झारखण्ड : सीएम हेमन्त सोरेन का राज्य विकास में सड़क को प्राथमिक आधार बना सामाजिक संपर्क मजबूती देने का प्रयास सराहनीय. जो उनकी आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास के प्रति दूरदर्शी समझ को परिभाषित करता है.
रांची : सड़क को मानव जाति के विकास का पूल कहा जाता है. क्योंकि बेहतर सड़क के बिना जन-जीवन किसी भी क्षेत्र में विकास की कल्पना नहीं कर सकता है. सड़क स्वस्थ व जागरूक समाज के मुख्य आधारभूत आवश्यकताओं में से एक है. क्योंकि मानव जाति की सेवाओं व मानवता का आवागमन सड़क के बिना सुनिश्चित नहीं हो सकता है. यह सामाजिक संपर्क सुनिश्चित कर मानव जाति की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक जैसे सभी आयामों में विकास को परिभाषित करता है.
सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, मदद जैसे सेवाओं के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. और सामाजिक विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे जरूरतों की पूर्ति सुनश्चित करता है. देश में राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य राजमार्गनिर्माण ने गाँवों को शहर से जोड़ उसकी आर्थिक विकास को बल दिया. ज्ञात हो, सड़कों के निर्माण से चीन की अर्थव्यवस्था बड़ी हुई तो जापान में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला. मसलन, किसी भी सीएम-पीएम के कार्यकाल की मापी सड़क निर्माण के विश्लेषण से होता है.
हेमन्त शासन में सडकों का विकास एक ऐतिहासिक पहल
ज्ञात हो झारखण्ड प्रदेश में हेमन्त शासन में सड़क निर्माण को बढावा मिला है. चार वर्षों में 95% बजट राशि का व्यय हुआ है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में 60% राशी व्यय से राज्य में कुल 17000 किमी सड़क का निर्माण होना है, जिसमें 14000 किमी सड़क का निर्माण हो रहा है. इसमें 2000 किलोमीटर सड़क नेशनल हाईवे के तहत बना रही है और राज्य सरकार द्वारा 5200 किमी सड़क निर्माण पूर्ण किया जा चुका है. 4600 किलोमीटर की सड़क निर्माण जारी है.
वर्तमान में हेमन्त सरकार में विभाग द्वारा 283 योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसके तहत 398 बड़े पुल-पुलिया का निर्माण पूर्ण हो चुका है. बीते चार सालों में 525 योजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिसकी कुल लम्बाई 6500 किलोमीटर है. राज्य में कई सड़क योजनाओं को एनएचएआई के माध्यम से कराया जा रहा है. राज्य सरकार की सकारात्मक पहल की वजह से एनएचएआई के माध्यम से 40000 करोड़ की सड़क योजनाओं पर राज्य में काम हो रहा है.
रिंग रोड की कनेक्टिविटी पर तेजी से हो रहा कार्य
भारतमाला परियोजना पर 2500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है. जिससे झारखण्ड राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों की सड़कों का विकास किया जा रहा है. रांची के इनर रिंग रोड के 10 पार्ट में से कुल तीन पार्ट को स्वीकृति मिल चुकी है. 194 किलोमीटर लंबे आउटर रिंग रोड का डीपीआर तैयार कर लिया गया है. रिंग रोड की कनेक्टिविटी पर तेजी से कार्य हो रहा है, कई कनेक्टिंग रोड की स्वीकृति भी मिल चुकी है.
कांटाटोली से सिरमटोली को जोड़ने वाली फ्लाईओवर की स्वीकृति दी जा चुकी है. हरमू फ्लाईओवर निर्माण की प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है. साथ ही राज्य के कई अन्य शहरों में भी फ्लाईओवर निर्माण पर काम हो रहा है. राज्य में एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर, टूरिस्ट एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर भी पर काम हो रहा है. वर्ल्ड बैंक के सहयोग से भी सड़कें बनाई जा है. करमटोली एलिवेटेड रोड का डीपीआर भी तैयार है. मसलन, हेमन्त शासन का झारखण्ड राज्य के विकास को लेकर मंशा स्पष्ट है.