हेमन्त सरकार : पारा शिक्षकों के भांति बीआरपी-सीआरपी को भी स्थाई करने की तैयारी

झारखण्ड : बीआरपी-सीआरपी के नियमावली में होगा संशोधन, 60 वर्ष तक दे सकेंगे सेवा, मानदेय में होगी बढ़ोत्तरी. गठित कमेटी विभिन्न आयामों के अध्ययन कर देगी रिपोर्ट. शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया निर्णय. 

रांची : हेमन्त सरकार पारा शिक्षकों के तर्ज पर राज्य के बीआरपी-सीआरपी को स्थायी करने के दिशा में बढ़ चली है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. इससे सम्बंधित नियमावली बनायी जायेगी. ज्ञात हो, राज्य में लगभग 15 साल से 3000 कार्यरत हैं. इनकी नियुक्ति सर्वशिक्षा अभियान के तहत हुए हैं. पारा शिक्षकों के भांति बीआरपी-सीआरपी लम्बे समय से स्थायीकरण की मांग करते आ रहे हैं. 

पारा शिक्षकों के भांति इनकी सेवा शर्त नियमावली के संशोधन हेतु प्राथमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी. कमेटी अन्य राज्यों में बीआरपी-सीआरपी को मिल रही सुविधाओं व् विभिन्न आयामों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी. और उसी रिपोर्ट के आधार पर नियमावली बनायी जायेगी. फिर उस नियमावली के आधार पर बीआरपी-सीआरपी का स्थायीकरण किया जा सकेगा.

झारखण्ड राज्य में बीआरपी – सीआरपी 60 वर्ष तक कर सकेंगे नौकरी 

हेमन्त के जनहित-युवाहित, सम्यक विचार के अक्स में राज्य के बीआरपी – सीआरपी 60 वर्ष तक नौकरी कर सकेंगे. नियमावली में इसका विशेष तौर पर प्रावधान किया जायेगा. राज्य में वर्तमान के नियमावली के तहत बीआरपी – सीआरपी कितने समय सीमा तक नौकरी करेंगे, का उल्लेख या प्रावधान नहीं है. नतीजतन, राज्य के बीआरपी-सीआरपी लम्बे समय से इसकी मांग करते आ रहे है.

हेमन्त शासन में अब बीआरपी-सीआरपी को बढ़ा मानदेय मिलेगा

हेमन्त सरकार में बीआरपी – सीआरपी को बढ़े हुए मानदेय का भुगतान होगा. ज्ञात हो, इस सम्बन्ध में बीआरपी-सीआरपी के मानदेय में 25 फीसदी की वृद्धि हुई थी. लेकिन,केंद्र सरकार द्वारा बढ़ा हुआ मानदेय नहीं दिया जा रहा था. झारखण्ड शिक्षा परियोजना द्वारा ही बढ़े मानदेय का भुगतान किया जा रहा था. शिक्षा परियोजना राशि देने में असमर्थता जता रही थी. मसलन, तमाम परिस्थितियों के बीच अब राज्य सरकार द्वारा बढ़े मानदेय का भुगतान भी किया जायेगा.

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