हेमन्त मूलवासियों के मशाल को लेकर आगे बढ़ने वाले एक मात्र CM

झारखण्ड : विपक्षीय चुनौतियों के बीच भी एससी, एसटी, ओबीसी समेत सभी मूलवासियों की जायज समयाओं के मशाल को लेकर केंद्र की दिशा में बढ़ने वाले एक मात्र सीएम.

रांची : हेमन्त सरकार में झारखण्ड प्रदेश के आदिवासियों-मूलवासियों के हक-अधिकार सुनिश्चित करने की मांग को ठोर मिला है. ज्ञात हो, इस दिशा में हेमन्त सरकार में विधानसभा से पारित 1932 वर्ष आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी, अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण बढ़ोतरी विधेयक, भीड़ हिंसा और मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक, सरना आदिवासी धर्म कोड विधेयक को लौटाए जाने के बाद फिर एक बार विधानसभा से पारित कराने के दिशा में राज्य साकार बढ़ चली है. सीएम का भी इसके प्रति जुझारूपन का स्पष्ट दिखा है.

मूलवासियों के मशाल को लेकर आगे बढ़ने वाले एक मात्र CM

ज्ञात हो, हेमन्त सरकार का राज्य के आदिवासी-मूलवासी के पक्ष में यह प्रयास राज्य के मूलवासियों की सम्पत्ति, किसानी, नियुक्ति जैसे तमाम हक़ अधिकार संरक्षित करेगी. साथ ही राज्य में 20 वर्षों से व्याप्त सामन्ती खनीज, ज़मीन व् हक-अधिकार के लूट को भी रोकने में मददगार साबित होगा. भूमि विवाद, विस्थापन, नागरिक पहचान, विकास योजना की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा. जिससे राज्य के सभी वर्गों की समाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, न्याय, समानता, शिक्षा का उत्थान संभव हो सकेगा. 

झारखण्ड विकास में सरकार आपके द्वार भी एक बेहतरीन पहल 

उपरोक्त निर्णायक कदम के साथ सीएम हेमन्त आम जन की 20 वर्षों की समस्या को आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार के माध्यम से लगातर तीन वर्षों से सुलझा रही है. इस वर्ष भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. और सीएम स्वयं राज्य भर के जिलों में पहुँच मोनिटरिंग करते देखे जा रहे हैं. साथ ही वह बड़ी संख्या में नियुक्ति विज्ञापन निकाले के दिशा में भी बढ़ चली है. सूत्रों की माने तो राज्य की संस्थान जल्द परीक्षाएं संपन्न करेगी.

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सीएम ने जामताड़ा में कहा –   

  • साईकिल वितरण योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजा जा रहा है. पूर्व में इसके लिए ₹3500 प्रति साईकिल दी जाती थी. अब ₹4500 में दी जा रही है.
  • ग्राम प्रधानों की मानदेय बढ़ाने चिंता सरकार को है. समय के साथ और संसाधन के अनुरूप इस सम्बन्ध में सरकार कार्य करेगी. केंद्र सरकार से बकाया राशि न मिल पाने के कारण इसमें विलंब हुई है.
  • जामताड़ा में ₹300 करोड़ की लागत से 500 किमी ग्रामीण सड़क की स्वीकृति दी गई. और ₹250 करोड़ की लागत से 220 किमी उच्च स्तरीय सड़क बनेगा. ₹270 करोड़ की लागत से फिर से बीरबिंदिया पुल के निर्माण को स्वीकृति मिली.
  • बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना के तहत 2,742, साईकिल वितरण के तहत 13,553, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 242, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत 15, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत 178 समेत 26 हजार से अधिक लाभुक आच्छादित हुए.
  • ₹23336.94 लाख की 24 योजनाओं का शिलान्यास एवं ₹21881.88 लाख की 68 योजनाओं का लोकार्पण हुआ. 26,126 लाभुकों के बीच 18211.5 लाख की परिसंपत्तियों का वितरण हुआ. कुल ₹63430.34 लाख की योजना का शिलान्यास, लोकार्पण एवं परिसंपत्तियों का वितरण किया गया.

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