दीदी किचन योजना से गरीबों का भूख मिटा रही है हेमंत सरकार

मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना राज्य में मिटा रही है गरीबों की भूख

कोरोना संकट जैसे विकट परिस्थिति में झारखण्ड की हेमंत सरकार राज्य के लोगों के हर संभव प्रयास करते दिख रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उनका इस बात पर अधिक जोर है कि राज्य का कोई भी नागरिक भूखा न रहे। राज्य के गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन मुहैया कराने के लिए सरकार ने पहले ही कई कदम उठा लिए थे।

जैसे अग्रीम राशन देना, ऐसे लोगों को भी राशन देने का निर्देश दिया गया जिनके के पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं थे। यही नहीं आपातकालीन स्थिति में पंचायत मुखिया व नगर पार्षदों को 10 किलो अनाज देने के अधिकार दिए गए। साथ ही दाल-भात केंद्रों को बेहतर ढंग से सुचारु करने के भी निर्देश दिए। 

अब हेमंत सरकार इस कड़ी में गरीब असहाय लोगों को मुफ्त भोजन की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना का शुरुआत कर एक कदम और आगे बढ़ चली है। राज्य के सभी 4562 पंचायतों में पिछले रविवार से इन केंद्रों का शुभारंभ कर दिया गया है। और इसके संचालन की जवाबदेही पंचायत स्तर पर निबंधित सखी मंडलों को दी गई है।

झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन ने इस संबंध में आम लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। साथ ही सांसद-विधायकों समेत समस्त जन प्रतिनिधियों को पत्र लिख इसकी जानकारी दी है। ये दीदी किचन झारखण्ड में पहले से चल रहे 875 दाल-भात केंद्र व 342 पुलिस प्रशासन की मदद से शुरू किए गए कम्युनिटी किचेन के अलावा हैं।

दीदी किचन से मिटेगी गरीबों का भूख

सीएम का कहना है कि लॉकडाउन में भी झारखंड के बाहर से लाखों मज़दूर भाई वापसी हो गयी हैं। जिससे राज्य के लाखों दिहाड़ी मज़दूरों व गरीब परिवारों के सामने जीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में सरकार की यह ज़िम्मेदारी है कि वह नागरिकों के जीवन की रक्षा करे।

सीएम ने यह भी निर्देश दिया है कि सांसदों व विधायकों की अनुशंसा पर हर ज़रूरतमंद को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए, ताकि संकट की इस घड़ी में एक भी झारखंडी भूखा न रहे। ताजा आंकड़ों के अनुसार 12081 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया है। साथ इन सभी केंद्रों पर भोजन वितरण के दौरान कम से कम 3 फीट शारीरिक दूरी का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा है ताकि वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए के प्रयासों को सफलता मिल सके।

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