हेमन्त सरकार में JSLPS की “पलाश ब्रांड” से मिली है झारखंडियों को नयी पहचान – पूर्ववर्ती सरकार में JSLPS का हुआ दोहन

  • “ पलाश ब्रांड ” ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए बनी जीविका का आधार  
  • पहली बार झारखण्ड को मिला है पौष्टिक राशन, कुपोषण दूर करने में मिली है सहायता

पूर्ववर्ती NDA सरकार में JSLPS बना घोटाले का पर्याय, कंबल घोटाले में तो सहयोगी आजसू पार्टी भी कुर्सी बांटने में रही थी आगे 

रांची. बीजेपी शासन में घोटाले का पर्याय माने जाने वाली संस्थान JSLPS आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के शासन में मील का पत्थर साबित हुआ है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का अमूल ब्रांड की तरह “ पलाश ब्रांड ” को झारखण्ड के साथ-साथ देश-दुनिया में पहचान दिलाने की कवायद, रंग लाती दिख रही है. योजना के शुरूआती दौर में मुख्यमन्त्री ने कहा था कि पलाश ब्रांड को धरातल पर उतारने से राज्य की महिलाओं का सशक्तीकरण होगा. झारखंड को नयी पहचान मिलेगी. पलाश राज्य सरकार का ब्रांड है और इसके अंतर्गत जो भी उत्पाद होगा वह पलाश नाम से बेची जा सकेगी. 

पलाश योजना के तहत होने वाले उत्पादों को किया गया लॉच 

ज्ञात हो, ग्रामीण विकास के अंतर्गत झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसइटी के द्वारा पलाश ब्रांड योजना का संचालन हो रहा है. इस ब्रांड के तहत सखी मंडल द्वारा घरेलू उपयोग से जुड़े कई उत्पाद बनाये जा रहे हैं और बाजार में उतारे जा रहे हैं. गुरूवार को ग्रामीण विकास विभाग ने पलाश ब्रांड के पांच नए उत्पादों को लॉच किया है. इसमें काले गेंहू का आटा, अरहर दाल, ब्राउन राइस, पलाश वाशिंग पाउडर और पलाश हैंडवॉश शामिल हैं. लॉचिंग के साथ ही इन उत्पादों की बिक्री शुरू भी हो गयी है. 

सरकारी संस्थाओं के शक्तियों का दुरूपयोग करने में बीजेपी-आजसू, दोनों ही पार्टियां रही है आगे 

ज्ञात हो, हेमन्त सोरेन के शासन में राज्य की तमाम संस्थाओं का उपयोग झारखंड की भलाई के लिए हो रहा है. जबकि पूर्व की बीजेपी और सहयोगी सरकार में ऐसी सभी संस्थाओं का दुरुपयोग हुआ. घोटाले इनकी पहचान बनी है. 

  • बीजेपी की सहयोगी पार्टी आजसू द्वारा JSLPS का उपयोग चुनावी हित साधने के लिए किया जाता रहा. ज्ञात हो, विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के कई हिस्सों में पार्टी द्वारा कुर्सी बाँटी गयी थी. मीडिया में यह खबर भी चली कि सभी कुर्सियां JSLPS संस्था द्वारा बनायी गयी है. 
  • झारक्राफ्ट जैसे संस्थान द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के कल्याण के नाम पर कंबल घोटाला भी पूर्ववर्ती सरकार में ही हुआ था. रघुवर सरकार ने फैसला लिया था कि उनके शासन में बाजार से कंबल नहीं खरीदे जाएंगे. राज्य के बेरोजगार बुनकरों को कंबल बनाने की सामग्री मुहैया कराई जाएगी. लेकिन झारखण्ड के बुनकरों के पास बड़ी संख्या में कंबल बनाने के लिए ना संसाधन और ना ही पूंजी मौजूद था. झारक्राफ्ट ने सारा काम कागजों पर पूरा किया और बाजार से घटिया कंबल खरीदकर गरीबों के बीच पहुंचाया गया. बाद में जग जाहिर हुआ और झारखण्ड पर कंबल घोटाले का दाग लग गया.

महिलाओं को आत्मनिर्भर व कुपोषण मुक्त कराने की दिशा में है हेमन्त सरकार का सराहनीय प्रयास 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की महत्वाकांक्षी योजना पलाश ब्रांड, आज झारखण्ड की ग्रामीण महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान कर रहा है. सितम्बर 2020, पलाश ब्रांड योजना के लॉच के दौरान सीएम ने कहा था कि उनकी यह सोच ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी. इससे महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा. साथ ही झारखंड के लोगों को उचित दाम पर शुद्ध उत्पाद उपलब्ध होंगे. जिससे राज्य को कुपोषण से मुक्ति मिल पायेगी. जैसे – अपने गुणों के लिए मशहूर काले गेंहू का आटा प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण करने में कारगर साबित होता है. 

पहली बार किसी सरकार ने झारखंडियों की पहचान को दिए मायने 

हेमन्त सरकार में जिस प्रकार पलाश ब्रांड योजना ने मुकाम पाया है, वैसा पूर्व की किसी सरकारों में नहीं देखा गया. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का मानना है कि अगर नेक नीयत व सही तरीके इसे आगे बढ़ाया गया तो टाटा, अमूल की तरह इस ब्रांड की भी सीमाएं देश को लांघ सकेगी. जैसे लिज्जत पापड़ एवं अमूल का अधिकांश उत्पाद महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा ही बनाया जाता है. पलाश ब्रांड उत्पादों को भी SHG महिलाओं की मेहनत से जोड़ कर आगे ले जा जाएगा. वर्तमान में, पलाश ब्रांड के अंतर्गत केवल खाने-पीने के ही उत्पाद ही शामिल हैं. आनेवाले समय में जूता, चप्पल, साड़ी जैसे उत्पाद भी बेचे जा सकेंगे.

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