झारखण्ड : 5 वर्षीय ई-गवर्नेंस विजन -सेंटलाइज्ड डेटा सेंटर

झारखण्ड : हेमन्त सरकार ने पेश की 5 वर्षीय ई-गवर्नेंस विजन. सभी विभागों के लिए बनेगा सेंटलाइज्ड डेटा सेंटर. सभी लाभुकों के डाटा व आँकड़े उपलब्ध होंगे एक प्लेटफॉर्म पर. 

  • पूर्व की सरकार में साइबर सुरक्षा पर नहीं दिया गया ध्यान. छह वर्षों में नहीं हुई एक भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मींटिग.
  • हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सरकार का साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर.
  • झारखण्ड में पहली बार हेमन्त सरकार ने पेश किया ई-गवर्नेंस के लिए 5 वर्षीय स्पष्ट विजन डाक्यूमेंट.
  • साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग के लिए ‘साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वूमेन एंड चिल्ड्रन योजना’ की शुरुआत.
  • पहली बार रांची यूनिवर्सिटी में हुई साइबर सुरक्षा कोर्स की शुरुआत.
  • हेमन्त सरकार 7 करोड़ के खर्च से नियुक्त करेगी सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग में तकनीकी मैनपावर.

तकनीक प्रधान युग में हेमन्त सरकार के नेतृत्व में झारखण्ड ने साइबर सुरक्षा की दिशा में बढ़ाया कदम 

रांची : झारखण्ड में साइबर फ्राड की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है. साइबर अपराधियों ने कई जिले के उपायुक्तों, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पत्नी सुश्री कल्पना सोरेन तक के फर्जी अकाउंट बना डाला. तमाम परिस्थितियों से प्रदेश की साइबर सुरक्षा पर सवाल खड़ा हुए हैं. सीएम हेमन्त सोरेन का भी मानना है कि तकनीक के युग में साइबर सुरक्षा देश व राज्य की जरूरत है. मसलन, सीएम ने सभी विभागों के लिए एक सेंटलाइज्ड डेटा सेंटर बनाने की दिशा में कदम बढ़ दिया है. 

झारखण्ड : 5 वर्षीय ई-गवर्नेंस विजन -सेंटलाइज्ड डेटा सेंटर

राज्य की जनता को साइबर सुरक्षा प्रदान करने व युवाओं को साइबर तकनीक में दक्ष बनाने के दिशा में हेमन्त सरकार बढ़ चली है. ज्ञात हो, ई-गवर्नेंस के मद्देनजर हेमन्त सरकार अगले पांच साल का विजन डाक्यूमेंट तैयार करेगी. सरकार के विभिन्न विभागों में चल रही तमाम योजनाओं के लाभुकों के उपलब्ध डाटा एक यूनिफाइड डिजिटल डेटा सेंटर पर लाया जाएगा. इसके लिए सरकार द्वारा 7 करोड़ रुपए के खर्च से जरूरी मैन पावर नियुक्ति का निर्णय लिया गया है. 

पूर्व के छह वर्षों से नहीं हुआ जैप आईटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग 

ज्ञात हो, पूर्व की बीजेपी सरकार में झारखण्ड प्रदेश का नाम बड़े स्तर पर साइबर अपराध से जुड़ा. लेकिन पूर्व की रघुवर सरकार में, राज्य में साइबर सुरक्षा के लिए काम करने वाले झारखण्ड एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (जैप-आईटी) को हासिये पर धकेल दिया गया. पिछले छह सालों से जैप आईटी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की एक भी मीटिंग नहीं होना तथ्य की स्पष्ट पुष्टि करती है. 

हालांकि, यह सवाल हेमन्त सरकार पर भी उठ सकता है लेकिन इसका वाजिब जवाब कोरोना महामारी की परिस्थितियों रही है. ज्ञात हो, राज्य में साइबर सुरक्षा के मद्देनजर बीते दो माह पहले सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में जैप आईटी की 10वीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग सम्पन्न हुई. मीटिंग में यह तथ्य उभरा कि राज्य में साइबर सुरक्षा गंभीर समस्या बनती जा रही है और राज्य में इसके रोक-थाम के उपक्रम कमजोर है. 

सेंट्रलाइज्ड डाटा सेंटर – करेगा साइबर अपराध नियंत्रण व सुरक्षा का माहौल प्रदान

जैप-आईटी के 10वीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया – राज्य में डेटा रिकवरी सेंटर व साइबर सिक्योरिटी रिस्पांस टीम बनाया जाएगा. सभी विभागों का एक सेंट्रलाइज्ड डाटा सेंटर बनाया जाएगा. सरकारी विभागों और कार्यालयों का अलग-अलग डेटा सेंटर साइबर सुरक्षा की दृष्टि से एक कमजोर कड़ी है. सेंट्रलाइज्ड डाटा सेंटर से डाटा मैनेजमेंट, मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग सुदृढ़ होगा. साथ ही साइबर अपराध नियंत्रण व सुरक्षा का माहौल बनाया जा सकेगा. 

राज्य में ई-गवर्नेंस के लिए पांच सालों का विजन डॉक्यूटमेंट – लोगों को होगा फायदा 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया गया है. सीएम द्वारा अगले पांच सालों का विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए विभाग निर्देश दिया गया है. ई-गवर्नेंस के प्रयोग से राज्य को होने वाले फायदें –

  • जनता घर बैठे कोई भी प्रमाण पत्र (आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र) आसानी से बना पाएंगे.
  • किसी भी स्थान से जनता सरकारी दफ्तर में शिकायत दर्ज करवा पायेगे. 
  • पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, रेलवे-बस टिकट बुकिंग, आधार कार्ड, पासपोर्ट बनाने में जनता व अधिकारियों को सुविधा होगी. 
  • सरकारी कार्यों में तेजी और पारदर्शिता आएगी. 
  • पर्यावरण के लिए भी यह लाभदायक सिद्ध होगा. 
  • सरकारी कार्यों में पारदर्शिता आने से सरकार व सरकारी तंत्र की जवाबदेही बढ़ेगी. 

झारखण्ड क्राइम प्रीवेशन योजना 2022 – साइबर क्राइम से महिलाएं और बच्चे खुद को बचा पाएंगे 

हेमन्त सरकार द्वारा झारखण्ड क्राइम प्रीवेशन योजना 2022 चलाई जा रही है. सरकार के इस कदम से अब झारखण्ड की महिलाएं और बच्चे साइबर क्राइम से खुद को बचा पाएंगे. इसके तहत विभिन्न स्कूलों में छात्रों को सामुदायिक पुलिसिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के लिए हर जिले से दस स्कूल चिन्हित किए जा रहे हैं. प्रशिक्षण के बाद बच्चे पुलिस की साइबर सेल में मदद करेंगे जिसे वह खुद को और समाज को साइबर क्राइम से बचा पाएंगे.

रांची विवि में पहली बार साइबर सुरक्षा की पढ़ाई की हुई शुरुआत 

हेमन्त सरकार में, झारखण्ड में पहली बार विश्वविद्यालय के वर्तमान सत्र में साइबर सिक्योरिटी (सुरक्षा) की पढ़ाई शुरू हुई है. इस कोर्स की शुरुआत रांची विश्वविद्यालय से की गई है. हेमन्त सरकार की यह पहल न केवल सराहनीय बल्कि दूरदर्शी भी साबित होगा. सरकार के इस कदम से राज्य में साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की भारी मांग को आसानी से उपलब्ध कराने के दिशा में कारगर युक्ति साबित होगा.

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