हेमन्त सत्ता : विदेशों के भांति झारखण्ड शिक्षा चला बेहतर व्यवस्था की राह

हेमन्त सरकार में नए सिरे से शिक्षा व्यवस्था को मजबूत नीवदिया जा रहा है. राज्य में धीरे-धीरे शिक्षा व्यवस्था ठोस आकार ले रहा है. गति यही रही तो राज्य शिक्षा में कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखेगा.

रांची : हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड शिक्षा नई राह पर बढ़ चली है. झारखण्ड के इतिहास में पहली बार उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में सरकारी स्कूलों को विदेशों के भांति निजी स्कूलों के जैसे विकसित करने की सोच को अमलीजामा पहनाया गया है. यह विद्यालय सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं. जहां 15 लाख बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त होगी. साथ ही स्थानीय भाषा सिखने के भी प्रावधान हैं.  इसके तहतपूरे राज्य में लीडर स्कूल व आदर्श विद्यालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

हेमन्त सत्ता : विदेशों के भांति झारखण्ड शिक्षा चला बेहतर व्यवस्था की राह

सीएम उत्कृष्ट विद्यालय के निर्माण कार्य एवं सीबीएसई अनुकूलता को जल्द पूरा करने के सीएम स्वयं लिए गंभीर रहे हैं. हालांकि, कोरोना ने जरुर प्रभावित किया लेकिन थामते ही उत्कृष्ट विद्यालयों के निर्माण में तेजी लाई गई. शिक्षक प्रशिक्षण तक में सीएम सोरेन ने स्वयं मोनिटरिंग की. नतीजतन, राज्य में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों ने धरातल पर आकार लिया है. झारखण्ड के बच्चे विदेशों की भांति अब सरकारी स्कूलों में सभी प्रकार की शिक्षा मुफ्त ले पायेंगे. 

बच्चों में छिपी प्रतिभा को किया जा सकेगा स्कूल में ही पॉइंट आउट 

इन स्कूलों के माध्यम से राज्य के बच्चों में छिपी प्रतिभा को स्कूल में पॉइंट आउट किया जा सकेगा. फिर योगिता अनुसार बच्चों के कारियर सवारा जा सकेगा. हेमन्त सरकार में खेल यूनिवर्सिटी से लेकर सभी प्रकार के यूनिवर्सिटी, कॉलेजों में इजाफा किया गया है. जिलावार इंजिनीयरिंग, मेडिकल व पोलिटेक्निक कॉलेजों में इजाफ़ हुआ है. बच्चों के लिए कोचिंग से लेकर विदेश तक में मुफ्त उच्च शिक्षा प्राप्ति के द्वार खोले गए हैं. साथ ही सीएम हर संभावनाओं के तलाशने पर जोर दे रहे हैं.

ज्ञात हो, झारखण्ड एससी, एसटी, ओबीसी व गरीब बाहुल्य राज्य है. और राज्य की शिक्षा व्यवस्था को साजिशन सामन्ती सताओं ने 20 वर्षों में लचर बना दिया था. यहाँ के अनुसूचित वर्ग के होस्टलों को भी ख़त्म करने का प्रयास हुआ. लेकिन हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में नए सिरे से शिक्षा व्यवस्था को मजबूत नीव देने का प्रयास हुआ है. नतीजतन, राज्य में धीरे-धीरे शिक्षा व्यवस्था ठोस आकार लेता जा रहा है. गति यही रही तो राज्य शिक्षा में कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखेगा.

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