतु सुविधाएँ, संसाधन उपलब्ध करवाने, पुरस्कार – सम्मान, खेल छात्रवृत्ति आदि के अवसर उपलब्ध करवाना।
  5. सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में प्रथम कक्षा से ही ’खेल’ को एक विषय के तौर पर सम्मिलित करना।
  6. अन्तर विद्यालय/अन्तर महाविद्यालय/अन्तर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं का नियमित आयोजन से खेल वातावरण का निर्माण करना।
  7. खेल को सामाजिक परिवर्तन और विकास के लिए एक महान उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करना।
  8. एक समेकित प्रणाली, जिसमें खेल विकास योजनाएँ, सु-परिभाषित प्रोत्साहन योजनाएँ एवं खिलाड़ी/प्रशिक्षक कल्याण कार्यक्रम शामिल हों, के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा ’खेल’ को एक आकर्षक एवं व्यवहार्य  कैरियर विकल्प के रूप में स्थापित करना।
  9. ‘खेलकूद’ को व्यापकता एवं विस्तार प्रदान करने हेतु ग्रामीण खेल केन्द्रों को सुदृढ़ करने का प्रयास करना।
  10. खेल को ‘उद्योग’ का दर्जा देकर खेल और खिलाड़ियों को समग्र सहायता प्रदान करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाना।
  11. देशज एवं पारंपरिक खेलों तथा खेल पर्यटन को प्रोत्साहन देना।

झारखण्ड खेल नीति – 2021 के 5 आयाम 

  1. खेल संस्कृति 
  2. खेलकूद क्षमता
  3. जीवन कौशल, शिक्षा एवं प्रोत्साहन
  4. खेल उद्योग
  5. खेल संरचना

झारखण्ड खेल नीति – 2021 करगा खेल संस्कृति का निर्माण

Sustainable Development Goals (SDGs) के अंतर्गत Sports for Development के से जुड़ाव रखते हुए खेल के समग्र विकास को आत्मसात करते हुए Holistic Sports Ecosystem का विकास। झारखण्ड ओलंपिक संघ एवं विभिन्न मान्यता प्राप्त खेल संघों का सहयोग लिया जाएगा। जिससे खेल एवं शारीरिक गतिविधियों के प्रति जागरूकता में वृद्धि होगी जो जनमानस  के स्वास्थ्य में निरन्तर सुधार का मजबूत नींव रखेगा।

खेल संस्कृति विकसित हेतु विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन। खेल मैदानों का समुचित उपयोग हेतु ‘पे एंड प्ले’ प्रणाली को सुचारू रूप से चलाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष विद्यालयों में खेल उत्सव का आयोजन किया जाएगा जहाँ उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष में एक सप्ताह को खेल सप्ताह के रूप में मनाने जायेगा। जहाँ प्रेरणादायक के प्रतीक के रूप में खिलाड़ियों को सम्मानित, उत्कृष्ट खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के अनुभवों का साझाकरण, खेल पर चर्चा, प्रदर्शनी मैच, आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

खेल नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु उठाये जाने वाले कदम 

पूरे राज्य में खेल नीति के प्रभावी कार्यान्वयन, खेल से जुड़े योजनाओं के कार्यान्वयन, वर्तमान योजनाओं में सुधार आदि की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन होगा। वर्ष में समिति की त्रैमासिक बैठकें आयोजित की जायेगी। समिति के सदस्य निम्नवत् हैं :-

1माननीय मुख्यमंत्री, झारखण्ड सरकारअध्यक्ष
2माननीय मंत्री,  खेलकूद एवं युवाकार्य विभागउपाध्यक्ष
3मुख्य सचिव, झारखण्ड सरकारसदस्य
4माननीय विधायक (संख्या 2)माननीय मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर
5सचिव, पर्यटन, कला- संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभागसदस्य सचिव
6सचिव, योजना – सह- वित्त विभागसदस्य

सिदो-कान्हू युवा खेल क्लब स्थापना व देशज एवं पारम्परिक खेलों को प्रोत्साहन

खेल संस्कृति सुदृढ़ करने के लिए राज्य के प्रत्येक गाँव में सिदो-कान्हू युवा खेल क्लब की स्थापना की जायेगी। जो प्रत्येक वर्ष खेल विकास एवं रख-रखाव के लिए 25 हज़ार रुपए सहायता राशि संचालित होगी। जो बच्चों व युवाओं में संगठित रूप से खेल प्रतिभा निखारने का अवसर प्रदान करेगा। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में परम्परागत रूप से ग्रामीण बालक/बालिकाओं द्वारा खेले जाने वाले खेलों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।  

खेल पर्यटन (स्पोर्ट्स टूरिज्म)

खेल नीति खेल पर्यटन के क्षेत्र में भी वैश्विक तथा राष्ट्रीय स्तर पर तीव्र गति से बढ़ने वाले बाजार को भी केन्द्रित कर बनाया गया है। चूँकि झारखण्ड में प्राकृतिक संसाधनों की असीम उपलब्धता हैं। यहाँ के सुंदर परिदृश्य, घने जंगल, पठार और बनावट; एडवेंचर खेल जैसे रॉक क्लाइमिंग, हाइकिंग, ट्रेकिंग, कैम्पिंग, पैरासेलिंग, कयाकिंग एवं अन्य वाटर स्पोर्ट्स  के लिए उपयुक्त जगह है। अतः राज्य में स्पोर्ट्स टूरिज्म को बढ़ावा देकर देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर राजस्व बढ़ाने के प्रयास करेगा। स्पोर्ट्स टूरिज्म से जहाँ खेल और खिलाड़ियों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। वहीं रोजगार के भी अवसर का सृजन करेगा।

खेलकूद क्षमता

झारखण्ड में खेल और लोग, एक दूसरे के पर्याय हैं। यहाँ के हर लोग, हर घर किसी न किसी खेल से जुड़े हैं। खेल और खिलाड़ियों और खेल विधा से जुड़े लोगों को पहचान मिले, सम्मान मिले, इसके लिए रणनीति के तहत बुनियादी ढ़ांचे एवं खेल सुविधाओं को उन्नत करने की व्यवस्था के प्रावधान हैं।

एथलेटिक्स। हॉकी। तीरंदाजी। फुटबॉल। बैडमिंटन। कुश्ती। साइकिलिंग। कबड्डी। वुशू। वॉलीबॉल। दिव्यांग खेल। ताइक्वांडो। निशानेबाज़ी। तैराकी। भारोत्तोलन। खो-खो। शतरंज। मुक्केबाज़ी। लॉन बॉल। जिम्नास्टिक। हैंड्बॉल। लॉन टेनिस। टेबल टेनिस। क्रिकेट। बास्केटबॉल। कुश्ती अन्य वैसे, सभी खेल जो ओलंपिक/एशियाड/ कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल है, झारखंड के लोगों का हिस्सा है। 

झारखण्ड खेल नीति – 2021 में जीवन कौशल, शिक्षा एवं प्रोत्साहन

खेल का शिक्षा के साथ जुड़ाव के अंतगत –

  • सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों हर स्तर के पाठ्यक्रम में शारीरिक शिक्षा एवं खेल को अनिवार्य बनाया जाएगा।
  • विद्यालय परिसर में ही प्रतिभाशाली बच्चे/बच्चियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी में परिवर्तित करने हेतु विशेष प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया की जायेगी।
  • खेल विभाग और स्कूली शिक्षा विभाग वार्षिक खेल कैलेंडर तथा शैक्षणिक कैलेंडर का समन्वय से बिना शिक्षा बाधित हुए खेल प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी भाग ले सकेंगे।
  • उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग सभी संबद्ध निजी और सरकारी महाविद्यालयों में खेल सुविधाओं की स्थापना एवं खेल को पाठ्यक्रम का एक अभिन्न हिस्सा बनाना सुनिश्चित करेगी।
  • विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से शारीरिक प्रशिक्षक की नियुक्ति शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगी।
  • प्रत्येक वर्ष अन्तर विद्यालय/ अन्तर महाविद्यालय/ अन्तर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं का नियमित आयोजन कर खेल विकास वातावरण निर्माण किया जायेगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर खेलने वाले प्रतिभाशाली स्कूली खिलाड़ियों की शिक्षा बाधित न हो। इसके लिए राज्य बोर्ड में पढ़ने वाले ऐसे खिलाड़ियों को किसी भी विषय में 15% ग्रेस अंक के (अधिकतम 95%), प्रावधान शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा।
    • शिक्षा विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर खेलने वाले प्रतिभाशाली स्कूली खिलाड़ियों को उपस्थिति में छूट दी जाएगी।
    • राज्य, जिला एवं प्रखंड स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालय को प्रत्येक वर्ष 50 हज़ार, 30 हज़ार और 20 हज़ार रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

खेल प्रतिभा खोज

खेल निदेशालय, झारखण्ड सरकार एवं झारखण्ड खेल प्राधिकरण (साझा) व ज़िला खेल पदाधिकारियों के सहयोग से खेलों को बढ़ावा दिया जायेगा। विभाग एवं साझा द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन कर खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों में भेजा जायेगा। जिसे वे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे। पंचायत अथवा ग्रामीण स्तर पर प्रतिवर्ष खेल प्रतिभाओं की खोज के लिए टैलेंट हंट कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रखंड अथवा ज़िला खेल केंद्रों में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

  • राज्य के प्रत्येक पंचायत में एक सुव्यवस्थित खेल मैदान का निर्माण किया जाएगा जिससे प्रशिक्षक भी रहेंगे। 
  •  प्रखंड स्तर पर मिनी स्टेडियम की व्यवस्था से लैस डे-बोर्डिंग या क्रीड़ा किसलय केंद्र की स्थापना 
  • डे-बोर्डिंग एवं क्रीड़ा किसलय केंद्र वहाँ अवस्थित आदर्श विद्यालय अथवा अन्य उत्कृष्ट विद्यालाय के साथ सम्बन्धित होगा।
  • टैलेंट हंट में योग्यता के आधार पर चयनित खिलाड़ियों को डे-बोर्डिंग एवं क्रीड़ा किसलय केंद्र में प्रशिक्षण के साथ उक्त विद्यालय में शिक्षा हेतु निबंधित किया जायेगा।
  • इन केन्द्रों में विभिन्न आयुवर्ग में प्रति वर्ष अंतर विद्यालयीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

 जिला / आवासीय खेल विकास केंद्र 

  • प्रत्येक जिला में आवासीय खेल परिसर का निर्माण होगा। प्रथम प्राथमिकता वहां अवस्थित स्टेडियम को दिया जाएगा।
  • वर्तमान में साझा खेल केंद्र एवं आवासीय क्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से इसे आगे बढ़ाया जायेगा। और ज़िला स्तर पर खेलो इंडिया केंद्र के माध्यम से भी इसे बढ़ाया जायेगा।
  • जिले के विभिन्न प्रखंडों से चुने गए प्रतिभावान खिलाड़ियों के आवासन, एवं प्रशिक्षण की यहाँ व्यवस्था होगी।
  • प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र में 100 प्रतिभागियों के आवासन की व्यवस्था की जाएगी।
  • इन खेल विकास केन्द्रों में रह कर पढ़ाई कर रहे बच्चों के पढ़ाई की व्यवस्था सम्बंधित जिला स्कूल/आदर्श विद्यालय में की जाएगी।
  • जिला खेल विकास केन्द्रों में विभिन्न आयुवर्ग में प्रति वर्ष जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

 एकलव्य खेल अकादमी (सेंटर आफ़ एक्सलेन्स)

  • प्रमंडल स्तर पर एकलव्य खेल अकादमी के नाम से ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ की स्थापना।
  • इन केंद्रों पर आवासीय प्रशिक्षण की विश्वस्तरीय व्यवस्था की जाएगी।
  • विभिन्न स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताएं के माध्यम से चयनित उत्कृष्ट खिलाड़ियों को यहाँ प्रशिक्षण दिया जायेगा।
  •  प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र में 100-150 प्रतिभागियों के आवास की व्यवस्था की जाएगी। 
  • खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने हेतु उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी।
  • प्रत्येक खेल अकादमी में 3-4 खेलों से सम्बंधित खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी।
  • खेल अकादमी उत्कृष्टता की स्थापना के लिए विभिन्न राज्यों की अकादमी, राष्ट्रीय अकादमी एवं राष्ट्रीय खेल महासंघों से सहयोगात्मक सम्बन्ध स्थापित करेगी।
  • इन खेल विकास केन्द्रों में रह कर पढ़ाई कर रहे बच्चों के पढ़ाई की व्यवस्था सम्बंधित उत्कृष्ट जिला स्कूल/आदर्श विद्यालय/गर्ल्स स्कूल में की जाएगी।

 खेल विश्वविद्यालय

खेल विज्ञान की भूमिका खिलाड़ी की उपलब्धि में एक महत्तवपूर्ण होती है। तथा खिलाड़ियों को प्रतियोगी उम्र के बाद जीविकोपार्जन में मदद करती है। इसके लिए राज्य में खेल विश्वविद्यालय की की स्थापना होगी। होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, खेल गाँव परिसर को उपयोग में लाया जाएगा। खेल विश्वविद्यालय खेल के विकास, विशेष कौशल का प्रशिक्षण तथा खेल विकास के लिए आवश्यक शोध में अहम भूमिका अदा करेगी।विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम तकनीकी विशेषज्ञ, अंपायर, रेफरी आदि का भी प्रशिक्षण देगा। जो रोजगार प्राप्त करने के दिशा में कारगर उपाय साबित होगा। Jharkhand Sports University Act बनाकर विश्वविद्यालय को संचालित किया जायेगा।

खिलाड़ियों को प्रोत्साहन

खेल – एक बेहतर वैकल्पिक कैरियर साबित हो इसके लिए खेल नीति में नौकरी से लेकर पेन्शन तक विभिन्न प्रावधानों से जोड़ा गया है। सीधी नियुक्ति, नियमित खेल छात्रवृत्ति, खिलाड़ियों को पुरस्कार-सम्मान, खिलाड़ी कल्याण कोष, ‘लाड़ी बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, अतिरिक्त वार्षिक वेतन, उत्कृष्ट खेल संस्थान/प्रशिक्षण केन्द्र को खेल संरचना एवं खेल उपकरण की उपलब्धता हेतु प्रोत्साहन, खिलाड़ी पेंशन योजना’ व नौकरी एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण जैसे प्रावधान भी हैं।

झारखण्ड खेल नीति – 2021 के तहत खेल उद्योग की लकीर

खेल को ‘उद्योग’ का दर्ज़ा जहाँ खेल-खिलाड़ियों को अवसर उपलब्ध कराता है वहीं राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के गतिविधियों को बढ़ाएगा। राज्य में खेल के विकास के लिए जहाँ झारखण्ड सरकार बजट में वृद्धि करेगी, वहीं निजी क्षेत्र की सहभागिता के लिए पीपीपी मोड के रास्ते खोलती है।  जो निजी क्षेत्र को खेलों एवं खिलाड़ियों को लम्बे समय तक अपनाने को सम्पर्क एवं प्रोत्साहित करेगा। राज्य में खेल विकास हेतु Corporate Social Responsibility (CSR) की राशि का उपयोग किया जायेगा। खेल संघों/खिलाड़ियों और औद्योगिक संस्थानों के समन्वय से पूँजी निवेश व तकनीकी उन्नयन को प्रोत्साहन मिलेगा एवं मानव संसाधन का विकास होगा।

खेल संरचना

खेल के व्यापक विस्तार एवं विकास हेतु सम्पूर्ण राज्य में राज्य सरकार के अतिरिक्त पंचायती राज्य संस्थाओं, स्थानीय निकायों, शैक्षणिक संस्थाओं, खेल संगठनों, निजी क्षेत्रों, क्लब एवं औद्योगिक उपक्रमों के सहयोग से खेल संरचना का निर्माण, उपयोग एवं सम्यक् देख-रेख किया जाएगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध खेल मैदानों एवं स्टेडियमों का रख-रखाव मात्र खेल के उद्देश्य से किया जाएगा एवं विद्यालयों, शहरों, कॉलोनियों में खाली जमीन को उपयोग में लाया जायेगा। न्यूनतम विनिवेश से अधिकतम लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से सरकारी विभागों एवं अन्य एजेन्सी (अभिकरण) द्वारा न्यूनतम दर पर कार्यशील एवं पर्यावरण सहयोगी डिजाइनों का निर्माण किया जायेगा। 

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्षेत्रों को भी खेल परिसर के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। इन परिसरों के लोग ‘पे एंड प्ले’ (Pay & Play) के माध्यम से भुगतान कर उपयोग कर सकेंगे। राज्य में खेल के समग्र विकास के लिए 15वे वित्त आयोग की 10 प्रतिशत राशि का उपयोग पंचायत स्तर पर किया जायेगा। खेल संरचना में अपर्याप्त बजटीय प्रावधान के मामले में Jharkhand Sports Development Fund का निर्माण होगा। इस फंड में विभिन्न कंपनियों, एजेंसियों, एवं निजी क्षेत्रों से प्राप्त मदद की राशि रखी जायेगी। इस फंड में राज्य के सरकारी ख़ज़ाने की कोई राशि उपयोग में नहीं लायी जायेगी। प्रत्येक ज़िला में District Sports Development Fund भी बनाया जायेगा।

खेल सामग्री 

राज्य में गुणवत्ता वाली खेल सामग्री के लिए निर्माण हेतु आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। खेल सामग्रियों के खरीदी के मामले में स्थानीय निर्माताओं के हितों का ध्यान रखा जायेगा। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सामग्री खिलाड़ियों को उपलब्ध हो, ऐसा प्रयास किया जायेगा। राज्य में खेल सामग्रियों के निर्माण को बढ़ावा दिया जायेगा। झारखण्ड की औद्योगिक नीति के अंतर्गत दी जाने वाली रियायतें खेल सामग्री विनिर्माण से सम्बंधित उद्यमियों और एजेंसियों पर लागू होगा। खेल विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए स्थानीय उद्योगों के साथ-साथ इच्छुक अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों तथा खेल संघों को प्राथमिकता दी जाएगी।

जन सम्पर्क माध्यम

खेलों को लोकप्रिय एवं सर्वव्यापी बनाने में जन सम्पर्क माध्यमों की केन्द्रीय भूमिका है। इलेक्ट्रोनिक एवं डिजिटल माध्यम, राष्ट्रीय प्रसारकों सहित, निजी पैनल तथा प्रिंट मिडिया को राज्य में खेल संस्कृति के सुदृढ़ीकरण हेतु उपयुक्त रूप से उत्प्रेरित किया जायेगा। खेल आयोजनों के टेलीविजन प्रसारण अधिकार की बिक्री से यदि राजस्व की उगाही होती हो तो उनका बँटवारा संबंधित खेल संघों तथा प्रसारण अभिकरणों, चाहे वो सरकारी हों अथवा निजी, के बीच समुचित एवं व्यवस्थित रूप से एवं पारस्परिक सहमति से होगा।

पारदर्शिता

राज्य में सभी स्तरों पर खेल के आयोजन एवं टैलेंट हंट आयोजित किये जाएगें। इस प्रक्रिया में सभी प्रकार के आयोजनों एवं कार्यक्रमों की सूचना से प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जन सामान्य को अवगत कराने का प्रावधान किया जाएगा, ताकि जन सामान्य को खेल से जुड़े कार्यक्रम एवं गतिविधियों की पूर्ण जानकारी ससमय मिल सके।

झारखण्ड खेल नीति – 2021 नीति पर पुनर्विचार

झारखण्ड खेल नीति-2021 की समय-समय पर समीक्षा की जायेगी, जिससे आवश्यकतानुसार खेल के क्षेत्र में होने वाले प्रौद्योगिकी अथवा अन्य विकासों के अनुरूप इसे परिवर्तित या रूपांतरित किया जा सकेगा। झारखण्ड खेल नीति-2021 में ढाँचागत परिवर्तन को छोड़ किसी भी परिवर्तन के लिए विभाग के माननीय मंत्री अधिकृत होंगे।

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