हाशिए पर प्रदेश भाजपा- नहीं मिल रहें मुद्दे. अनर्गल आरोप व दिशाहीन राजनीति पर उतारू

प्रदेश भाजपा के मोमेंटम झारखंड जैसे परिपाटी से इतर हेमन्त सरकार नई औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति के आसरे राज्य में विकास की खीच रही है मोटी लकीर

भाजपा काल में, यदि रघुवर सरकार ने 2018 में ही सड़क-बिजली जैसे बुनियादी समस्या का हल कर दिया था, फिर भाजपा का हेमन्त सरकार से इन विषयों पर सवाल क्यों?

झारखंड में राजनीतिक जमीन खो चुकी भाजपा, वापसी की उम्मीद पाले हवा-हवाई जोर लगा रही है. भाजपा के लिए किसी सदमें से कम नहीं कि पांच साल के, तथाकथित डबल इंजन की सरकार के रूप में कार्यकाल पूरा करने के बावजूद, उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा. मुख्य कारण उनके तानाशाही रवैया व झारखंडी भावना के विपरीत उनकी जनविरोधी नीतियां, आदिवासी-मूलवासी जनता की अनदेखी, कॉर्पोरेट सखा के लिए गरीबों की ज़मीन हड़पना, भ्रष्टाचार-घोटाला व प्रवासियों की एकतरफा राजनीति रही. नतीजतन, सत्ता में फिर से वापसी के लिए उन्हें मुद्दों की तलाश है.

ज़मीनी मुद्दों के आभाव में बीजेपी की आस केवल हेमन्त सरकार पर अनर्गल आरोप लगाना रह गया है

मुद्दों के आभाव में बीजेपी की आस केवल हेमन्त सरकार पर अनर्गल आरोप लगाने पर आ टिकी है. ताजा आरोप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश राज्य की कानून व्यवस्था, सड़कों-बिजली की स्थिति को लेकर सवाल उठाते देखे जा रहे हैं. वे विकास कार्य को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करते देखे जा रहे हैं. पर कहा जाता है कि किसी की तरफ एक उंगली उठायी जाती है तो बाकी की चार उंगलियां खुद की ओर होती है. यहाँ भी यही स्थिति है.

दीपक प्रकाश को ज्ञात होना चाहिए कि झारखण्ड में भाजपा की पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमन्त्री रघुवर दास ने घोषणा की थी कि पूरे राज्य में 2018 तक शतप्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा कर दिया जायेगा. अगर यह लक्ष्य पूरा कर लिया गया था तो फिर विद्युतीकरण पर सवाल क्यों? इसी प्रकार सड़क की स्थिति को लेकर वादे किये गए थे. 

रघुवर सरकार के दौर में पूरा खूंटी क्षेत्र पत्थलगड़ी की आग में झुलस रहा था. इस मामले में सैकड़ों बेगुनाह ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दायर कर उन्हें जेल में ठूंस गया था. पूरे जिले में अशांति थी. हेमन्त सरकार ने बेगुनाहों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया. अब खूंटी इलाके में वह दहशत नहीं है. और जिले में धीरे-धीरे विकास कार्यों में तेजी आ रही है. 

मोमेंटम झारखंड जैसे परिपाटी से विपरीत हेमन्त सरकार नई औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति के आसरे राज्य में विकास की खीच रही है लकीर

ज्ञात हो, भाजपा सरकार ने इसी प्रकार मोमेंटम झारखंड के दौरान झारखंडी जनता के पसीने की गाढ़ी कमाई, करोड़ों रूपये खर्च कर झारखंड में हवा में हाथी उड़ाया. फलाफल के रूप में हाथी बैठ गया और मोमेंटम झारखंड वर्त्तमान में केवल घोटाले की काली सच्चाई लिए खड़ा है. जबकि हेमन्त सरकार नई औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति के आसरे राज्य में विकास की लकीर खीच रही हैं. खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति हुई है. खेल नीति पर काम हो रहा है. सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चल रही है. और विशेष ध्यान उन वर्गों पर दिया गया है जो भाजपा काल में हाशिये के अंतिम छोर आ खड़ा हुई थी.

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