हेमन्त सरकार झारखण्ड को दे रही हक-अधिकार तो विपक्ष परेशान

सीएम सोरेन ने कहा राज्य सरकार केंद्र के सहायता के बिना सर्वजन पेंशन योजना से राज्य में सभी वृद्ध, विकलांग, एकल महिला, विधवा, व तमाम जरूरतमंद को बेलगाम महंगाई में समाजिक सुरक्षा मुहैया कराई है.

चतरा : सीएम हेमन्त सोरेन ने झारखण्ड के चतरा-लातेहार जिले में, खतियानी जोहार यात्रा कार्यक्रम में कहा कि झारखंडियों में अपने जल-जंगल-जामें समझौता न करने की परम्परा रही है. मसलन, झारखण्ड को वीर-शहीदों की धरती कही जाती है. यही कारण है कि अलग राज्य प्राप्त करने हेतु असंख्य ने अपना सर्वस्व दिया. जिसका मूल उदेश्य राज्य के मूलवासी व आदिवासी का हक-अधिकार को संरक्षण देना है. और हमारी सरकार इस परम्परा को जीने में विशवास रखती है. इसे उदेश्य के कार्य कर रही है.

झारखण्ड : हेमन्त सरकार झारखण्ड वासी को दे रही हक-अधिकार

झारखण्ड राज्य अलग तो हुआ, परंतु 20 वर्ष के बाद भी आज हमारा राज्य विकास के पैमानों में पिछड़ा है. आखिर कमी कहां रह गई? हमारी सरकार इस चिंतन के साथ राज्य को प्रत्येक क्षेत्र को फिर से विकसित करने की दिशा में निरंतर कार्यु कर रही है. राज्य के किसानों की आय को बढ़ाने प्रयास हो रहा है. साथ ही पशुधन जैसे योजना के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि एवं राज्य की महिलाओं एवं बच्चों में व्याप्त कुपोषण जैसी कोढ़ को समाप्त करने का प[रयास कर रही है.

गरीब, असहाय तथा जरूरतमंद को मिल रहा है सामाजिक सुरक्षा

सीएम सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के सहायता के बिना सर्वजन पेंशन योजना के माध्यम राज्य के सभी वृद्ध, विकलांग, एकल महिला, विधवा, व तमम जरूरतमंद को बेलगाम महंगाई के बीच समाजिक सुरक्षा मुहैया कराई है. राज्य में शिक्षा के क्षेत्र की सुलभता हेतु सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, उच्चतर शिक्षा, अंग्रेजी मीडियम स्कूल समेत कई असरदार कदम उठाए गए हैं. जिसका लाभ उठा के बच्चे अपना उज्जवल भविष्य बना सकते हैं.

सरकार के निर्णय जनता को देती है खुश

सीएम सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों से राज्य की जनता में खुशी है. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, पारा शिक्षक एवं सरकारी कर्मचारियों को हमारी सरकार ने उनका हक और अधिकार दिया है. जनता ने सरकार के फैसलों का स्वागत किया है. पदाधिकारी गांव-गांव, पंचायत-पंचायत पहुँच जन समस्याओं का समाधान किया है. जबकि पहले लोगों को प्रखंड कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता. सरकार के कार्यों से विपक्ष गब्राई हुई. मसलन, वह ऱोज आदिवासी-मूलवासी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का षड्यंत्र कर रही है.

Leave a Comment