राज्यपाल केंद्र  का प्रतिनिधि है – पत्रकार दिलीप मंडल 

झारखण्ड और छत्तीसगढ़ में OBC आरक्षण क़ानून को राज्यपालों ने जिस तरह रोक रखा है, उससे बीजेपी की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है. और यदि ऐसा नहीं है तो बीजेपी साबित करे कि वह OBC विरोधी नहीं है.

रांची :  बहुजन पत्रकार दिलीप मंडल के द्वारा ट्वीट कर आरोप लगाया गया कि राज्यपाल केंद्र का प्रतिनिधि है. उदाहरण में कहा गया कि झारखण्ड और छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% करने वाले क़ानून को दोनों ही राज्यों में राज्यपालों ने जिस तरह रोक रखा है, उससे बीजेपी की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है. और यदि ऐसा नहीं है तो बीजेपी साबित करे कि वह ओबीसी विरोधी नहीं है.

राज्यपाल केंद्र  का प्रतिनिधि है - पत्रकार दिलीप मंडल 

दिलीप मंडल के ट्विट के रिप्लाई में जनता द्वारा भी केंद्र पर आरोप लगाया गया कि केवल EWS तुरंत लागू हो जाता है. बाकी सब में समस्या ही होती है. ये सब केवल तभी सुधरेंगा जब कॉलेजियम सिस्टम हटेगा. जनता द्वारा स्पष्ट लिखा गया कि उन्हें पता है कि वहाँ प्रचुर संख्या में उनके ही लोग हैं कुछ ना कुछ पेच फँसा ही देंगे. और SC/ST/OBC के आरक्षण बढौतरी के रास्ते में रोड़े अटका ही देंगे. जैसे अन्य मामलों में हमेशा से दिखता आया है. 

इस ट्विट के रिप्लाई में केन्द्रीय सत्ता पर यह भी आरोप लगाया गया है कि अगड़ों का आरक्षण शासकवर्ग सम्मत है जबकि वंचित वर्गों का संविधान से प्राप्त मूलाधिकार भी कानून सम्मत नहीं. अब संविधान को रौंदने का कुत्सित प्रयास से निपटने की तैयारी होनी चाहिए. हकमारों से निपटने का और क्या तरीका हो सकता है? बीजेपी पिछ्डों का हितेषी होने का सिर्फ दिखावा करती है, पर अंदरखाने हमेशा से काम OBC वर्ग के विरोध में काम करती है.

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