हेमन्त सरकार के निर्देश के बाद पलामू के श्रमिक के शव को बेंगलुरू से एंबुलेंस द्वारा वापस लाया गया व अंतिम संस्कार हुआ.
रांची : झारखण्ड में 2019 का चुनाव निसंदेह नयी आशा लेकर आया है. भाजपा सत्ता से विपरीत मौजूदा हेमन्त सत्ता में गरीब मजदूरों की लगातार सुध ली जा रही है. हालांकि, इसका आभास प्रथम लॉकडाउन के वक़्तसे होने लगा था. जहाँ हेमन्त सरकार द्वारा राज्य के मजदूरों की प्रवाह की गयी और देश भर से उनकी सुरक्षित वापसी विशेष ट्रेन से कराई. साथ ही राज्य में मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए भी सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा गया. मसलन, देश के सुदूर इलाको में कार्य कर रहे प्रवासी मजदूरों के प्रति हेमन्त सरकार एक मज़बूत अभिभावक बन कर उभरी है. इस बार
राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद श्रमिक देव सिंह के शव को झारखण्ड लाया जा सका
03 नवंबर 2021 को झारखंड (पलामू जिला) के श्रमिक देव सिंह की मृत्यु बेंगलुरू में एक दुर्घटना के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी. मामले में राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद उनका शव एंबुलेंस के जरिये पलामू उनके गांव अवसन ग्राम में 5 नवंबर को ले गया. परिजनों को शव की सुपुर्दगी के बाद 5 नवंबर को ही उसका शव का अंतिम संस्कार हुआ. बता दें कि देव सिंह बेंगलुरू के कड्डपा इलाके में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में मिस्त्री का काम कर रहे थे. वह पलामू के चैनपुर प्रखंड स्थित अवसन ग्राम के निवासी थे.
खबर के अनुसार, बीते रविवार 31/10/2021 की रात खाना खाने के बाद देव सिंह सोने जा रहे थे. इसी क्रम में उनका पैर फिसला और वह बिल्डिंग से नीचे गिर गये. बाद में देव सिंह को श्रमिक साथियों द्वारा कड्डपा अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी गंभीर हालत को देखते हुए ठेकेदार द्वारा उन्हें दक्षिण कर्नाटक के पुथूर स्थित वेनलॉक जिला अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के दौरान ही देव सिंह की मृत्यु 03 नवंबर को हो गई. विधायक केएन त्रिपाठी द्वारा घटना की जानकारी श्रम विभाग के राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष को दी गई थी.
झारखण्ड सरकार के निर्देश पर राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष द्वारा काम करा रहे ठेकेदार और बेंगलुरू के संबंधित थाने से बातचीत के उपरान्त मृतक देव सिंह का पोस्टमार्टम कराया गया. नियंत्रण कक्ष से बातचीत के बाद कंट्रोल रूम ने ठेकेदार से बातचीत कर उनके शव को झारखंड भेजने की व्यवस्था करने को कहा गया. ठेकेदार द्वार शव को एंबुलेंस से पलामू भेजने के लिए कुल 1,30,000/ रुपये उपलब्ध कराया गया. शव को वापस लाने में श्रम विभाग के पदाधिकारी, राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष और बेंगलुरू पुलिस प्रशासन का विशेष सहय़ोग रहा है.