राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की नई युवा सोच सीमित संसाधनों में भी झारखंड में सुखद खबर ले कर आयी है
झारखंड में वर्षों रही भाजपा की शासन ने राज्य को रोज़गार के बदले दिया पलायन। राज्य में भाजपा सरकार द्वारा ठोस नीतिगत फैसले नहीं लिए जाने के कारण युवाओं में बेरोज़गारी बढ़ी। लेकिन, राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की नई युवा सोच सीमित संसाधनों में भी सुखद खबर ले कर आयी है। राज्यवासियों के लिए हर क्षेत्र में रोज़गार के नव अवसर सृजित हुए। एक तरफ जेपीएससी की नई 7वीं नियमावली गठित कर युवाओं को रोज़गार देने की पहल हुई। तो दूसरी तरफ राज्य भर में महिला व श्रमिक फूलो झानो, बिरसा हरित ग्राम, मनरेगा जैसे कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ संकट काल में भी रोजगार प्राप्त किये।
हेमन्तं सरकार के दूरगामी सोच से झारखंड में अब विकास कार्य व नई परिकल्पनाओं को साकार होते देखा जा सकता है। जबकि पूर्व की भाजपा सरकार ने छठी जेपीएससी की परीक्षा भी निर्विवाद न करा सकी। उनका मोमेंटम झारखण्ड केवल घोटाला व प्रोपगेंडा बन कर रह गया। क्योंकि सैकडो युवाओं ने रोज़गार रोजगार के मद्देनजर खुद को केवल ठगा महसूस किया। स्थानीय स्तर पर खोदे गए डोभा भी जानलेवा ही साबित हुई।
इधर इससे पहले 6ठी जेपीएससी के जरिये पूर्व की सरकार में जितनी बार परीक्षाएं ली गई। उतनी बार परीक्षार्थियों और सरकार को न्यायालय से न्याय की गुहार लगानी पड़ी। क्योंकि तमाम सरकारें जेपीएससी में होनेवाली अनियमितताओं की चूक को रोक पाने में असफल रही। हेमन्त सोरेन ने सत्ता संभालते ही न सिर्फ पहली बार जेपीएससी की नई नियमावली गठित की। कई ख़ामियों को दूर भी भी किया। जिसके माध्यम से सालभर में ही कार्यालयों में रोज़गार देने की कवायद आरम्भ हो सकी ताकि राज्य में, राज्य के युवाओं का सुनहरा भविष्य निर्माण हो सके और उन्हें हक मिले।
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