झारखण्ड प्रदेश में एनडीए गठबंधन का ग्राफ गिर रहा लगातार

झारखण्ड : हेमन्त सोरेन की शाजिशन गिरफ्तारी, कल्पना सोरेन का राजनीति में मार्मिक प्रभावी उदय, आपसी फूट, आरोपी कैंडिडेट चयन और थिंकटैंकों का वैचारिक विरोध बीजेपी की नैया डूबने को तैयार. 

रांची : झारखण्ड प्रदेश में भाजपा समर्थित एनडीए गठबंधन का वोटिंग ग्राफ न केवल अप्रत्याशित रूप नीचे जा रहा है. वर्षों से शहरी क्षेत्र में कायम इसका किला भी भरभरा कर ढहता देखा जा रहा है. और बाहरी नेताओं बर्चस्व के अक्स में झारखण्ड प्रदेश के भाजपा इकाई के मूल नेताओं में  दुःख, गुस्सा के अधिक कुछ कर पाने में के अक्स में अपंग महसूस करने का सच, प्रदेश भर के लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा को दुर्गति की सच को स्पष्ट रूप से बयान करता दिख चला है. 

झारखण्ड में एनडीए गठबंधन का ग्राफ गिर रहा लगातार

प्रदेश भाजपा के ऐसी दुर्गति होने के पीछे राज्य के पूर्व सीएम हेमन्त सोरेन को साजिशन जेल भेजा जाना, कल्पना सोरेन का झारखंडी राजनीति के केंद्र रूप में उभार, एलेक्ट्रोरल बांड घोटाले का पर्दाफास, महंगाई, केन्द्रीय गरीब, किसान, युवा विरोधी नीतियाँ, एससी, एसटी, ओबीसी और विशेष कर महिला विरोधी नीतियाँ इसका स्पष्ट कारण हैं. धनबाद जैसे क्षेत्र से ढूल्लू  महतो जैसे आरोपी को टिकट दिया जाना स्पष्ट उदाहरण है. जिसका विरोध सरयू राय जैसे नेता करते देखे जा रहे हैं. 

हेमन्त सोरेन का साजिशन जेल और कल्पना सोरेन का प्रभावी राजनितिक उदय 

झारखण्ड की राजनीति पहले ही बाहरी बर्चस्व का सच लिए था. ऐसे में झारखण्डी नेता हेमन्त सोरेन की केन्द्रीय शक्तियों के प्रभाव में जांच एजेंसी के आसरे साजिशन गिरफ्तारी, विशेष कर एससी, एसटी और ओबीसी को बीजेपी के विरुद्ध कर दिया है. इसी बीच कल्पना सोरेन का झारखंडी राजनीति में मार्मिक प्रभावी उभार बीजेपी की बची आस पर भी पानी फेर दिया है. ज्ञात हो आरक्षित और महिला वर्ग में कल्पना सोरेन की स्वीकार्यता बीजेपी के लिए सर्वाधिक सरदर्द बन चली है. 

झारखण्ड मूल के बीजेपी नेताओं के दरकिनार होने के अक्स में गलत कैंडिडेट का चयन झारखंडी आरएसएस थिन्कटैंको को आंतरिक विरोध करने पर विवश कर दिया है. वहां भी विभिन्न जातियों, सामाजिक गुटों के बीच विभाजन की परिस्थिति मजबूत होती जा रही है. साथ ही इस दफा शहरी क्षेत्र भी इलेक्टोरल बांड घोटाला, महंगाई जैसे सच के अक्स में देश के भविष्य का आंकलन कर रहा है. नतीजतन, जैसे-जैसे चुनाव के दिन नज्दी आ रहे हैं बीजेपी का वोटिंग ग्राफ गिरता जा रहा है.

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