झारखण्ड : बरहेट से आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार का आगाज

झारखण्ड : हेमन्त सत्ता में मौलिक अधिकारों के संरक्षण पर जोर. रोटी, कपडा, मकान, सामाजिक समानता-न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, कृषि, बेटी संरक्षण, एससी, एसटी, ओबीसी जैसे सभी आयामों पर जोर. 

रांची : बरहेट, साहिबगंज से सीएम हेमन्त सोरेन के द्वारा “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” जन कार्यक्रम के तीसरे चरण का आगाज 24 नवंबर 2023 को 891 योजनाओं उद्घाटन- शिलान्यास, 330 लाभुकों के बीच परिसंपत्ति वितरण के साथ हुआ. सीएम का कहना कि विकसित राज्य की मंशा के मद्देनजर अधिकारी योजनाओं की गठरी बांधकर आपके क्षेत्र में पहुंचेंगे और आपके हक-अधिकार आपको ससम्मान समर्पित करेंगे, सीएम की दूरदर्शिता को प्रदर्शित करता है.

बरहेट से सरकार आपके द्वार का आगाज

ज्ञात हो, झारखण्ड राज्य की बाग़-डोर जब सीएम हेमन्त सोरेन ने संभाली तो राज्य का खजाना खाली था, राज्य कर्ज में भी था. केंद्र सरकार न केवल मुट्ठी बांधे रही, राज्य का जीएसटी समेत केन्द्रीय उपकर्मों का बकाया अदाएगी के पक्ष में भी नहीं दिखी. कोरोना ने दस्तक दी तो झारखण्ड बीजेपी के नेता घर में दुबक कर भी सरकारी व्यवस्था में खलल डालने से नहीं चुके. झारखण्ड बीजेपी के नेता प्रवासी श्रमिकों को बीच मझधार में छोड़ दिल्ली से झारखण्ड भाग आएं. यही आखिरी सच है. 

ऐसे विषम परिस्थिति के बीच भी झारखण्ड को संकट से उबारना कितना चुनौती भरा कार्य हो सकता है, अंदाजा लगाया जा सकता है. लेकिन सीएम हेमन्त की कुशलता ने न केवल राज्य को सकुशल उबारा, राज्य की अर्थवयवस्था को भी मजबूती दी. इसकी गवाही केन्द्रीय रिपोर्ट भी देती है. हेमन्त सत्ता में राज्य की जनता ने नागरिक होने का मर्म जाना. चाहे प्रवासी श्रमिक हो या मानव तस्करी में फंसी राज्य की बेटियां, बतौर सीएम हेमन्त सोरेन उन्हें झारखण्ड के नागरिक होने का बोध कराया.

केन्द्रीय षड्यंत्रों के बीच सीएम ने राज्यवासियों मूल भूत अधिकारों को दी मजबूती 

झारखण्ड नाजुक दौर से गुजर रहा था. राज्य भूख से हुए मौतों का भार ढो रहा था. एक तरफ राज्य का हाथ खाली तो दूसरी तरफ केन्द्रीय षड्यंत्रों का जकड़न झारखण्ड का भविष्य लील लेने पर आमादा था. ऐसे में सीएम हेमन्त की योजनायें, निर्णय और नीतियों में झारखण्ड के पक्ष में वह कमाल कर दिखाया. जिसके अक्स में राज्य वासियों का रोटी, कपडा, मकान, सामाजिक न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, कृषि, बेटी संरक्षण, एससी, एसटी, ओबीसी जैसे सभी आयामों मजबूती मिली.

सीएम हेमन्त के नेतृत्व में राज्य सरकार ने औद्योगिक नीति, खेल नीति, उर्जा नीति, पर्यटन नीति को उतारा. कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से राज्य वासियों की रोटी, कपड़ा, शिक्षा, चिकित्सा और समाजिक सुरक्षा बहाल की. न केवल रिक्त पदों पर नियुक्तिया शुरू की, निजी संस्थाओं के रिक्तियों में भी राज्यवासियों की 75% आरक्षण को सुनिश्चित किया. और स्वरोजगार को बल दिया. आदिवासी सरना धर्म कोड, आरक्षण बढ़ोतरी, मोबलिंचिंग जैसे जरुरी विधेयकों को पारित करा केंद्र भेजा गया. 

सीएम हेमन्त के द्वारा सिरे से राज्य में फैले सामन्ती मकड़जाल को सुलझाने के कारगर प्रयास हुए. कर्मचारियों की ओपीएस की मांग पूरी हुई. पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी बहनों, आंदोलनकारियों व अन्य की समस्याओं का हल निकाला गया. स्कूल, महाविद्यालय, सड़क, पूल-पुलिया के दुरुस्तीकरण व नव निर्माण के कार्य शुरू हुए. और धरती आबा बिरसा मुंडा को विकास का प्रतीक मानते हुए सीएम ने “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” जैसे जन कार्यक्रम की शुरुआत की.    

बरहेट से आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार के तीसरे चरण की शुरुआत 

सीएम हेमन्त के द्वारा 24 नवम्बर से आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत हुई है. ज्ञात हो पिछले दो अभियानों में सरकार ने बड़ी संख्या में जन समस्या को सुलझाने में सफलता पाई है. इसके तहत राज्य के सभी पंचायत में शिविर लगाकर जन समस्याओं के जन आवेदन लिए जाएंगे. और तत्काल समस्याओं का निराकरण होगा. राज्य के जरुरतमंदों को जन कल्याकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें सबलता प्रदान की जायेगी. विशेष कर राज्य के 8 लाख गरीबों को अबुआ आवास दिए जायेंगे.

सीएम ने कहा कि इस अभियान के तहत शिविरों में प्राप्त सभी आवेदन रजिस्टर्ड होंगे. संबंधित आवेदकों को मोबाइल मैसेज के माध्यम से कार्रवाही की सूचना दी जायेगी. हर आवेदन पर कार्रवाई होगी और आवेदकों से सम्बंधित सभी समस्याओं का निराकरण होगा. सरकार राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर गंभीर है. क्योंकि सरकार समग्र विकास के आसरे झारखण्ड को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने को प्रतिबद्ध है. 

बच्चियों की शिक्षा से कोई समझौता नहीं -सीएम 

सीएम ने कहा कि वह बच्चियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार कृत संकल्पित है. बच्चियों की पढ़ाई से समझौता नहीं होगा. सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत परिवार की सभी बच्चियां लाभान्वित होंगी, चाहे उस परिवार में बच्चियों की संख्या दो से अधिक ही क्यों ना हो. यही नहीं गुरुजी स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड के तहत सरकार अपनी गारेंटी पर जरूरतमंद विद्यार्थियों को उनके शर्तों पर मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ जैसे कोर्स के लिए लोन मुहैया करा रही है.

राज्य में चरणबद्ध तरीके से सभी छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है. यहाँ के रहने वाले विद्यार्थियों के लिए अनाज, रसोईया व सुरक्षा बहाल कराने की दिशा में भी सरकार बढ़ चली है. जल, जंगल और जमीन से आदिवासियों का रिश्ता कायम रखने हेतु अबुआ वीर दिशोम योजना शुरू की गयी है. इस योजना के तहत जंगल में बसने वालों को वनाधिकार पट्टा दिया जा रहा है. साथ ही सीएम ने जानलेवा महंगाई के बीच राज्य वासियों राशन कार्ड में प्रति माह 1 किलो दाल देने का एलान किया है.

मसलन, हेमन्त सरकार की तमाम कार्ययोजनाओं के आकलन से प्रतीत होता है कि तमाम झंझावातों के बीच भी झारखण्ड राज्य विकास की और अग्रसर है. और यही किसी राज्य-देश के विकास के लिए सटीक और सर्वोत्तम रास्ते हो सकते हैं. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के बाद यदि केंद्र में झारखण्ड के मंशा अनुकूल सरकार आती है तो राज्य के तमाम समस्याओं का निराकरण और आसान हो सकता है. राज्य में विकास की गति गुणात्मक आंकड़ों के साथ बढ़ सकती है.

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