झारखण्ड : सीएम सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘सत्यमेव जयते’ कहा और राज्य में बीजेपी व PIL गिरोह के डील के अक्स में स्थानीय नेताओं के निशाना बनाने के खेल से पर्दा उठाया.
रांची : झारखण्ड एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा व गरीब बाहुल राज्य है. और 20 वर्षों के इतिहास में इस राज्य के किसी भी स्थानीय नेता को राजनीति में सामंतवाद विचारधारा ने पनपने नहीं दिया है. न्याय व्यवस्था में इस विचारधार की पैठ के अक्स में राज्य के स्थानीय नेताओं को या तो सामंतवाद के शरण में जाना पड़ा है या फिर कानूनी उलझनों में फंसना पड़ा है. फेहरिस्त लंबी है, वर्तमान में हेमन्त सोरेन वह नाम है जो इस तथ्य के स्पष्ट उदाहरण हो सकते हैं.
ज्ञात हो, खनन लीज और शेल कंपनियों से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में हाई कोर्ट का आदेश निरस्त होना, राज्य में पीआईएल गिरोह की सक्रियता की पोल खोल दी है. आँकड़े बताते हैं कि झारखण्ड में जितनी पीआईल होते हैं उतना देश के किसी भी राज्य में नहीं होता है. सीएम सोरेन ने सुपीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. और राज्य में सक्रिय पीआईएल गिरोह दो टूक जवाब देते हुए ‘सत्यमेव जयते’ कहा है.
सीएम हेमन्त सोरेन का सामंतवाद व पीआईएल गिरोह के गठजोर पर गंभीर आरोप
- बीजेपी शासन के 20 सालों में हुए भ्रष्टाचार का ठीकरा पीआईएल गिरोह द्वारा हेमन्त सरकार पर फोड़ने की कोशिश हो रही थी.
- बीजेपी व पीआईएल गिरोह के डील के अक्स में फिर एक आदिवासी मुख्यमंत्री के खिलाफ झारखण्ड में सुनियोजित षड्यंत्र चल रहा है. इस गिरोह को न्याय व्यवस्था व पत्रकारिता में सामंतवाद विचार के बहुतयात के कारण संरक्षण प्राप्त है.
- सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हाई कोर्ट का आदेश खारिज कर याचिका सुनवाई योग्य नहीं करार दिया जाना बीजेपी और पीआईएल गिरोह के गठजोर का स्पष्ट प्रमाण है. जो झारखण्ड विरोधियों के गाल पर एक करारा तमाचा भी है.
- सीएम द्वारा कहा गया कि जिस मामले को झारखण्ड हाई कोर्ट ने पहले निरस्त किया जाता उसे ही फिर पीआईएल के द्वारा सही ठहराया दिया जाता है.
- झारखण्ड सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में केंद्र सरकार के द्वारा ईडी, सीबीआई जैसे संस्थानिक शक्तियों का हो रहा है दुरुपयोग.
- बीजेपी एक आदिवासी सीएम को हटाने की साजिश रच रही है. लेकिन हेमन्त सरकार हिलने डोलने वाली नहीं है.
- सीएम ने कहा कि एक आदिवासी नेता मधु कोड़ा का कॅरियर झूठे आरोप में खत्म हो गया. मधु कोड़ा के खिलाफ झूठे केस दर्ज कर 4000 करोड़ गबन का आरोप लगाया गया. मगर आज हुआ क्या सच .., मधु कोड़ा का इसमें कॅरियर खत्म हो गया.
- यह सब इसलिए हो रहा है कि हमारे लोग पढ़े लिखे नहीं हैं. लेकिन हम झारखण्ड के विकास हेतु बीजेपी व उसके तमाम गिरोह से हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ेंगे.