हेमंत सोरेन की महामारी की त्रासदी झेल रहे अनाथ बच्चों के पोषण की पहल को अपनाती मोदी सरकार व बीजेपी शासित राज्य

13 मई को झारखंड में अनाथ बच्चों के भविष्य को लेकर लिए गए फैसले की गंभीरता, इससे आंकी जा सकती है कि 29 मई को केंद्र सरकार व 30 मई तक बिहार व उत्तर प्रदेश सरकार ने भी झारखंड सरकार के निर्णय को धरातल पर उतारने का लिया फैसला.

कोरोना महामारी में माता-पिता खो चुके बच्चों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने हेतु, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा संवेदनशील निर्णय लिया गया. फैसले की गंभीरता का आकलन इससे हो सकता है कि केंद्र से लेकर कई बीजेपी शासित राज्य तक ने झारखंड के मानवीय निर्णय को योजना के रूप में धरातल पर उतारने का फैसला लिया. ज्ञात हो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लिये गए निर्णय के बाद, केंद्र की मोदी सरकार समेत दो बीजेपी शासित राज्य, उत्तर प्रदेश व बिहार ने वैसे ही योजना के मार्फ़त, अनाथ बच्चों को सहायता पहुंचाने का फैसला लिया है. 

मुख्यमंत्री सोरेन की सूक्ष्मदर्शी नजर का, तत्काल राज्य के वंचितों तक पहुँचना, राज्य के प्रति बतौर मुख्यमंत्री उनकी चेतना को प्रदर्शित करता है. ज्ञात हो, 13 मई 2021 को झारखंड सरकार द्वारा कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों के अँधेरे भविष्य को रोशन करने का फैसला लिया गया था. जिसके तहत एलान किया गया था कि अनाथ बच्चों के देखभाल के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जायेगी. रांची जिला प्रशासन ने अभी तक ऐसे तकरीबन 5 बच्चों को सहायता पहुंचा, पहल भी कर चुकी है. भाजपा हेमंत सोरेन के फैसले से अभिभूत हो उनके निर्णय पर अमल करने का फैसला लिया है.

हेमंत सोरेन की पहल के बाद किस-किस तिथि में बीजेपी सरकार ने लिए ऐसे फैसला 

  • 29 मई : केंद्र की मोदी सरकार ने फैसला किया कि कोरोना संक्रमण से माता-पिता या अभिभावक दोनों को खोने वाले अनाथ बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के तहत उनकी शिक्षा में सहायता दी जाएगी.
  • 30 मई : बिहार में बीजेपी समर्थित नीतिश कुमार ने भी फैसला लिया कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है, उन सभी अनाथ बच्चों को 18 साल के होने तक हर महीने 1500 रुपए सहायता के तौर पर दिए जाएंगे. बच्चों को यह राशि ‘बाल सहायता योजना’ के अंतर्गत दी जाएगी.
  • 30 मई : बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश के सरकार ने भी फैसला लिया कि महामारी में अनाथ हुए बच्चों के पालन पोषण व पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. 

जाहिर है बीजेपी शासित राज्यों ने यह फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिये निर्णय के 17 दिनों बाद उठाया है. अब नियत व वक़्त ही तय करेगा कौन कितनी गंभीरता से बालपन की रक्षा करता है. 

अनाथ बच्चों को झारखंड में राहत देने की पहल हो चुकी है शुरू 

घोषणा के दौरान ही मुख्यमंत्री ने अपील की थी कि ऐसे अनाथ बच्चों की जानकारी लोग प्रशासन को दें. झारखंड सरकार ने विज्ञापन जारी कर भी सरकार को ऐसे बच्चों की जानकारी देने की अपील की थी. सभी जिला के बाल संरक्षण इकाई और सीडब्ल्यूसी को, ऐसे बच्चों को आश्रय देने के लिए निर्देश दिया जा चूका है. ज्ञात हो, रांची जिला प्रशासन को 3 बच्चों की जानकारी भी मिली. और योजना के तहत रांची जिला के बाल संरक्षण इकाई विभाग ने अभी तक 3 बच्चों को प्रोटेक्शन दिया गया है. ये तीनों बच्चे मांडर, बेड़ो और जगन्नाथपुर क्षेत्र से हैं.

सूचना प्राप्त करने लिए हेमंत सरकार में हुआ समर्पित टीम का गठन व जारी हुए हेल्पलाइन नंबर  

जिला कल्याण पदाधिकारी के निगरानी में संचालित चाइल्ड केयर हेल्पलाइन में, ऐसे मामलों में तत्काल सहायता प्रदान करने हेतु एक समर्पित टीम गठित की गई है. और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये गए हैं. जिस पर अनाथ बच्चों की सूचना दी जा सकती है. प्रशासन की टीम प्रभावित बच्चों को संरक्षण प्रदान करेगी. बच्चों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र करने और आवश्यकता का आकलन करने के बाद जिला बाल कल्याण समिति अंतिम निर्णय लेगी.

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