हेमन्त सरकार की नीतियों के अक्स में हंगर वंगर जैसे स्थानीय व्यवसाय लेने लगी है अंगड़ाई

हजारीबाग : झारखंडी मानसिकता की सरकार की नीतियां स्थानीय व्यवसायियों के विश्वास में नयी संभावनायें जन्म दे रही है. राज्य में स्थानीय व्यवसाय नए रंग में फलने फूलने लगे है. हजारीबाग का चर्चित ‘हंगर वंगर‘ जैसे रेस्टोरेंट अपने आउटलेट काउंटर का विस्तारीकरण अनोखे तरीके से करने लगे है. जो अपने आप में झारखंडियत की छाप लिए है. 

हंगर वंगर’ के नए आउटलेट काउंटर का उदघाटन किया मानसिक दिव्यांग बच्चों ने 

हंगर वंगर के इस नए आउटलेट काउंटर का उदघाटन भी अनोके अंदाज में हुआ. इस रेस्टोरेंट द्वारा अस्पेष्टिक (मानसिक दिव्यांग) बच्चों का चयन किया गया और उनके हाथो अपने प्रतिष्ठान का फीता कटवाया. ये तमाम बच्चे हजारीबाग के सिमेट्री रोड में चलने वाले मानसिक दिव्यांग विद्यालय लिए गए. इस विद्यालय में लगभग 25 बच्चे हैं पहले यहां 50 बच्चे थे लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अभी यहां आधी संख्या में ही बच्चे हैं .समाज कल्याण विभाग की तरफ से इस विद्यालय का संचालन होता है. 

विद्यालय के संचालक मनीष सिन्हा ने बताया पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि कोई उनके बच्चों से भी अपने प्रतिष्ठान का उद्घाटन करवाएगा और उन्हें बिल्कुल आम लोगों की तरह भोजन करवाएगा. लेकिन हंगर वंगर के संचालक आनंद सिन्हा का आग्रह झारखंडी परम्परा को मजबूती देने वाली थी. 

रेस्टोरेंट संचालक आनंद सिन्हा का प्रयास – बच्चे दुनिया से कटे महसूस न करे उनमे सामाजिक दायित्व का संचार हो 

हंगर वंगर के संचालक आनंद सिन्हा ने कहा कि उनकी सोच केवल इतनी थी कि ऐसे बच्चों के 1 दिन को बेहतर बनाया जाए और यही उनकी कोशिश थी. सामान्यतयः ऐसे बच्चों को महीने में एक-दो दिन भी इस तरह का एक्सपोजर मिले जिससे इन्हें मानसिक फायदा होगा साथ ही इनको महसूस होगा कि ये बाकी दुनिया से कटे नहीं हैं. इन बच्चों के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट लाये जाने का यह प्रयास इनके भीतर सामाजिक जुड़ाव के चेतना को मजबूत करेगा.

बच्चों के समक्ष रेस्टोरेंट में निर्मित तमाम लजीज व्यंजन परोसे गए, वेलकम ड्रिंक से इनका स्वागत हुआ और उसके बाद सिजलर्स और स्नेक्स परोसे गए. बच्चों ने चिकन बिरयानी और नान खूब मजे लेकर खाने के बाद. रेस्त्तोरेंट के लाजबाब म्यूजिक सिसटम से निकलने वाले धुनों पर जैम कर नाचे. मानवता के दृष्टिकोण से नजारा किसी को भी भावविभोर कर सकती थी.

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