झारखण्ड कृषि विकास : CM के उम्मीदों पर खरे उतरते कृषि मंत्री 

झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृव में राज्य के इतिहास में पहली बार आधुनिक कृषि विकास पर जोर. कृषि मंत्री सीएम के उम्मीदों पर उतर रहे खरे. लिए जा रहे हैं ठोस व निर्णायक फैसले. 

रांची : देश में कृषि विकास को आर्थिक विकास का प्रथम स्त्रोत माना जाता है. और कृषि ही देश के आर्थिक निर्भरता का पहली प्रमुख कड़ी भी हो सकती है. यही वजह है कि सीएम हेमन्त सोरेन झारखण्ड प्रदेश में आधुनिक कृषि विकास को लेकर गंभीर हैं. और यह खबर झारखण्ड को राहत दे सकता है कि सीएम के इस उद्देश को पूरा करने में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पूरी ताक़त झोकते दिख रहे रहे है. मसलन, न केवल वह सीएम के उम्मीदों पर उतर रहे हैं, उनकी टियुनिंग भी बेमिशाल है.

झारखण्ड कृषि विकास : CM के उम्मीदों पर खरे उतरते कृषि मंत्री

नतीजतन, हेमन्त सरकार में कृषि विकास व किसान समृद्धि जैसे विषय को प्राथमिकता मिली है. कृषि ऋण माफ़ी, केसीसी वितरण, किसान पाठशाला, बीज व अन्य कृषि सामग्री वितरण, खाद वितरकों की बढोतरी, गुड्स ट्रांसपोर्ट, लाह खेती व वन उपज को बढ़ावा, कोल्ड स्टोरेज, कृषि मित्र, कृषि पदाधिकारी नियुक्ति, फसल राहत योजना, जैसे कई बेहतर विकल्पों को अमल में लाया गया है. साथ ही नियमित तौर पर कृषि-पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा हो रही है. 

ज्ञात हो इसका फल भी राज्य को मिलने लगा है. जो झारखण्ड कल तक मछली खपत के मद्देनजर अन्य राज्यों पर आश्रित था, उस प्रदेश में मछली उत्पादन में लगातार बढ़ा है. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार भी राज्य में 23 हजार टन अधिक मछली का उत्पादन हुआ. नतीजतन, राज्य में मछली दर में भारी गिरावट आई और राज्य की गरीब आबादी भी मछली सेवन कर पा रहे हैं. राज्य की प्रति व्यक्ति मछली की उपलब्धता 10.61 किग्रा है. जो कुपोषण मुक्ति का मजबूत आधार भी हो सकता है.

कृषि मंत्री व उनकी टीम ने फार्म मैकेनिज्म की आधुनिक तकनीक की ली जानकारी

इस कड़ी में झारखण्ड सरकार की कृषि पशुपालन सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख व उनकी टीम ने केरल के त्रिसूर का दौरा किया. केरल कृषि विश्वविद्यालय का भ्रमण कर नवीन तकनीक के प्रयोग को समझा. कृषि मंत्री एग्री बिजनेस सेंटर जहाँ उन्होंने उत्पादित विभिन्न फल और सब्जियों का प्रसंस्करण करते हुए वैल्यू एडिशन के साथ तैयार प्रोसेस प्रोडक्ट को देख व किसानों के आय वृद्धि के तकनीकों को समझा. 

मंत्री पत्रलेख ने स्पष्ट कहा कि कृषि के क्षेत्र में केरल विश्वविद्यालय देश में अग्रणी है. जरूरत पड़ी तो झारखण्ड सरकार यहां के नवीन तकनीक का शार लेकर राज्य के किसानों को प्रशिक्षित कर सकती है. मसलन, हेमन्त सरकार में गंभीरता पूर्वक ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण पर जोर दे रही है. और कृषि विकास के दिशा में पूर्व सरकार के भांति विदेश भ्रमण नहीं बल्कि देश के कारगर व उन्नत विकल्पों को देख-समझ कर धरातल पर उतारने का प्रयास कर रही है.

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