झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन का जनता से पारदर्शिता के साथ जुड़ाव

झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन अपनी राज्य की जनता के साथ पारदर्शिता के साथ जुड़ाव बनाए रखते हैं। वह अपने कार्यशैली, जनता की परेशानियों व राज काज में उत्पन्न होनी वाली तमाम अच्छे बुरे अनुभव को जनता के साथ अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर कर सीधा जुड़ने का प्रयास करते हैं। 

संक्रमितों की रिकवरी रेट – 51.71 प्रतिशत

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने फेसबुक वाल से जानकारी दी में संक्रमितों की रिकवरी रेट – 51.71 %, खबरों में दर्शाया जा रहा है, जो कि 41.34 % से कहीं ज़्यादा है। पर यह उनके लिए मायने नहीं रखता। मायने रखता है तो यह कि कैसे हम संक्रमण को परास्त कर सभी संक्रमितों को स्वस्थ करते हुए अपनों के बीच भेजेंगे। इसका श्रेय वह हमारे राज्य के डॉक्टर, प्रशासन, पुलिस, सफ़ाईकर्मी लेकर तमाम कोरोनावॉरीअर अपना सब कुछ न्योछावर कर इस महामारी से मुक़ाबला कर रहे हैं। उनको देते हैं…

सखी मंडलों को झारखंड सरकार द्वारा 75 करोड़ रुपए की राशि प्रदान किया गया

झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन

राज्य के 50 हज़ार सखी मंडलों को चक्रीय निधि के रूप में झारखंड सरकार द्वारा 75 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गयी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि – इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बसे करीब 6 लाख परिवारों को सीधा लाभ होगा। साथ ही इससे ना केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि अत्यंत गरीबी में जी रहे परिवारों को सूदखोरों के चंगुल से भी बचाया जा सकेगा।

इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कहा कि – “मुझे विश्वास है कोरोना के बाद उत्पन्न हुए संकट से निपटने में यह राशि झारखंड की मेरी बहनों को ज़रूर सहायता प्रदान करेगा। 

बढती तेल की कीमतों से झारखंड के मुख्यमंत्री दुखी 

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिदिन ईंधन कि कीमतें बढाए जाने से निराशा व्यक्त किया है। उनका कहना है कि – “एक तरफ़ जहां कोरोना वायरस महामारी से देश/राज्य कि जनता त्रस्त है। क्योंकि, आर्थिक दृष्टिकोण से लॉकडाउन ने गरीब जनता की कमर तोड़ दी है। वहीं हर रोज़ कच्चे तेल की क़ीमत लगातार बढाए जा रहे हैं। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले कई दशक से कच्ची तेल कि कीमतें अपने निचले स्तर है। फिर भी कीमतों का लगातार बढ़ाना न केवल समझ से परे है, देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण भी है। 

उन्होंने केंद्र से अपील की है कि, “कच्चे तेल कि बढती कीमतों से सबसे ज्यादा परेशान गरीब और मध्यम वर्ग और हमारे जैसे गरीब राज्य हैं। इसीलिए हम मांग करते हैं कि इन बढ़ी हुई कीमतों को जल्द से जल्द वापस लिया जाए”।

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