इंडिया: आदिवासी दिवस। 15 अगस्त। आदिवासी सीएम। ईडी समन।

अमृतकाल – अवैध नियुक्त ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा के कार्यकाल को विस्तार. आदिवासी बेटियों के त्रासदी पर आदिवासी को नहीं निशिकांत दुबे को बोलने का हक. आदिवासी दिवस, 15 अगस्त के बीच एक आदिवासी सीएम को ईडी समन का तोहफा. 

रांची : मोदी शासन के अक्स में भारत में अमृत्काल काल का दौर है. जिसके अक्स में एक आदिवासी सीएम हेमन्त सोरेन का देश से सवाल है कि ‘आचरण महत्वपूर्ण या नाम’. जिसके अक्स में मणिपुर में आदिवासी समेत सभी वर्गों के बेटे-बेटियों की त्रासदी की दिल दहलाती तस्वीरें है. देश अंतर्कलह के दिशा में बढ़ चला है. वहां अवैध नियुक्त ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा के कार्यकाल को अवधि विस्तार का सच हो. विपक्ष के याचना के बावजूद देश का पीएम लोकसभा से नदारत हो. 

इंडिया: आदिवासी दिवस। 15 अगस्त। आदिवासी सीएम। ईडी समन।

दिल्ली जैसा राज्य उदाहरण के रूप में राज्य समाप्ति के बिल पास का सच लिए हो. देश के अभिन्न अंग मणिपुर त्रासदी पर पीएम की चुप्पी के अक्स में मणिपुर या आदिवासी सांसद को बोलने का हक ना हो. और केवल निशिकांत दुबे ही बोले जिसमें मणिपुर ही गौण हो. और तमाम परिस्थितियों के बीच देश हित में ईडी का जरुरी कार्यकाल का सच आदिवासी सीएम को समन भेजने का सच लिए हो. तो देश का बहुसंख्यक वर्ग अमृतकाल में अपना अस्तित्व कैसे देखे – महत्वपूर्ण सवाल?

बहरहाल, झारखण्ड ऐसे नाजुक दौर में भी लोकतंत्र के संरक्षण में मजबूती से खड़ा है. आज 9 अगस्त 2023, विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर झारखण्ड आदिवासी महोत्सव -2023 के आसरे वह देश के लोकतांत्रिक मान-सम्मान को दुनिया के पटल पर रखने के दिशा में जूझ रहा है. आदिवासी सीएम मस्त मलंग हो अपने झारखण्ड वासी भाई-बहनों के साथ झूम-गा रहे हैं. झारखण्ड के विकास को आयाम दे रहे हैं. और मजबूती से अपने महापुरुषों के सिख के आसरे इंडिया के साथ खड़े हैं.

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