झारखण्ड : सरकार गठन के लगभग चार वर्ष बाद बीजेपी द्वारा एक दलित विधायक अमर बाउरी को नेता प्रतिपक्ष चुना गया. सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा दलित नेता प्रतिपक्ष नेता को पूरा सम्मान के साथ स्वागत किया गया .
रांची : झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन मानते हैं कि सामंतवाद के अक्स में आदिवासी और दलित एक ही मात के दो अभागे पूत हैं. और सीएम हेमन्त हमेशा इन दोनों समुदायों को एक ही मंच पर रखते दिखते हैं. सीएम ने विधानसभा सत्र के प्रथम दिवस पर दलित विधायक सदन प्रतिपक्ष नेता अमर बाउरी को पूरा सम्मान दे कर अपने मानवीय, सामाजिक और संवैधानिक पहलू को उभार दिया है. ज्ञात हो, ऐतिहासिक तथ्य भी कई मायने में आदिवासी-दलित को एक दुसरे जोड़ते हैं.
ज्ञात हो, झारखण्ड प्रदेश में चुनावी मैदान में, प्रवासी सीएम रघुवर दास का हश्र बुरा होने के बाद बीजेपी के द्वारा आदिवासी-दलित चेहरे पर दाव खेला गया गया है. एक तरफ आदिवासी बाबूलाल मरांडी को उनके पार्टी जेवीएम समेत वनवासी बनाकर राज्य के समक्ष पेश किया गया है. तो वहीँ कभी उसी जेवीएम दल से जीते विधायक अमर बाउरी को धन-बल के आसरे बीजेपी में शामिल किया गया था. उस दलित विधायक को नेता प्रतिपक्ष का चेहरा बना का राज्य के समक्ष पेश किया गया है.
मसलन, झारखण्ड विधानसभा के शिकालीन सत्र के प्रथम दिन बतौर प्रतिपक्ष नेता, बीजेपी विधायक अमर बाउरी का भी सदन में पहला दिन था. विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र महतों, नेता सदन, सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा सदन में उनका सवागत किया गया. सीएम यहीं नहीं रुके. अमर बाउरी के साथ एक भाई के भांति हाथ थामे संग में उनके केबिन तक गए. फिर उन्होंने उन्हें सम्मान के साथ आसन ग्रहण कराया और शुभकामनाएं दी. इस दरम्यान सीएम बहुत खुशा दिखे.