सत्ता जाने से हतोत्साहित है बीजेपी नेता, हेमंत सरकार को बदनाम करने के लिए अपना रहे हर हथकंड़े, छात्रों के सुरक्षा और स्वास्थ्य पर भी बीजेपी नेताओं ने खेली राजनीति.
Ranchi : केंद्र की बीजेपी सरकार ने झारखंडी जनता को धोखा देने के लिए हर संभव कदम उठाने का काम किया है। धोखा देने के लिए बीजेपी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम का सहारा तो लिया ही। साथ ही झारखंडी जमीन को अपनी कई योजनाओं के शुभारंभ का लांचिंग पैड भी बनाया। दरअसल ऐसा करके एक तो बीजेपी नेता तत्कालीन रघुवर सरकार की कमियों को छुपाना चाहते थे। साथ ही जनता को यह मैसेज देना चाहते थे कि झारखंड की विकास के लिए केंद्र हर संभव कदम उठाने को तैयार है। लेकिन. पीएम मोदी और उनकी टीम को इसका भी पूरा आभास था कि रघुवर नीतियों से परेशान झारखंड की जनता विधानसभा चुनाव में बीजेपी का नहीं जेएमएम का साथ देगी। इसके लिए पीएम ने झारखंड को योजनाओं का लांचिंग पैड बना दिया। लेकिन जब बीजेपी की पोल जनता के समक्ष खुली, तो सत्ता हाथ से गयी। अब सत्ता का मोह इतना है कि प्रदेश बीजेपी नेता बेहतर काम कर रही हेमंत सरकार को बदनाम करने के लिए हर तरह के हथकंड़े अपनाने रहे है। नीट-जेईई परीक्षा लेने पर अडिग बीजेपी की नीति भी कमोवेश इसी पर टिकी थी।
मोदी सरकार की किसी भी योजनाओं से झारखंडी को नहीं मिला है फायदा
आज पूरे झारखंड की जनता यह जान चूकी है कि मोदी सरकार की शुरू की गयी तमाम योजनाओं से राज्य की जनता को केवल धोखा ही मिला है। ऐसी योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, व्यापारी और स्वरोजगारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना, एकलव्य विद्यालय योजना सहित आयुष्मान भारत योजना शामिल है। विशेषकर आयुष्मान भारत योजना की कमियां तो कई बार देखी गयी है।
सत्ता जाने से हत्तोसाहित है बीजेपी नेता, कर रहे अनर्गल बयानबाजी
यह कहने में कतई परेशानी नहीं है कि हेमंत सरकार झारखंडी जनता के हित में बेहतर काम कर रही है। अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री लगातार नई-नई घोषणाएं कर रहे है। दूसरी तरफ प्रदेश बीजेपी नेता हेमंत सरकार पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि हेमंत सरकार की प्रॉयोरिटी टोल टैक्स, बालू शराब और कोयला, ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल है। जबकि हकीकत यही है कि सीएम हेमंत सोरेन ने सत्ता पर आते ही इन कामों में बीजेपी नेताओं के फैले सिडिकेंट को तोड़ा। जाहिर है प्रदेश बीजेपी नेताओं को इससे आर्थिक नुकसान होगा।
जेईई-नीट परीक्षा लेने के पीछे हेमंत सरकार को करना था बदनाम
पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देख जेईई-नीट परीक्षा टालने की मांग की थी। जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार परीक्षा को लेकर इसलिए अडिग थी क्योंकि गैर बीजेपी राज्यों की छवि जनता के समक्ष खराब हो। दरअसल कोरोना संक्रमण को देख मुख्यमंत्री ने केंद्र के निर्देशों से अलग कई क्षेत्रों में पाबंदी लगा रखी थी। बीजेपी ने छात्रों के जीवन पर भी राजनीति खेलने से परहेज नहीं किया। वे जानते थे कि हेमंत सरकार को युवा छात्रों के लिए अधिकांश क्षेत्र को खोलने में विवश होना होगा। लेकिन बीजेपी नेता अपने इस षड़यंत्र में सफल नहीं हो सके। हेमंत सरकार ने छात्रों की मदद के लिए वो हरसंभव काम किये, जिससे इन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। हेमंत तो बस यही चाहते है कि कोरोना से छात्रों को कोई परेशानी नहीं हो। सीएम के प्रयास से इन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।