औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 – झारखंड में निवेशकों के लिए आपार संभावनाएं

झारखंड में निवेशकों के लिए औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 में आपार संभावनाएं. यहीं बताने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन फिर एक बार पहुंचे राजधानी दिल्ली. ”झारखण्ड इंडस्ट्रियल एंड इनवेस्‍टमेंट पॉलिसी 2021” भी लांच किया जायेगा. 

झारखंड : खनिज भंडारण से समृद्ध राज्य जब बिहार से अलग हुआ. तब झारखंड के आशाओं के अक्स तले औद्योगिक विकास से लेकर सुशासन की प्रयोगशाला के स्वर्णिम अवसर थे. लेकिन, भाजपा की वह पहली सत्ता कैसी थी, जिसके कैनवास में झारखंड के दोहन का सच उभरा. जहाँ 14 वर्ष के भाजपा शासन में राज्य में प्रचुर खनन हुआ लेकिन झारखंड औद्योगिक रूप से पिछड़ गया. परिस्थितियां ऐसी बनी कि जनता के लिए एक मात्र पलायन ही अंतिम सच हो गया. और मानवता इतनी त्राहिमाम हो चली कि भूख ने दर्जनों जानें लील ली. और उस सत्ता की वैचारिक दिवालियापन की पराकाष्ठा ही थी कि वह मान तक न सकी, गरीब भूख से मरे.  

ऐसे में मौजूदा दौर में राज्य की हेमन्त सत्ता की पहल की धुरी नए सिरे से उद्योग-धंधे को संवारना हो. तो उस भाजपा सत्ता की विकास का थोथा दंभ, समझा जा सकता है. ज्ञात हो, हेमन्त सत्ता में शुरूआती दौर से ही राज्य के छोटे व मंझोले व्यापारियों को सहूलियत के मद्देनज़र कई निर्णायक निर्णय लिये गए. जो धीरे-धीरे राज्य में व्यापार और रोज़गार सृजन में मील का पत्थर साबित होता दिखता है. सरकार ने शुरुआत में ही अपनी मंशा जाहिर किया. कहा कि झारखण्ड की पहचान सिर्फ खान और खनिज भर ही नहीं. यह अन्य क्षेत्रों में भी व्‍यापक संभावना मौजूद है.

 हेमन्त सत्ता में उद्योग-व्यापार सुदृढ़ करने के दिशा में लिए गए कई फैसले … जैसे 

  • लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल करना.
  • इंडस्ट्री प्रमोशन टीम का गठन.
  • साइकिल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना. 
  • फूड प्रोसेसिंग, लघु व कुटीर उद्योग, कुम्हारों एवं शिल्पकारों के उत्पाद पर  आधुनिक दृष्टिकोण
  • सेवा देने की गारंटी के तहत कुछ सेवाओं को प्रमुखता से जोड़ना. 

झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021

इसी कड़ी में झारखंड सरकार कैबिनेट ने औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 को स्वीकृति प्रदान की. यह नीति एक अप्रैल 2021 से लागू मानी जायेगी. इसके तहत राज्य में पांच लाख रोजगार के अवसर पैदा करने और एक लाख करोड़ निवेश प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. नीति का मिशन उद्योग के तीव्र और सतत विकास को सुगम बनाना और अगले दशक में जीडीपी में अपना हिस्सा बढ़ाना है.

परिकल्पना –      

  1. एक प्रभावी, सक्रिय और सहायक संस्थागत तंत्र प्रदान करना.
  2. प्रचार रणनीतियों का विकास और कार्यान्वयन.
  3. गोदामों, सामान्य सुविधा केंद्रों आदि जैसी सहायक बुनियादी सुविधाओं का निर्माण.
  4.  विपणन विकास सहायता, वैश्विक बाजार अनुसंधान और परीक्षण प्रयोगशालाओं के समर्थन पर अनुसंधान एवं विकास, आदि.

उद्योगों को फिर से जीवंत करने के लिए सरकार दिखी प्रयासरत 

रेशम उत्पादन, हथकरघा, हस्तशिल्प, खादी, कपड़ा, आदि सहित मौजूदा ग्रामीण उद्योगों को फिर से जीवंत करने के लिए, उन्हें आधुनिकीकरण/तकनीकी उन्नयन में सहायता करने और उत्पाद डिजाइन, विपणन सहायता आदि सहित आवश्यक सामान्य सुविधाएं, बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज प्रदान के प्रयास किये जा रहे हैं. सरकार ने महसूस किया कि राज्य में निर्यात इकाइयों को नवीनतम तकनीकों को अपनाकर, कौशल उन्नयन और विविधीकरण के द्वारा आधुनिक बनाने की आवश्यकता है. 

औद्योगिक विकास के लिए सरकार ने निवेश को बनाया सुविधाजनक

झारखंड में रोजगार के अवसर पैदा करने के मद्देनजर निवेश को सुविधाजनक व निवेशकों के अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में सरकार तेजी से बढ़ायी. झारखंड निवेश संवर्धन बोर्ड, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, ऑनलाइन भुगतान, ऑनलाइन सत्यापन, तृतीय-पक्ष प्रमाणन, समयबद्ध अनुमोदन, ऑनलाइन जानकारी की उपलब्धता, मानक संचालन प्रक्रिया, स्वीकृत अनुमोदन आदि जैसे उपाय किए गए.

स्टेकहोल्डर कॉन्फ्रेंस – झारखण्ड का औद्योगिक भविष्य तलाशने हेतु मुख्यमंत्री ने दिल्ली में दी जिम्मेदार दस्तक

इसी कड़ी में स्टेकहोल्डर कॉन्फ्रेंस के रूप में दिल्ली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिम्मेदार दस्तक दी थी. उन्होंने कार्यक्रम में कहा था – मैं यहाँ कोई विशेष आमंत्रित नहीं हूँ. मैं स्वयं समस्याओं को समझना चाहता हूँ. झारखंड में औद्योगिक भविष्य के मद्देनजर बड़ी लकीर खीचने का अभिलाषी हूँ. आप झारखंड आयें आपके उद्योग सरकार खुद खड़ा होकर लगाएगी. मुख्यमंत्री ने अपनी बंडी दिखाते हुए कहा था कि यह बंडी झारखंडी महिलाओं ने तैयार किया है. हो सकता है थोड़ी टेड़ी-मेडी हो, लेकिन मेहनत में कमी नहीं है. जरूरत है इसे तराशने की. हमारे नौजवानों में अपार प्रतिभा है.  

मुख्यमंत्री युवाओं की आशा लिए फिर एक बार पहुंचे दिल्ली – 27-28 अगस्‍त को इन्‍वेस्‍टर्स मीट का विराट आयोजन 

मुख्यमंत्री के कदम स्टेकहोल्डर कॉन्फ्रेंस आयोजन तक ही नहीं रुके. इधर राज्य में बंद पड़े तकरीबन 3000 फैक्ट्रियों के मद्देनजर मुख्यमन्त्री ने कहा है कि इनमें से जितनी फैक्ट्रियां चल सकती है उन्हें चलाया जायेगा. उधर वह झारखण्ड में व्‍यापार-उद्योग जगत के प्रतीकों को आमंत्रित करने के लिए फिर एक बार दिल्ली रवाना हुए. ज्ञात हो, 27-28 अगस्‍त को नई दिल्‍ली में इन्‍वेस्‍टर्स मीट कार्यक्रम होना है. इसी कार्यक्रम में उद्योग जगत के प्रतीकों के बीच ”झारखण्ड इंडस्ट्रियल एंड इनवेस्‍टमेंट पॉलिसी 2021” भी लांच किया जायेगा. 

सरकार इस कार्यक्रम के मद्देनजर देश को बताना चाहती है कि झारखण्ड की पहचान केवल खान और खनिज भर नहीं है. यहां अन्य क्षेत्रों में भी व्‍यापक संभावना मौजूद है. मीट के दौरान हेमन्‍त उद्यमियों को अपनी नीति और उसमें राहत के व्‍यापक प्रावधान के बारे में बतायेंगे. संभव है तत्‍काल कुछ बड़े घरानों के साथ एमओयू  हों. जिससे राज्य में दक्ष युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. 

नई नीति में टेक्‍सटाइल एंड अपेरल्‍स, ऑटोमोबाइल, ऑटो-कंपोनेंट एंड इलेक्ट्रिक व्हिकल्‍स, फूड एंड मीट प्रोसेसिंग, फार्मा, इलेक्‍ट्रानिक्‍स सिस्‍टम डिजाइन एंड मैन्‍युफैक्‍चरिंग, टूरिज्‍म, हेल्‍थ, आईटी, रिनुएबुल एनर्जी, डिस्‍टीलरीज, एडुकेशनल एंड टेक्निकल इंस्‍टीट्यूट तथा एमएसएमई के क्षेत्र के उद्योगपतियों के लिए व्‍यापक संभावनाएं हैं. इनके लिए राहत-छूट के प्रावधान हैं.

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