झारखण्ड : राष्ट्रपति के द्वारा देश के “सबसे बड़े” उच्च न्यायालय का उद्घाटन ऐतिहासिक 

झारखण्ड : देश के “सबसे बड़े” उच्च न्यायालय का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना ऐतिहासिक. साथ ही फ़ासी राजनीति के लिए संविधानिक सीख भी है. सीएम सोरेन के द्वारा महामहिम द्रौपदी मुर्मू का भव्य सवागत. 

रांची: झारखण्ड की राजधानी रांची, धुर्वा में देश के “सबसे बड़े” हाईकोर्ट परिसर का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा होना निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक घटना है. ऐसे दौर में जब लोकतंत्र में फ़ासी घुसपैठ चरम हो यह उसके लिए भी संवैधानिक सीख लिए हुए है. ज्ञात हो, राष्ट्रपति 24 मई 2023 से झारखण्ड के 3 दिवसीय दौरे पर हैं. झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के द्वारा प्रोटोकॉल के तहत पूरी उत्सुकुक्ता से अपने राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया जाना तथ्य की पुष्टि भी करती है.

झारखण्ड : राष्ट्रपति के द्वारा देश के “सबसे बड़े” उच्च न्यायालय का उद्घाटन ऐतिहासिक

ज्ञात हो, झारखण्ड एक एससी, एसटी, ओबीसी व गरीब बाहुल्य क्षेत्र है. और पूर्व के शासनों के अक्स में ये वर्ग न्याय से वंचित रहे हैं. इन्हीं वर्गों के लोग भी झारखण्ड के जेलों में न्याय की आस लम्बे अरसे से लगाए हुए हैं. जिसका झारखण्ड के पूर्व के 20 बर्षों के शासन में कोई मानवीय हल न निकलने का ऐतिहासिक सच सामने है. ऐसे में मौजूदा शासन में देश के “सबसे बड़े” हाईकोर्ट परिसर का निर्माण व महाहिम राष्ट्रपति के द्वारा इसका उद्घाटन कई मायने में ऐतिहासिकता का सच लिए है.

ज्ञात हो, मौजूदा शासन में न्याय की सुलभता के दिशा में कई बुनियादी व ठोस कदम उठाये गए हैं. दमित, गरीब व महिला वर्गों के न्याय के लिए सरकारी सुविधाएं. न्याय के क्षेत्र में भविष्य तलाशने वाले गरीब छात्रों को सरल सरकारी मदद. बार काउंसिल जैसे न्याय के प्रतीकों का आधुनिकीकरण व सुविधाओं से लैस करने, जैसे फैसलों के अक्स में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा झारखण्ड हाईकोर्ट परिसर का उद्घाटन कई मायने नए विहान की ऐतिहासिकता को प्रमाणित कर सकता है. 

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