झारखण्ड : हाथ उसी का जलता है जो आग बुझाते है. कोरोना काल में जगरनाथ दा बीमार पड़े. लेकिन, पारा शिक्षक जैसे तमाम अनुबंध कर्मियों के कसक ने उन्हें बीमारी से लड़ने की शक्ति दी. आराम छोड़ उन्होंने अपने भाई-बहनों की समस्या निवारण को प्राथमिकता दी.
रांची : 6 अप्रेल 2023, गुरूवार की सुबह झारखण्ड राज्य के लिए दुखद खबर ले कर आयी. झारखण्ड आन्दोलन के सिपाही, गरीबों व अनुबंध कर्मियों के पहरुआ, झारखण्ड राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (दा) ने दुनिया को अलविदा कह दिया. ज्ञात हो, जगरनाथ दा लोकतंत्र के मजबूत प्रहरी रहे हैं. यही कारण था कि पूर्व की बीजेपी सत्ता में जब पारा शिक्षकों व आंगनबाड़ी के बहनों पर लाठी बरसाई गयी तो दिशों गुरु के साथ उनकी भी कड़ी प्रतिक्रया आयी थी.
ज्ञात हो, कहते हैं आग से हाथ उसी का जलता है जो आग बुझाने का प्रयास करते हैं. कोरोना से लड़ाई के काल में ही वह बीमार पड़े. लेकिन, पारा शिक्षक जैसे तमाम अनुबंध कर्मियों के सुखद भविष्य के कसक ने उन्हें बीमारी से लड़ने की शक्ति दी. हालांकि, उन्हें आराम की जरुरत थी फिर भी उन्होंने पारा शिक्षक व आंगनबाड़ी के बहनों की समस्या के निवारण को प्राथमिकता दी. और सीएम सोरेन के साथ मिलकर उन्होंने उनकी समस्याओं का स्थाई हल निकाले.
इसके बाद भी उन्होंने आराम नहीं किया. हालिया दिनों में वह झारखण्ड में शिक्षकों की भर्ती को लेकर बहुत मेहनत करते रहे. नियोजन नीति के रद्द होने के मद्देनजर विपक्ष के छल से बहुत चिंतित रहते थे. तमाम परिस्थियों के बीच वह अपनी बीमारी पर ध्यान न दे सके. और बजट सत्र के दौरान एक बार फिर वह सीरियस हो गए. सीएम सोरेन की अगुवाई में उन्हें इलाज़ के लिए चेन्नई भेजा गया. जहाँ वह बीमारी से लड़ते हुए शहीद हुए. झारखण्ड खबर की ओर से उन्हें अंतिम जोहार…